Tuesday, 16 May 2023

मुख्तलिफ हवालों से ख़बर रखते हैं। /ग़ज़ल/ डॉ मनीष कुमार मिश्रा


 

तेरे हुस्न को इश्क का नजराना चाहिए

 तेरे हुस्न को इश्क का नजराना चाहिए

इतराओगे कैसे सामने आईना चाहिए।


उठाओ अपनी पलकों से नखरे उसके

मियां मेहनत करो यदि खज़ाना चाहिए।


जैसे शेर को सुनने का एक सलीका है 

वैसे ही सुनाने के लिए फसाना चहिए।


वैसे तो चोरी बुरी है तौबा करो लेकिन

मामला दिल का हो तो चुराना चाहिए।


न देखे पलट  तो तुम ही पलट जाओ

हक है तुम्हें थोड़ा तो इतराना चाहिए।


हो सकता है वो मिलते ही गले लगा ले 

सो मिलने जाने से पहले नहाना चाहिए।


इश्क की राहों में इतना संभलना कैसा

मौका मिले तो तुरंत फिसलना चाहिए।


तुम्हें मुबारक हों बुतखाने दुनियावालों

शाम ढलते ही हमको मयखाना चाहिए।


उनकी हो शादी तो दावत उड़ाते कहना 

तुम पर बर्बाद वक्त का हरजाना चाहिए।


डॉ मनीष कुमार मिश्रा

के एम अग्रवाल महाविद्यालय

कल्याण पश्चिम

महाराष्ट्र ।

स्वर सरिता के अंक में संत नामदेव पुरस्कार की खबर प्रकशित ।


 स्वर सरिता के अंक में महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा संत नामदेव पुरस्कार की खबर प्रकशित करने हेतु आदरणीय K.C. Maloo जी का आभार।

रूठकर न जाओ हंस के जाओ बुरा क्या है/ग़ज़ल/ डॉ मनीष कुमार मिश्रा


 

फिसला था कहां कहां दिल याद है।/ग़ज़ल/डॉ मनीष कुमार मिश्रा


 

राहत इंदौरी के 20 चुनिंदा शेर...

 राहत इंदौरी के 20 चुनिंदा शेर... 1.तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो 2.गुलाब, ख़्वाब, ...