Sunday, 6 May 2012

सिर्फ हँगामा खड़ा करना




सिर्फ हँगामा खड़ा करना भी, अब मेरे बूते का नहीं 


आम आदमी हूँ इस देश का, मेरे साथ कोई भी नहीं ।


kuchh meri tasveeren








Friday, 4 May 2012

गर्भनाल’ अप्रवासी भारतीयों की मासिक ई-पत्रिका


दो हिन्दी प्रेमी मित्रों के जुनून का परिणाम है गर्भनाल. एक दिन बात चली कि हिन्दी भाषा की वर्तमान दशा की कमियाँ गिनाने की बजाय उसकी तरफदारी में खड़े होने के लिए कुछ सार्थक काम किया जाये. परिणाम आप सभी देख रहे हैं. अपनी ज़मीन से दूर रहने वाले प्रवासी भारतीयों की आवाज को रखने के मंच के तौर पर गर्भनाल एक मंच प्रदान करने का प्रयास कर रही है. ’गर्भनाल’ अप्रवासी भारतीयों की मासिक ई-पत्रिका है जो हर महीने पीडीएफ के रूप में मुफ्त वितरित की जाती है। इसे लगभग ५० हजार ईमेल पतों पर भेजा जाता है. यह प्रयास अनवरत जारी है. दुनियाभर के हिन्दी प्रेमियों ने इसे प्रोत्साहित किया और सराहा है. इस काम के पीछे बस यही भावना काम कर रही है कि लोगों ने क्या किया की बजाय हम क्या कर सकते है को ध्यान में रखा जाय.
आप भी अगर हिन्दी प्रेमी हैं तो इस मिशन से जुड़ सकते हैं.  पता है -

अंतर्राष्ट्रीय हिंदी प्राध्यापक परिषद


अंतर्राष्ट्रीय हिंदी प्राध्यापक परिषद का उद्देश्य यही है कि पूरी दुनिया में हिंदी अध्ययन -अध्यापन से जुड़े 





 प्राध्यापक,लेखक और साहित्य प्रेमी एक मंच पे आयें और आपस मे सूचनाओंतथा विचारों का आदान-प्रदान 


 


 कर सके । विशेष रूप से संगोष्ठियों,परिसंवादों,साहित्यकारों,पत्र-पत्रिकाओं तथा कला, साहित्य और संस्कृति 


 


 से जुड़ी जानकारी । 



देश-विदेश में हिन्दी अध्ययन -अध्यापन से जुड़े लोगों को एक साथ लाने का यह छोटा सा प्रयास है ।

आप सभी का यहाँ स्वागत है ।


 


 


Wednesday, 2 May 2012

रिश्ते पंछियों की तरह होते हैं

रिश्ते पंछियों की तरह होते हैं


,
जादा दबा के पकड़ो तो मर जाते हैं ।



बहुत धीरे से पकड़ो तो उड़ जाते हैं 


 ,
लेकिन प्यार से पकड़ो तो हमेशा बने रहते हैं ।

Research Award 2012-14

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