Monday, 3 August 2009

माँ की मूरत

पनिहारिन

माँ

झाँसी की रानी

सादगी की मूरत

सादगी और उचे विचारो का साथ

हमेशा देखा गया है की जादा चमक धमक से रहने वालो को ठीक नजरो से नही देखा जाता , लेकिन जो लोग सादगी से रहते है सभी के नजरो में अच्छा समजा जाता है । लोगो के मन मे उनके प्रति अच्छी भावना रहती है , इसका कारण यह है की आज भी सादगी को फैशन की तुलना मे अधिक महत्व है ।
सादा जीवन जीने वाले व्यक्ति मे अपने आप त्याग की भावना आती है । तड़क-भड़क पसंद नही करता ,उसे जंद लम्हों के प्रति खास लगाव नही होता है । दुसरो को देख कर आनन्दित होता है ।
अपने देश को प्रगति के मार्ग पर देखना पसंद करता है, इसलिए अपने आप को भी उसमे जोड़ लेता है ।
विद्यर्थी जीवन मे सादगी का अत्यधिक महत्व है । क्योकि यह वह समय होता है जब बालक बनता या बिगड़ता है।
sansar मे जितने भी mahan पुरूष है वे सब सादगी को महत्व देते है । सादा जीवन uchh विचार की mahima सभी ने gaayi है । गाँधी जी या जितने भी hamre aadrsh है वे सभी ने सादगी को महत्व दिए है ।
भारत की नई pidhi को सादगी से जीवन जीने का prayas करना और अच्छे चरित्र ka nirman करना है। यही कोशिश hame karni है।
taki iss bheed मे भी अपने आप को संतुलित कर सके और सही chunao कर सके.

सादगी और उचे vichro

ताशकंद – एक शहर रहमतों का” : सांस्कृतिक संवाद और काव्य-दृष्टि का आलोचनात्मक अध्ययन

✦ शोध आलेख “ताशकंद – एक शहर रहमतों का” : सांस्कृतिक संवाद और काव्य-दृष्टि का आलोचनात्मक अध्ययन लेखक : डॉ. मनीष कुमार मिश्र समीक्षक : डॉ शमा ...