Tuesday, 19 November 2024

Alfraganus University में व्याख्यान

 🔴HINDISTON | MA'RUZA


🟤Bugun Alfraganus universitetiga xalqaro hamkorlik doirasida Hindistonning Mumbay shtati Maharashtra shahrida joylashgan K.M. Agraval kolleji dotsenti, PhD Manish Kumar Mishra va Toshkent davlat sharqshunoslik universiteti Janubiy Osiyo tillari va adabiyoti oliy maktabi dotsenti v.b. PhD Kamola Raxmatjonova tashrif buyurdilar.


🟤PhD Manish Kumar Mishra Ijtimoiy fanlar fakulteti talabalari uchun "Hindiston falsafasi va dinlari" mavzusida ma’ruza o‘qib, Hindistonning falsafiy merosi, diniy an’analari hamda madaniy o‘ziga xosliklari haqida batafsil ma’lumot berdi.


🟤Uchrashuv davomida talabalar Hindiston madaniyati va dinlari haqidagi bilimlarini boyitish bilan birga, xalqaro fanlararo muloqotning muhim ahamiyatini chuqur angladilar.


Alfraganus University ताशकंद में आज "भारतीय दर्शन और सनातन धर्म" विषय पर व्याख्यान देने का अवसर मिला। इस अवसर के लिए प्रोफ़ेसर Kamola Rahmatjonova  और Alfraganus University में समाज विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर शेरदोर जी का आभार।










Saturday, 16 November 2024

राज कपूर पर अंतरराष्ट्रीय परिसंवाद, ताशकंद, उज़्बेकिस्तान

 राज कपूर शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में लाल बहादुर शास्त्री भारतीय संस्कृति केंद्र, भारतीय दूतावास, ताशकंद, उज़्बेकिस्तान एवं ताशकंद स्टेट युनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज, ताशकंद, उज़्बेकिस्तान के संयुक्त तत्त्वावधान में एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन आगामी 21 दिसंबर, 2024 को ताशकंद में किया जा रहा है। प्रपत्र हिंदी, अंग्रेजी या उज़्बेकी भाषा में 10 दिसंबर 2024 तक स्वीकार किये जायेंगे। विस्तृत जानकारी संलग्न है । इस संदर्भ में अधिक जानकारी के लिए संयोजक डॉ मनीष कुमार मिश्रा एवं डॉ निलोफर खोदेजेवा / Nilufar Bekmuratovna Khodjaeva जी से संपर्क किया जा सकता है।

इस आयोजन से जुड़ने के लिए आप निम्नलिखित ग्रुप से जुड़ सकते हैं। ऑनलाइन माध्यम से भी प्रपत्र प्रस्तुत किए जा सकेंगे।


टेलीग्राम ग्रुप 

https://t.me/+GAG9-26tLdM2ZWE9


व्हाट्स अप ग्रुप 

https://chat.whatsapp.com/KNM0G4s9iEOK2iEYNwhE4N


किसी भी तकनीकी सहयोग के लिए डॉ प्रवीण कुमार शर्मा/ Parveen Sharma  जी से संपर्क कर सकते हैं।






Tuesday, 22 October 2024

उज़्बेकिस्तान में एक पार्क ऐसा भी

 उज़्बेकिस्तान में एक पार्क ऐसा भी है जो यहां के वरिष्ठ साहित्यकारों के नाम है। यहां उनकी मूर्तियां पूरे सम्मान से लगी हैं। अली शेर नवाई, ऑयबेक, अगाही, गफूर गुलाम और जुल्फियां की प्रतिमाएं आप यहां देख सकते हैं। इस तरह के पार्क पर कोई भी राष्ट्र गर्व कर सकता है। पार्क के बीचों बीच एक म्यूज़ियम भी है।

छायांकन सहयोग भाई Parveen Sharma







Saturday, 12 October 2024

डॉ.मनीष कुमार मिश्रा संक्षिप्त परिचय 2024

 














नाम :  डॉ.मनीष कुमार मिश्रा

जन्म : वसंत पंचमी 09 फरवरी 1981

शिक्षा : मुंबई विद्यापीठ से MA हिंदी (Gold medalist) वर्ष 2003, B.Ed. वर्ष 2005, “कथाकार अमरकांत : संवेदना और शिल्पविषय पर डॉ. रामजी तिवारी के निर्देशन में वर्ष 2009 में PhD ,  MBA (मानव संसाधन) वर्ष 2014, MA English वर्ष 2018

संप्रति :  विजिटिंग प्रोफेसर, ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज़, उज्बेकिस्तान  

                 के एम अग्रवाल महाविद्यालय (मुंबई विद्यापीठ से सम्बद्ध ) कल्याण पश्चिम ,महाराष्ट्र में सहायक आचार्य हिन्दी विभाग में 14 सितंबर 2010 से कार्यरत ।

सृजन :

·         राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं /पुस्तकों इत्यादि में 80 से अधिक शोध आलेख प्रकाशित ।

·         250 से अधिक राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों / वेबिनारों में सहभागिता ।

·         15 राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों का संयोजक के रूप में सफ़ल आयोजन ।

 

प्रकाशन :

·         हिंदी और अंग्रेजी की लगभग 42 पुस्तकों का संपादन ।

·         अमरकांत को पढ़ते हुए   हिंदयुग्म नई दिल्ली से वर्ष 2014 में प्रकाशित । 

·         इस बार तुम्हारे शहर में कविता संग्रह शब्दशृष्टि, नई दिल्ली से 2018 में प्रकाशित ।

·         अक्टूबर उस साल कविता संग्रह शब्दशृष्टि, नई दिल्ली से 2019 में प्रकाशित ।

·         होश पर मलाल है - ग़ज़ल संग्रह, ऑथर्स प्रेस, नई दिल्ली से 2024 में प्रकाशित ।

·         तेरे अंजाम पे रोना आया - ठुमरी गायिकाओं पर केंद्रित आलेखों की पुस्तक ( सह लेखिका डॉ उषा आलोक दुबे ), आर के पब्लिकेशन मुंबई द्वारा 2024 में प्रकाशित 

सम्पर्क :     

·         manishmuntazir@gmail.com

·         https://onlinehindijournal.blogspot.com

91+ 9082556682, 8090100900

 


Sunday, 6 October 2024

डॉ. मनीष कुमार मिश्रा उज़्बेकिस्तान में खोज रहे हैं हिंदी की नई बोलियां ।

 











डॉ. मनीष कुमार मिश्रा उज़्बेकिस्तान में खोज रहे हैं हिंदी की नई बोलियां ।

माना जाता है कि दूसरी शताब्दी के आस पास कुछ घुमंतू जातियां मध्य एशिया, अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका की तरफ गईं और अलग अलग स्थानों पर रहने लगीं । समय के साथ इन्होंने अपनी मूल भाषा को खो दिया और स्थानीय भाषाओं को बोलचाल के लिए स्वीकार कर लिया । इन्हें मूल रूप से जिप्सी कहा जाता है।

मध्य एशिया के देश उज़्बेकिस्तान में भी ऐसे कई समुदाय रहते हैं। इन लोगों को यहां स्थानीय उज़्बेक भाषा में लोले या लोली कहा जाता है। इनके बीच भी कई समुदाय हैं जैसे कि अफ़गान, मुल्तान, पारया, जोगी, मजांग, कव्वाल, चिश्तानी, सोहूतराश और मुगांत इत्यादि । ये सभी भारत से हैं या नहीं यह शोध का विषय है। 

इस संबंध में विधिवत शोध कार्य न के बराबर हुए हैं। डॉ भोलानाथ तिवारी ने ताशकंद रहते हुए अफ़गान समूह की भाषा पर काम किया और उनकी भाषा को "ताजुज्बेकी" नाम देते हुए इसे हिंदी की एक नई बोली बताई । लेकिन वे लोले या जिप्सियों को इनसे अलग मानते हैं।

डॉ मनीष कुमार मिश्रा इन दिनों ICCR हिन्दी चेयर पर उज़्बेकिस्तान में हैं और ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज में हिंदी भाषा के विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। आप भारतीय दूतावास उज़्बेकिस्तान के सहयोग से इन समुदायों एवम इनकी भाषाओं का अध्ययन कर भारत से इनके संबंधों की पड़ताल कर रहे हैं। संभव है कि जल्द ही हिंदी की कुछ नई बोलियों का पता लगाने में वे सफल हो जाएं ।

ताशकंद – एक शहर रहमतों का” : सांस्कृतिक संवाद और काव्य-दृष्टि का आलोचनात्मक अध्ययन

✦ शोध आलेख “ताशकंद – एक शहर रहमतों का” : सांस्कृतिक संवाद और काव्य-दृष्टि का आलोचनात्मक अध्ययन लेखक : डॉ. मनीष कुमार मिश्र समीक्षक : डॉ शमा ...