Saturday, 20 April 2013
Wednesday, 17 April 2013
कुछ इस तरह मैंने
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Tuesday, 16 April 2013
अपने ही क़िस्से में, अपना ही लतीफ़ा हूँ ।
मैं आजकल, कुछ ऐसी प्रक्रिया का हिस्सा हूँ
कि अपने ही क़िस्से में, अपना ही लतीफ़ा हूँ ।
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अपना ही लतीफ़ा हूँ ।,
अपने ही क़िस्से में
शोर बहुत है लेकिन
शोर बहुत है लेकिन , मेरा चिल्लाना भी ज़रूरी है
शामिल सब में हूँ , यह दिखाना भी ज़रूरी है ।
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शोर बहुत है लेकिन
Sunday, 14 April 2013
मेरे हिस्से में सिर्फ़, इल्ज़ाम रखते हो
मेरे हिस्से में सिर्फ़, इल्ज़ाम रखते हो
किस्सा-ए-मोहबत्त यूं तमाम करते हो
मनीष "मुंतज़िर ''
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