Monday, 31 August 2015
हिंदी सिनेमा:दलित–आदिवासी विमर्श दो-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 5-6 अक्टूबर 2015
हिंदी सिनेमा:दलित–आदिवासी विमर्श
दो-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी
5-6 अक्टूबर 2015
आयोजक : हिंदी विभाग
पांडिचेरी विश्वदविद्यालय, पांडिचेरी
दो-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी
5-6 अक्टूबर 2015
आयोजक : हिंदी विभाग
पांडिचेरी विश्वदविद्यालय, पांडिचेरी
संगोष्ठी स्मारिका पुस्तिक के लिए लेख हेतु अनुरोध
जैसाकि आपको विदित है कि हमारा हिंदी विभाग, पांडिचेरी विश्वविद्यालय 5 और 6 अक्टूबर 2015 को 'हिंदी सिनेमा : दलित - आदिवासी विमर्श' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है। साथ ही नवीनतम सूचना यह है कि संगोष्ठी के चयनित लेखों का प्रकाशन पुस्तक के रूप में नयी किताब, नई दिल्ली से होने जा रहा है। हम चाहते हैं कि आपका लेख भी इस पुस्तक में अवश्य आना चाहिए। संगोष्ठी में प्रस्तुत होने जा रहे उत्कृष्ट लेखों के पुस्तकाकार रूप में आने से उन सभी पाठकों को भी फायदा हो सकेगा जो किन्हीं कारणों से संगोष्ठी में प्रत्यक्ष भागीदारी नहीं कर पा रहे हैं किंतु ‘हिंदी सिनेमा : दलित-आदिवासी विमर्श’ में रूचि रखते हैं। और इसप्रकार की पुस्त्क इसलिए भी अपेक्षित है क्योंकि इस विषय पर हिंदी और अंग्रेजी आदि भाषाओं में लगभग शून्य की स्थिति है। हम चाहते हैं कि पुस्तक का विमोचन संगोष्ठी के दौरान ही हो ताकि सभी प्रतिभागी पुस्तक से लाभांवित हो सके। लेकिन इस योजना में सभी प्रतिभागियों का लेखकीय सहयोग अपेक्षित है। जिन्होंने अभी तक अपना संपूर्ण लेख प्रेषित नहीं किया है, उन सबसे अनुरोध है कि वे अपना लेख 15 सितंबर तक हमें प्रेषित कर दें ताकि हमें विशेष सहूलियत रहे।
आपकी सूचना के लिए जिन विशिष्ट वक्ताओं को हमने अभी तक आमंत्रित किया है, उनमें प्रमुख हैं - आनंद पटवर्धन (प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक), नागराज मंजुले (मराठी फिल्म निर्देशक), बीजू टोप्पो (आदिवासी फिल्मकार), संजय जोशी (फिल्म सोसाइटी इंडिया आंदोलनकर्मी और लघु फिल्म - पटकथा निर्देशक), मनोज सिंह (गोरखपुर फिल्म सोसाइटी के संस्थापक, संयोजक और प्रतिष्ठित पत्रकार), अोम थानवी (पूर्व संपादक, जनसत्ता), प्रो श्योराज सिंह बेचैन (दलित साहित्य कार और चिंतक), हरिराम मीणा (आदिवासी साहित्यकार और चिंतक), दिलीप मंडल (सुप्रतिष्ठित दलित पत्रकार), वैभव सिंह (हिंदी के युवा प्रगतिशील आलोचक), डॉ. निर्मल कुमार (प्राध्यापक, दिल्ली विश्वविद्यालय जो सिनेमा के अध्यापन से सीधे जुड़े रहे हैं), डॉ. गंगा सहाय मीणा (प्राध्यापक, जे.एन.यू. जो आदिवासी मुद्दों पर लेखन क्षेत्र में सक्रिय हैं), महादेव टोप्पो (आदिवासी कवि, अभिनेता, संस्कृतिकर्मी), सूर्यशंकर दास (उड़ीसा के आदिवासी आंदोलन में कैमरे से अपना हस्तक्षेप दर्ज कराने वाले), निरंजन कुजुर (आदिवासी निर्देशक जिनकी तीन लघु फिल्में आई हैं जो अंतर्राष्ट्रींय फिल्म समारोहों सराही गई हैं), मिहिर पंड्या (युवा फिल्म आलोचक) और अकबर रिज़वी (जामिया के मीडिया विभाग में अध्यापन तथा सबलोग व समयांतर आदि हिंदी पत्रिकाओं में मीडिया स्तंभकार), प्रो. प्रमिला के पी (दक्षिण भारत की देवीशंकर अवस्थी पुरस्कार से सम्मानित ख्यातिप्राप्त आलोचिका) और प्रो. रामप्रकाश (दक्षिण के प्रतिष्ठित हिंदी भाषी आलोचक) आदि। इसप्रकार हमारा पूरा प्रयास है कि गंभीर और प्रतिबद्ध वक्ताओं को आमंत्रित किया जाये।
आपकी सूचना के लिए जिन विशिष्ट वक्ताओं को हमने अभी तक आमंत्रित किया है, उनमें प्रमुख हैं - आनंद पटवर्धन (प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक), नागराज मंजुले (मराठी फिल्म निर्देशक), बीजू टोप्पो (आदिवासी फिल्मकार), संजय जोशी (फिल्म सोसाइटी इंडिया आंदोलनकर्मी और लघु फिल्म - पटकथा निर्देशक), मनोज सिंह (गोरखपुर फिल्म सोसाइटी के संस्थापक, संयोजक और प्रतिष्ठित पत्रकार), अोम थानवी (पूर्व संपादक, जनसत्ता), प्रो श्योराज सिंह बेचैन (दलित साहित्य कार और चिंतक), हरिराम मीणा (आदिवासी साहित्यकार और चिंतक), दिलीप मंडल (सुप्रतिष्ठित दलित पत्रकार), वैभव सिंह (हिंदी के युवा प्रगतिशील आलोचक), डॉ. निर्मल कुमार (प्राध्यापक, दिल्ली विश्वविद्यालय जो सिनेमा के अध्यापन से सीधे जुड़े रहे हैं), डॉ. गंगा सहाय मीणा (प्राध्यापक, जे.एन.यू. जो आदिवासी मुद्दों पर लेखन क्षेत्र में सक्रिय हैं), महादेव टोप्पो (आदिवासी कवि, अभिनेता, संस्कृतिकर्मी), सूर्यशंकर दास (उड़ीसा के आदिवासी आंदोलन में कैमरे से अपना हस्तक्षेप दर्ज कराने वाले), निरंजन कुजुर (आदिवासी निर्देशक जिनकी तीन लघु फिल्में आई हैं जो अंतर्राष्ट्रींय फिल्म समारोहों सराही गई हैं), मिहिर पंड्या (युवा फिल्म आलोचक) और अकबर रिज़वी (जामिया के मीडिया विभाग में अध्यापन तथा सबलोग व समयांतर आदि हिंदी पत्रिकाओं में मीडिया स्तंभकार), प्रो. प्रमिला के पी (दक्षिण भारत की देवीशंकर अवस्थी पुरस्कार से सम्मानित ख्यातिप्राप्त आलोचिका) और प्रो. रामप्रकाश (दक्षिण के प्रतिष्ठित हिंदी भाषी आलोचक) आदि। इसप्रकार हमारा पूरा प्रयास है कि गंभीर और प्रतिबद्ध वक्ताओं को आमंत्रित किया जाये।
प्रमोद मीना
वही एक बात जो
सोचता हूँ कि
आज फ़िर एक बार
पूछूँ तुमसे
वही एक बात जो
न जाने कितनी बार
पूछ चुका हूँ
तुमसे ही ।
आज फ़िर एक बार
पूछूँ तुमसे
वही एक बात जो
न जाने कितनी बार
पूछ चुका हूँ
तुमसे ही ।
वही एक बात जो
अब मेरे कहने से पहले
तुम समझ जाती हो
और कहती हो
कि जब जानती हूँ
क्या पूछोगे
तो क्यों पूछते हो ?
जब कि
बता चुकी हूँ
तुम्हें सबकुछ
साफ़ - साफ़ ।
अब मेरे कहने से पहले
तुम समझ जाती हो
और कहती हो
कि जब जानती हूँ
क्या पूछोगे
तो क्यों पूछते हो ?
जब कि
बता चुकी हूँ
तुम्हें सबकुछ
साफ़ - साफ़ ।
वही एक बात
जिस बात पर
तुम या तो चुप हो
या फ़िर अड़ी हो
वही बात जो
तुम्हारे इनकार के साथ
शायद रुकी हुई है
या
अब भी उम्मीद में है ।
जिस बात पर
तुम या तो चुप हो
या फ़िर अड़ी हो
वही बात जो
तुम्हारे इनकार के साथ
शायद रुकी हुई है
या
अब भी उम्मीद में है ।
वही एक बात
जिस बात को लेकर
बैठा रहता हूँ
बनारस के घाटों और
मंदिरोंकी सीढियों पर
घंटों अकेले
जागती रातों में
नींद के सपनों के साथ
उसी एक बात पर
बिताते
दिन-महीने-साल ।
जिस बात को लेकर
बैठा रहता हूँ
बनारस के घाटों और
मंदिरोंकी सीढियों पर
घंटों अकेले
जागती रातों में
नींद के सपनों के साथ
उसी एक बात पर
बिताते
दिन-महीने-साल ।
वही एक बात
जिसके संकट को
हरने की अर्जी
प्रलंबित है
संकटमोचन और
बाबा विश्वनाथ के
साथ-साथ
न जाने कितने
दरबारों में ।
जिसके संकट को
हरने की अर्जी
प्रलंबित है
संकटमोचन और
बाबा विश्वनाथ के
साथ-साथ
न जाने कितने
दरबारों में ।
वही एक बात जो
तुमसे कह तो दिया
लेकिन
कह नहीं पाया कि
जो कहा मैंने
वह कोई
औपचारिकता नहीं थी ।
तुमसे कह तो दिया
लेकिन
कह नहीं पाया कि
जो कहा मैंने
वह कोई
औपचारिकता नहीं थी ।
अब जब कि
तुम सुना चुके हो
अपना निर्णय
फ़िर भी जाने क्यों
लगता है कि
तुमसे पूछूँ
फ़िर से
वही एक बात ।
तुम सुना चुके हो
अपना निर्णय
फ़िर भी जाने क्यों
लगता है कि
तुमसे पूछूँ
फ़िर से
वही एक बात ।
दरअसल
यह फ़िर एक बार
का पूछना
बचा लेता है मुझे
मेरे सारे सपनों को
और इसीलिए
आज फ़िर
सोच रहा हूँ कि
पूछ लूँ तुमसे
फ़िर वही एक बात ।
यह फ़िर एक बार
का पूछना
बचा लेता है मुझे
मेरे सारे सपनों को
और इसीलिए
आज फ़िर
सोच रहा हूँ कि
पूछ लूँ तुमसे
फ़िर वही एक बात ।
------ मनीष कुमार
B H U
B H U
Labels:
dr. manish kumar mishra,
hindi poems,
love poems,
manish bhu poems,
वही एक बात जो,
हिंदी कविता
आलेख आमंत्रित हैं
Sir/ Madam,
It gives us immense pleasure to inform you that Bhutta College of Education, Ludhiana, Punjab, is going to publish fourth issue i.e. Winter 2016 of research journal named as "Journal of Advanced Studies in Education and Management" with ISSN: 2350-0492 in the month of January. We invite your research paper/ papers for publication till 15 November, 2015.The paper should include
• Author’s name with designation
• Address including email id and contact number
• Typed in ms-word, font size 12 in Times New Roman, single spaced, paper size A4, top & bottom margin 1, left & right margin 1.5
• APA style of references in alphabetical order at the end of the manuscript under the heading of references.
The article can be sent to email id-bce.jasem.ldh@gmail. com, or bhartichetna14@gmail.com,rajni gupta2000@rediffmail.com
Kindly send your paper till 15 November 2015 to get your space in the journal.
It gives us immense pleasure to inform you that Bhutta College of Education, Ludhiana, Punjab, is going to publish fourth issue i.e. Winter 2016 of research journal named as "Journal of Advanced Studies in Education and Management" with ISSN: 2350-0492 in the month of January. We invite your research paper/ papers for publication till 15 November, 2015.The paper should include
• Author’s name with designation
• Address including email id and contact number
• Typed in ms-word, font size 12 in Times New Roman, single spaced, paper size A4, top & bottom margin 1, left & right margin 1.5
• APA style of references in alphabetical order at the end of the manuscript under the heading of references.
The article can be sent to email id-bce.jasem.ldh@gmail.
Kindly send your paper till 15 November 2015 to get your space in the journal.
Hoping for a positive reply.
In case of any type of enquiry, please contact us on: 9855266011, 9501150500, 9914029898
Please find enclosed the subscription form and copyright form. Send the hard/soft copy at the earliest along with the Demand Draft/Cash/e-transfer. Visit our website www.bcedldh.org to see online copy of Journal.
In case of any type of enquiry, please contact us on: 9855266011, 9501150500, 9914029898
Please find enclosed the subscription form and copyright form. Send the hard/soft copy at the earliest along with the Demand Draft/Cash/e-transfer. Visit our website www.bcedldh.org to see online copy of Journal.
Regards
Editors
Dr. Rajni Bala
Chetna Bharti (9914029898)
Assistant Professors
Bhutta College of Education, Bhutta, Ludhiana
Assistant Professors
Bhutta College of Education, Bhutta, Ludhiana
Conference Alerts से जाने होनेवाली संगोष्ठियों के बारे में
प्रो. एम एम कालबुर्गी की हत्या
बुद्धिवादी वाम-विचारक और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कन्नड़ विद्वान् प्रो. एम एम कालबुर्गी की हत्या उनके घर पर की गई । इससे जुड़ी खबरों के लिए दिये गए लिंक पर क्लिक करें ।
http://www.firstpost.com/india/kalburgi-murder-rationalists-cold-blooded-killing-shocks-karnatakas-literary-capital-2413920.htm
Sunday, 30 August 2015
रसियन टीवी करेगी हिन्दी में प्रसारण
http://in.rbth.com/economics/cooperation/2015/08/28/rusian-tv-to-broadcast-in-hindi_393061 इस लिंक पर अधिक जानकारी उपलब्ध है ।
Labels:
Russian TV to broadcast in Hindi
Wednesday, 26 August 2015
यूजीसी माइनर रिसर्च की ऑन लाइन सबमिशन तारीख 31 अगस्त 2015 तक बढ़ाई गई
आलेख आमंत्रित हैं ।
IJELLH (International Journal of English Language, Literature & Humanities.) invites scholarly unpublished papers on various issues of arts and culture from Professors, Academicians, Research Scholars for Call for Paper for
We felicitate author/authors for the best work as“Best Paper Award” which is selected by our peer and review committee.
Only electronic submission via email will be accepted for publication. Papers can be submitted in the following email addresses:
Click here to know about the Submission Guidelines
Subscription Fee
Subscription & Processing Fee for Online Publication, Rs. 2000 for Indian Authors & 70 US Dollars for Foreign Authors.
( No extra fee for co authors.)
For Hard-Copy & Certificate, Rs. 3000 for Indian Authors & 120 US Dollars for Foreign Authors.
Labels:
Call For Paper August Issue 2015
IIAS फ़ेलोशिप 2015 के लिए आवेदन करें
AWARD OF FELLOWSHIPS 2015
IAAS फ़ेलोशिप 2015 के लिए आवेदन करें
http://www.iias.org/content/award-fellowships-2015
Call for Applications: 2015 Human Development Fellowships
IIAS शिमला में 2015 की human development fellowships के लिए आवेदन मांगे गए हैं । आप http://www.iias.org/content/call-applications-2015-human-development-fellowships इस लिंक पर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।
Subscribe to:
Posts (Atom)
अमरकांत : जन्म शताब्दी वर्ष
अमरकांत : जन्म शताब्दी वर्ष डॉ. मनीष कुमार मिश्रा प्रभारी – हिन्दी विभाग के एम अग्रवाल कॉलेज , कल्याण पश्चिम महार...

-
***औरत का नंगा जिस्म ********************* शायद ही कोई इस दुनिया में हो , जिसे औरत का जिस्म आकर्षित न करता हो . अगर सारे आवरण हटा क...
-
जी हाँ ! मैं वृक्ष हूँ। वही वृक्ष , जिसके विषय में पद््मपुराण यह कहता है कि - जो मनुष्य सड़क के किनारे तथा...
-
Factbook on Global Sexual Exploitation India Trafficking As of February 1998, there were 200 Bangladeshi children and women a...
-
अमरकांत की कहानी -जिन्दगी और जोक : 'जिंदगी और जोक` रजुआ नाम एक भिखमंगे व्यक्ति की कहानी है। जिसे लेखक ने मुहल्ले में आते-ज...
-
अनेकता मे एकता : भारत के विशेष सन्दर्भ मे हमारा भारत देश धर्म और दर्शन के देश के रूप मे जाना जाता है । यहाँ अनेको धर...
-
अर्गला मासिक पत्रिका Aha Zindagi, Hindi Masik Patrika अहा जिंदगी , मासिक संपादकीय कार्यालय ( Editorial Add.): 210, झेलम हॉस्टल , जवा...
-
Statement showing the Orientation Programme, Refresher Courses and Short Term Courses allotted by the UGC for the year 2011-2012 1...
-
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...