Sunday, 13 March 2011
नहीं रहे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सत्य नारायण मिश्र
डॉ. सत्यनारायण मिश्र- पूर्वांचल हिंदी जगत का सबसे सम्मानित और प्रतिष्ठित नाम रहा है. जौनपुर जिले के सिंगरामऊ स्थित राजा हरपाल सिंह डिग्री कॉलेज में आप हिंदी विभागाप्रमुख के रूप में आप २८ वर्षों तक कार्य रत रहे. वंहा से सेवा सम्पूर्ति के बाद आप बदलापुर के सल्तनत बहादुर डिग्री कालेज में विस्टिंग प्रोफेसर के तौर पर कार्य करते रहे. शोध निर्देशक के तौर पे आप के मार्ग दर्शन में ६० से अधिक विद्यार्थियों ने पी.एच .डी की उपाधि प्राप्त की .
आप का ०२ मार्च २०११ की रात कानपुर जाते हुवे बीच रास्ते में ही सुल्तानपुर के पास देहांत हो गया. यह खबर पूरे पूर्वांचल के हिंदी जगत के लिए निराशापूर्ण और दुखद थी. ७८ वर्ष की आयु में भी आप एकदम स्वस्थ थे. अध्ययन-अध्यापन के कार्य से पूरी तरह जुड़े हुवे थे. आप के मार्ग दर्शन में अभी भी ०५ विद्यार्थी अपना शोध कार्य कर रहे थे. इस तरह अचानक आप की मृत्यु की खबर से सभी स्तब्ध रह गए.

ईश्वर चरणों में यही प्रार्थना है क़ि आप की आत्मा को ईश्वर शांति दे और आप के परिवार को संबल . १४ मार्च को आप के पैत्रिक निवास पर तेरही का कार्यक्रम संपन्न होगा. मुझे इस बात का हमेशा दुःख रहेगा क़ि आप के अंतिम दर्शन और तमाम विधियों में मैं सम्मिलित नहीं हो सका . परिवार के सदस्य के रूप में यही पीड़ा ऑस्ट्रेलिया में भाई प्रान्सू को भी हो रही होगी. हम दोनों को छोड़ कर सारा परिवार इस समय एक साथ होगा.लेकिन मुझे पूरा विश्वास है क़ि आप के सिखाये हुवे रास्ते पर आगे बढ़ते हुवे हम हमेशा आप का नाम अमर रखेंगे.
-- दैनिक जागरण ने यह खबर छापी
पूर्व प्राध्यापक का निधन
Mar 03, 09:08 pm
बदलापुर (जौनपुर) : स्थानीय क्षेत्र के सुलेमपुर गांव निवासी 70 वर्षीय हिन्दी के प्रकाण्ड विद्वान डा.सत्य नारायण मिश्र का बुधवार शाम को निधन हो गया। उनके मौत से जहां हिन्दी जगत को अपूरणीय क्षति हुयी। वहीं पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया। विदित हो कि श्री मिश्र राजा हरपाल सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय सिंगरामऊ में हिन्दी के प्राध्यापक रहे। उनके मौत की खबर लगते ही गुरुवार को क्षेत्र की तमाम शिक्षण संस्थाएं बन्द कर दी गयी
Friday, 11 March 2011
दिनकर आवास मुद्दा उठा राज्यसभा
दिनकर आवास मुद्दा उठा राज्यसभा में
नई दिल्ली। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के पटना स्थित आवास को बिहार के उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के भाई ने कब्जा कर रखा है। इस विषय पर राष्ट्रकवि दिनकर के परिजन और साहित्यकारों ने पटना और दिल्ली में कई बार धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं। दिनकर के परिवार वाले उपमुख्यमंत्री के भाई द्वारा कब्जा किए गए हिस्सा को खाली कराने के लिए मुख्यमंत्री नीतिश कुमार से भी मिले लेकिन सहयोगी पार्टी के बडे नेता के भाई का मामला होने के कारण वह भी केवल आश्वासन ही दिए ।
राजद के राज्य सभा सदस्य रामकृपाल यादव ने बुधवार को इस मुद्दा को राज्यसभा में उठाया। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर संज्ञान लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस साल देश राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्म शताब्दी मना रहा है, लेकिन राष्ट्रकवि के पटना स्थित आवास पर कुछ प्रभावशाली लोगों ने कब्जा कर रखा है। उन्होंने कहा कि दिनकर राज्यसभा के सदस्य भी थे और सरकार को इस मामले पर संज्ञान लेना चाहिए।
नई दिल्ली। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के पटना स्थित आवास को बिहार के उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के भाई ने कब्जा कर रखा है। इस विषय पर राष्ट्रकवि दिनकर के परिजन और साहित्यकारों ने पटना और दिल्ली में कई बार धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं। दिनकर के परिवार वाले उपमुख्यमंत्री के भाई द्वारा कब्जा किए गए हिस्सा को खाली कराने के लिए मुख्यमंत्री नीतिश कुमार से भी मिले लेकिन सहयोगी पार्टी के बडे नेता के भाई का मामला होने के कारण वह भी केवल आश्वासन ही दिए ।
राजद के राज्य सभा सदस्य रामकृपाल यादव ने बुधवार को इस मुद्दा को राज्यसभा में उठाया। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर संज्ञान लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस साल देश राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्म शताब्दी मना रहा है, लेकिन राष्ट्रकवि के पटना स्थित आवास पर कुछ प्रभावशाली लोगों ने कब्जा कर रखा है। उन्होंने कहा कि दिनकर राज्यसभा के सदस्य भी थे और सरकार को इस मामले पर संज्ञान लेना चाहिए।
दैनिक जागरण से साभार
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दिनकर आवास मुद्दा उठा राज्यसभा
Sunday, 6 March 2011
हम लोगों को छोड़ कँही, चले गए हैं बाबू जी

सब कहते हैं नहीं रहे अब, प्यारे हमारे बाबू जी .
बचपन क़ी सारी यादों में, बसे हुवे हैं बाबू जी
डांट-डपटकर सिखलाते थे, अच्छी बातें बाबू जी .
अपने ''चेतक '' स्कूटर पर,कालेज जाते बाबू जी
धोती- कुरते में जचते ,बहुत ही अपने बाबू जी .
पंचतंत्र क़ी कई कहानियां,बतलाते थे बाबू जी
कवितायेँ भी कई हमे, सिखलाते थे बाबू जी
संध्या-वंदन -पूजा-पाठ, मंदिर में करते बाबू जी
गाँव में सब का ही आदर,पाते हमारे बाबू जी
पान-सुपारी-सुरती-चूना, चाव से खाते बाबू जी
''बी.बी.सी. लंदन क़ी खबरें '', सुनकर ही सोते बाबू जी
गलती हमसे जब हो जाती, डांट लगाते बाबू जी
वरना अपनी ही थाली में, हमे खिलाते बाबू जी
रोज रात को बड़े प्यार से, बदन मिजवाते बाबू जी
रह- रह कर आशीष भी देते,अक्सर हमको बाबू जी
जब भी हम सब गाँव में जाते, खुश हो जाते बाबू जी
रोज रात को पास ही अपने, हमे सुलाते बाबू जी
सुबह-सुबह दातून तोडकर,हमको देते बाबू जी
खेतों में टहलाते हमको, साथ में अपने बाबू जी
''बड़का मास्टर'' सब थे कहते, हम कहते थे बाबू जी
घर के बाहर ,घर के रक्षक ,बन के बैठते बाबू जी
अब जब भी हम गाँव जायेंगे,नहीं मिलेंगे बाबू जी
जाते-जाते रुला गएँ हैं,सब को देखो बाबू जी
जिम्मेदारी का मतलब, सिखा गए हैं बाबू जी
हम-सब क़ी ही यादों में, बसे रहेंगे बाबू जी
अच्छी सारी बातों पर, मुस्कायेंगे बाबू जी
अपनी बगिया के फूलों को, आशीष ही देंगे बाबू जी
हर मुश्किल में सपनो में, आ जायेंगे बाबू जी
सही राह दिखलाकर हमको, खो जायेंगे बाबू जी
बिना आप के जी लेंगे,हम सब भी आखिर बाबू जी
लेकिन याद बहुत आयेंगे, आप हमे तो बाबू जी . LOVE YOU BABOO JI !!
MISS YOU !!
०२ मार्च २०११ की रात को मेरे बाबूजी हमे अकेला छोड़ कर चले गए. उन्ही को याद करते हुवे ---------------------------------------------
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चले गए हैं बाबू जी,
हम लोगों को छोड़ कँही
Saturday, 5 March 2011
ये उसके प्यार की खुशबू थी
सिलसिला जब तक चलता रहा
मेरा हौसला तब तक बढ़ता रहा
उसका तो कुछ पता न था ,
मेरे अंदर ही ख़्वाब पलता रहा .
ये उसके प्यार की खुशबू थी,
मैं जिससे हरदम महकता रहा .
उसकी आँखों से जो पी लिए जाम,
ताउम्र मै बस बहकता रहा .
सुना है, मेरे बाद ,कई रातों तक ,
वह चाँद , छत पर सिसकता रहा .
एक दर्जी की तरह जिन्दगी भर ,
मैं फटे रिश्तों को सिलता रहा .
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ये उसके प्यार की खुशबू थी
Sunday, 27 February 2011
praveen bajpayee -kamgaar patrkarita puraskar 2011
आप को जान कर ख़ुशी होगी की मजदूर मसीहा -प्रवीण बाजपयी को कामगार पत्रकारिता पुरस्कार २०११ से सम्मानित किया जा रहा है .

किया जा रहा है. इस अवसर पर कई विद्वानों को सम्मानित किया जायेगा . भाई प्रवीण बाजपाई को उनके पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया जायेगा .
जब प्रवीन भाई कल्याण में रहते थे तो उनका घर ही मेरा घर था , भाभी से माँ तुल्य प्रेम और स्नेह मिलता था . लेकिन कतिपय व्यक्तिगत कारणों से प्रवीण भाई को परेल रहने के लिए जाना पड़ा . मैं भी अपने शोध कार्य और फिर नौकरी में ऐसा उलझा कि अब फ़ोन पे ही दुआ-सलाम हो पाता है .
लेकिन इन दूरियों ने दिलों के रिश्ते को कमजोर नहीं होने दिया. अपनेपन कि ऊर्जा हमेशा बनी रही . जब भी कभी मैंने भईया को कल्याण बुलाया वे सारी व्यस्तताओं में से भी समय निकाल कर आये . स्वास्थ की तकलीफों के बीच आये . पारिवारिक और राजनैतिक समस्याओं को दर किनार कर आये . मुझे मेरे इस भाई पे गर्व है .
आप शायद यह सोच रहे होगें कि मैं ब्लॉग पे किसी अपने करीबी का गुणगान क्यों कर रहा हूँ ? मित्रो, जिन्दगी में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनका हम सम्मान तो करते हैं, लेकिन कभी औपचारिक रूप से कह नहीं पाते . लेकिन उम्र के लगभग ३० वसंत पूरा करते करते मुझे यह लगने लगा है कि ,किसी से प्यार हो, किसी के प्रति स्नेह हो,आदर हो तो हमे कहना जरूर चाहिए. क्या पता जिन्दगी कल ये मौका दे या ना दे .
वैसे मुंबई वालों के लिए प्रवीण बाजपयी कोई नया नाम नहीं है . आप सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के मुंबई डिविजन के अध्यक्ष हैं. रेल केसरी पत्रिका के कार्यकारी संपादक हैं ,और एक अच्छे कवि भी हैं . अगर आप नेट पे ही प्रवीण जी से मिलना चाहें , तो निम्नलिखित लिंक का उपयोग कर सकते हैं
praveenbajpai.crms@gmail.कॉम
ttp://www.facebook.com/reqs.php#/photo.php?pid=385531&op=1&o=global&view=global&subj=1635027107&id=1635027107
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praven bajpai
डॉ.शीतला प्रसाद दुबे जी का सम्मान
बुधवार दिनांक ०२ मार्च २०११ की शाम ७.३० बजे से कल्याण पश्चिम स्थित लक्ष्मण देवराम सोनवाने महाविद्यालय के प्रांगण में स्नेह मिलन सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है. इस अवसर पर कई विद्वानों को सम्मानित किया जायेगा .
डॉ. शीतला प्रसाद दुबे जी का भी सम्मान इस अवसर पर किया जाएगा . हाल ही में हिंदी अध्ययन मंडल , मुंबई विश्विद्यालय के अध्यक्ष के रूप में के.सी.कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे जी की नियुक्ति हुई है. आप विगत कई वर्षों से अध्यापन कार्य से जुड़े हुवे हैं. आप पीच.ड़ी के गाईड भी हैं. कई विद्यार्थी आप के मार्ग दर्शन में अपना शोध कार्य सफलता पूर्वक पूरा कर चुके हैं.
आप का सम्मान करते हुवे संस्था गौरवान्वित है. अध्ययन-अध्यापन से जुड़े लोगों का सम्मान हमारी संस्था हमेशा से ही करती आ रही है.
आप का सम्मान करते हुवे संस्था गौरवान्वित है. अध्ययन-अध्यापन से जुड़े लोगों का सम्मान हमारी संस्था हमेशा से ही करती आ रही है.
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