Friday, 30 August 2024

तेरे अंजाम पे रोना आया


 अवध और बनारस क्षेत्र की ठुमरी गायिकाओं के जीवन संघर्ष और संगीत साधना से जुड़ी  " तेरे अंजाम पे रोना आया" यह पुस्तक जल्द ही पाठकों के बीच उपलब्ध होगी । इसमें 09 गायिकाओं पर स्वतंत्र आलेख हैं जिन में गौहर जान, जानकी बाई, रसूलन बाई, सिद्धेश्वरी देवी और बेगम अख्तर शामिल हैं। दिनांक 18 सितंबर 2024 को ताशकंद, उज़्बेकिस्तान में इस पुस्तक का लोकार्पण संपन्न होगा ।

इस पुस्तक के सभी आलेख वागर्थ, समीचीन, सरस्वती और अनहद लोक जैसी भारत की प्रसिद्ध पत्रिकाओं में समय समय पर प्रकाशित हो चुके हैं।  लेखन के दौरान Madhu Shukla जी,  C L Sharma Kukreti जी, K.C. Maloo जी, Jyoti Sinha जी और Shashikala Rai जी का मार्गदर्शन बड़ा उपयोगी रहा । भूमिका के रूप में आदरणीय Shitlaprasad Dubey  सर का आशीर्वाद प्राप्त हुआ ।

सभी का ह्रदय से आभार। प्रकाशक के रूप में भाई राम कुमार (आर के पब्लिकेशन, मुंबई ) का भी योगदान व सुझाव महत्वपूर्ण रहा ।

सभी के प्रति हम कृतज्ञ हैं ।

Friday, 23 August 2024

राम दरश मिश्र : सौ वसंत की गाथा

 15 अगस्त को हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राम दरश मिश्र जी अपनी जीवन यात्रा के सौ वसंत पूर्ण करेंगे। ऐसे में यह पुस्तक उनके चरणों में एक भेंट स्वरूप प्रस्तुत करने में हमें खुशी है।

आज से ठीक एक साल पहले महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष प्रोफ़ेसर शीतला प्रसाद दुबे जी के मार्गदर्शन और अकादमी के सहयोग से हमने एक राष्ट्रीय परिसंवाद रामदरश जी के साहित्य पर केंद्रित होकर आयोजित किया था। उसी परिसंवाद में प्रस्तुत किए गए शोध आलेखों के संग्रह के रूप में यह पुस्तक आप के सामने है ।



Thursday, 8 August 2024

होश पर मलाल है ग़ज़ल संग्रह

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About the Author

This is the first ghazal collection of Dr. Manish Kumar Mishra. His two poetry collections and one story collection have already been published. He has also received the prestigious Sant Namdev Award of Maharashtra State Hindi Sahitya Academy for his poems. This ghazal collection ‘Hosh Par Malaal Hai’ includes a total of 105 ghazals. Through these ghazals, the concepts of life and relationships go beyond words and meaning and express thoughts and feelings in a multidimensional form. Somewhere in these ghazals there is an atmosphere of calm and dark colors and somewhere there is a thirst for love in the collage of memories. A new path keeps alive the hope of a new world of light even in dark times. In today's glittering and pompous times, the simplicity, gentleness and ease with which Manish says ghazals seems to be a reflection of his personality.

Wednesday, 7 August 2024

भारत विभाजन की त्रासदी और भारतीय भाषाओं का साहित्य








बताते हुए हर्ष हो रहा है कि भारत विभाजन की त्रासदी और भारतीय भाषाओं का साहित्य  शीर्षक से यह पुस्तक भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला से प्रकाशित हो रही है । संभवतः एक महीने में यह पुस्तक सभी पाठकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी । विभाजन की त्रासदी और भारतीय साहित्य को लेकर  दिनांक 28-29  नवंबर 2023 को भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन मेरे संयोजन में सम्पन्न हुआ था । इस संगोष्ठी में प्रस्तुत शोध आलेखों को पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने की योजना थी । मैं संस्थान के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ ।  

 

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