Tuesday 6 July 2010

सोच सोच के सोच रहा था ,

सोच सोच के सोच रहा था ,

क्या मै सोचूं सोच रहा था ;

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सोच न पाया सोचूं कैसे ,

सोच सोच के सोचूं कैसे ;

सोच सोच किस सोच को सोचूं ,

क्या मै सोचूं कैसे सोचूं ;

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सोच सोच के सोच रहा था ,

सोच है क्या मै सोच रहा था ;

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सोच को सोचा सोचा सोच ,

सोच न पाया सोचा सोच ;

सोचा सोच न समझा सोच ,

सोच की उलझन में उलझा सोच ,

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सोच सोच के सोच रहा था ,

क्या है ये सोच सोच रहा था ;

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सोच सोच के सोच रहा था ,

कैसे मै सोचूं सोच रहा था /

Monday 5 July 2010

मिला बड़े शौक से किसी से,


बड़ा रुलाया तेरी बातों ने रह रह कर ,
सब कुछ कहा तुने मोहब्बत ना कह कर ;
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मिला बड़े शौक से किसी से, किसी से बढ -चढ़ कर ;
लगा किसी के गले ,मिला किसी से दौड़ कर ;
किसी को देख मुस्काया,खिलखिलाया किसी से मिलकर ;
बैठा किसी के पास रुक कर , सुना किसी की बात दिल भर कर ;
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सुना किसी के भाव भी,
देखा किसी की आखों में चाह भी ;
इनायत कर दी किसी पे मिलकर,
शिकायत भी सुन ली किसी की छुप कर ;
कहा किसी से बात दिल की ,
सुना किसी की बात मन की ;
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सबसे मुलाकात कर ली ,
मन की चाह कर ली ;
जिनको न परवाह थी खुशिओं की ;
उनका भी साथ कर ली ;
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खुशियाँ तेरी इसी में थी शायद ,
शायद तेरा यही ठौर था ,
न मुझसे मिलने की चाह की ,
शायद मै अकेला गैर था /
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तरसता रहा मै पल- पल ,
जलता रहा मै हर पल ,
सोया नहीं हूँ अब भी ,
तड़पता रहा मै हर पल /
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मेरे भावों से उसे क्या ,
मेरी राहों से किसे क्या ,
जब तू ही नहीं हुयी तेरी ,
गैरों की चाहत का मुझे क्या /
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Sunday 4 July 2010

किन संग वक़्त गुजरता तेरा किन संग तू दिन भर रहता है /


मोहक मुस्कान में तेरी मैंने खुद को खोया था ,
याद नहीं तुझको वो लम्हे जब तू मेरी बाँहों में सोया था ;
क्यूँ मैं जानू अब तू किनके सपनों में रहता है ,
किनसे बातें किसका साथ किसकी खुसबू से तू महकता है ;
आज तुझे कौन है प्रिय क्या करना है मुझे प्रिये ;
किससे मिलना तुझको प्यारा क्यूँ मै जानू आज प्रिये ;
अब भी याद मुझे वो दिन है जब तुझसे मै लड़ता था ,
क्या जानता है तू मै रातों में कितना रोया karata   था ;
आखं वही है, ह्रदय वही है मेरे दिल के जजबात वही है ,
प्यास वही है ,आस वही है ,मेरे मन के हालात वही है ,
क्यूँ मैं जानू किन संग तू रमता है कौन तेरे भावों में रहता है ,
किन संग वक़्त गुजरता तेरा किन संग तू दिन भर रहता है /

Saturday 3 July 2010

मेरी आखों को नम बनाये रखा /

बुलाये रखा , उलझाये रखा ,

मेरे दिल के जख्मों को सलीके से ताज़ा बनाये रखा ;

मुस्कराया भी मुझको हँसाया भी ,

पर मेरे भावों को तुने पराया रखा ,मुझको सताए रखा ;

मरहम लगता हर बार तू एक नए अंदाज से ,

पर रिसते घावों में कांटा चुभाये रखा ;

फूलों की खुसबू को मेरे पास बनाये रखा ;

बड़ी खूबसूरती से तुने मुझे अपनी जिंदगी के किनारे लगाये रखा ;

मेरे ओठों पे अपना नाम बनाये रखा ;

मेरी आखों को नम बनाये रखा /

Thursday 1 July 2010

फितरत नहीं थी वैसा बना डाला ,

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न फितरत बदली न चाहत बदली ,
बदलते वक़्त ने करवट न बदली ;

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न व्यवहार बदला न संस्कार बदला ,
बदला वक़्त ने सिर्फ अभाव बदला ;

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फितरत नहीं थी वैसा बना डाला ,
मोहब्बत ने न जाने कैसा बना डाला ;
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सहज मासूम से ख्वाब थे मेरे ,
उन्हें आखों से बहता काजल बना डाला ;
चल रही थी जिंदगी जों सहज अंदाज से ,
तेरी इनायतों ने उसे हलाहल बना डाला ;
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फितरत नहीं थी वैसा बना डाला ,
मोहब्बत ने न जाने कैसा बना डाला /

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Wednesday 30 June 2010

देश का गृहमंत्री हिंदी नहीं है जानता ,

उदघोष कर रहा नक्सल यहाँ हर रोज किसी के खून से ,
सो रहा है मंत्री मंडल देश का बड़े जूनून से ,
बहस नहीं खत्म को रही निपटे किस तरह नक्सल वाद से ,
क्या करे चिदंबरम कब जुड़े वो जमीनी यथार्थ से ,
न बोल पाया जों आम लोंगो की भाषा आज तक ,
वो क्या कहेगा गर मर रहा आम आदमी यूँ नक्सल वार से /
देश का गृहमंत्री हिंदी नहीं है जानता ,
इससे बड़ा दुर्भाग्य मै कुछ नहीं मनाता /
छुद्र है मानसिकता जिनंकी वो देश चला रहे ,
प्रान्त को देश से बड़ा वो मान रहे /
अंगरेजी स्वीकार्य है भले गुलामी का वो पर्याय है ;
हिंदी से डरना दर्शा के देश को उजाड़ रहे /
 

जिंदगी गुजरती रही , यादें संवरती रही ,

जिंदगी गुजरती रही , यादें संवरती रही ,
मोहब्बत को करीबी न हुई हासिल ,
तेरे नफ़रत में भी न हुआ शामिल ;
मेरी जिंदगानी तेरे बिन सिसकती रही /

किसी से बेवफाई का न गुनाहगार था,
किसी की रुलाई का ना जिम्मेदार था,
न बना सका तुझको मै अपना ;
बस इतना ही मेरा दुर्व्यवहार था /

Tuesday 29 June 2010

टूटता दिल आवाज क्या करता

टूटता दिल आवाज क्या करता ,

बहते आंसुओं को हिसाब क्या कहता ;

मचला तो था मेरा भी जिगर कभी ,

उसकी बेवफाई का जवाब क्या कहता /

Sunday 27 June 2010

मेरे अपने यूँ मुझे संवारते रहे /

कमियां तलाशते रहे ,गलतियाँ निकालते रहे ,

थे वो मेरे अपने जों मेरी बखिया उखाड़ते रहे /

कभी कुछ अच्छा कहा हो याद नहीं ,

मेरे अपने यूँ मुझे संवारते रहे /

दिग्भ्रमित हैं या वे किसी हीनता से ग्रस्त हैं ,

न जान पाया आज तक क्यूँ मेरे पर काटते रहे ;

न अपनापन , दुलार , न अहसास , संबल औ विश्वास दे सके ,

फिर क्यूँ मुझसे आहत होने का आडम्बर बांटते रहे ;

कमियां तलाशते रहे ,गलतियाँ निकालते रहे ,
थे वो मेरे अपने जों मेरी बखिया उखाड़ते रहे /

न उत्साह दिया न साहस न उनके होने का बल ,

पर अपनी विफलताओं का सेहरा मेरे सर बाँधते रहे ;

थे मेरे अपने जों मेरे पैरों तले की जमीं काटते रहे ;

मेरा अच्छा किया हो याद नहीं ,मेरे अपने यूँ ही मुझे संवारते रहे /

कमियां तलाशते रहे ,गलतियाँ निकालते रहे ,

थे वो मेरे अपने जों मेरी राहों में कांटे बिझाते रहे /

Friday 25 June 2010

मेरी जिंदगानी ने सपने बहुत बुने थे लेकिन

मेरी जिंदगानी ने सपने बहुत बुने थे लेकिन ,
तेरी कहानी ने मेरे किस्से नहीं सुने ;
तुझसे तुझको मै चुरा लेता लेकिन ,
तेरी आखों ने मेरे सपने नहीं सुने ;
बाहों में भरना इतना भी मुश्किल न होता लेकिन ,
मैंने झूठे जजबातों के वाकये नहीं बुने /

Wednesday 23 June 2010

1st Movie on Success of Blogging

As far as my knowledge goes, Julie & Julia is the 1st movie ever made on the success story of Blogging.

Julia Child and Julie Powell - both of whom wrote memoirs - find their lives intertwined. Though separated by time and space, both women are at loose ends... until they discover that with the right combination of passion, fearlessness and butter, anything is possible.
In 1949, Julia Child is in Paris, the wife of a diplomat, wondering how to spend her days. She tries hat making, bridge, and then cooking lessons at Cordon Bleu. There she discovers her passion. In 2002, Julie Powell, about to turn 30 and underemployed with an unpublished novel, decides to cook her way through "Mastering the Art of French Cooking" in a year and to blog about it. We go back and forth between these stories of two women learning to cook and finding success. Sympathetic, loving husbands support them both, and friendships, too, add zest.

The Link for the movie is given here.


Overview
Director:
Nora Ephron
Writers (WGA):
Nora Ephron (screenplay)Julie Powell (book)
Release Date:
7 August 2009 (USA) See more »
Genre:
Biography | Comedy | Drama | Romance See more »
Tagline:
Passion. Ambition. Butter. Do You Have What It Takes?
Plot Keywords:
Cooking | Cook | Recipe | French Cooking |
Awards:
Nominated for Oscar. Another 9 wins & 13 nominations See more »

उज़्बेकिस्तान में एक पार्क ऐसा भी

  उज़्बेकिस्तान में एक पार्क ऐसा भी है जो यहां के वरिष्ठ साहित्यकारों के नाम है। यहां उनकी मूर्तियां पूरे सम्मान से लगी हैं। अली शेर नवाई, ऑ...