Wednesday, 30 November 2011
Monday, 28 November 2011
प्रेस विज्ञप्ति
प्रेस विज्ञप्ति
शुक्रवार
दि. 09 दिसंबर 2011 को सुबह 10 बजे से कल्याण पश्चिम स्थित के. एम. अग्रवाल कला, वाणिज्य
एवम् विज्ञान महाविद्यालय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग संपोषित दो दिवसीय राष्ट्रीय
संगोष्ठी का उद््घाटन सुनिश्चित हुआ है। संगोष्ठी
का मुख्य विषय है ``हिन्दी ब्लागिंग : स्वरूप, व्याप्ति और संभावनायें।'' यह
संगोष्ठी शनिवार 10 दिसंबर 2011 को सायं. 5.00 बजे तक चलेगी।
संगोष्ठी
के उद््घाटन सत्र में डॉ. विद्याबिन्दु सिंह - पूर्व निदेशिका उत्तर प्रदेश
हिंदी संस्थान, लखनऊ, श्री. रवि रतलामी - वरिष्ठ हिन्दी ब्लॉगर मध्यप्रदेश एवम्
डॉ. रामजी तिवारी - पूर्व अध्यक्ष हिंदी विभाग मुंबई विद्यापीठ, मुंबई के उपस्थित
रहने की उम्मीद है। विशिष्ट अतिथि के रूप में नवभारत टाईम्स, मुंबई के मुख्य उपसंपादक
श्री. राजमणि त्रिपाठी जी भी उपस्थित रहेंगे। संगोष्ठी का उद््घाटन संस्था के
सचिव श्री. विजय नारायण पंडित करेंगे। एवम् अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष डॉ.
आर. बी. सिंह करेंगे।
इस संगोष्ठी
का `वेबकास्टिंग' के माध्यम से पूरी दुनिया में जीवंत प्रसारण (लाईव टेलीकॉस्ट) करने
की योजना है। इसकी जिम्मेदारी वरिष्ठ हिंदी ब्लॉगर गिरीश बिल्लोरे - मध्यप्रदेश ने
ली है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग संपोषित हिंदी ब्लागिंग पर आयोजित होनेवाली यह देश
की संभवत: पहली संगोष्ठी होगी। इस संगोष्ठी में प्रस्तुत किए जानेवाले शोध-प्रबंधों
को पुस्तकाकार रूप में प्रकाशित करने की योजना भी महाविद्यालय बना चुका है। हिंदी ब्लागिंग
पर प्रकाशित होनेवाली यह तीसरी पुस्तक होगी।
इस संगोष्ठी
में संपूर्ण भारत से प्रतिभागी आ रहे हैं। इनमें हिंदी के कई शीर्षस्थ ब्लागर भी होंगे।
जैसे कि - अविनाश वाचस्पति - दिल्ली, डॉ. हरीश अरोरा - दिल्ली, डॉ. अशोक मिश्रा - मेरठ,
केवलराम-हिमांचल प्रदेश, रवीन्द्र प्रभात - लखनऊ, सिद्धार्थ त्रिपाठी - लखनऊ, शैलेष
भारतवासी - कलकत्ता, मानव मिश्र - कानपुर, रवि रतलामी - मध्य प्रदेश, गिरीश बिल्लोरे
- मध्य प्रदेश, आशीष मोहता - कलकत्ता, डॉ. अशोककुमार - पंजाब, श्रीमती अनिता कुमार
- मुंबई, यूनुस खान - मुंबई, अनूप सेठी - मुंबई इत्यादि। वरिष्ठ साहित्यकार श्री. आलोक
भट्टाचार्य जी भी इस संगोष्ठी में सम्मिलित हो रहे है। विभिन्न महाविद्यालयों - विश्वविद्यालयों
से जुड़े प्राध्यापक भी बड़ी संख्या में इस संगोष्ठी में शामिल हो रहे हैं। इनमें से
कुछ प्रमुख नाम हैं - डॉ. रामजी तिवारी - मुंबई, डॉ. आर. पी. त्रिवेदी-मुंबई, डॉ. प्रकाश
मिश्र - कल्याण, डॉ. एस. पी. दुबे - मुंबई, डॉ. सतीश पाण्डेय - मुंबई, डॉ. के. पी.
सिंह - ऍटा, डॉ. एन्.एन्.राय-रायबरेली, डॉ. शमा खान- बुलंदशहर, डॉ. ईश्वर पवार-पुणे,
डॉ. गाडे-सातारा, डॉ. शास्त्री - कर्नाटक, डॉ. परितोष मणि-मेरठ, डॉ. अनिल सिंह-मुंबई,
डॉ. कमलिनी पाणिग्रही-भुवनेश्वर, डॉ. पवन अग्रवाल - लखनऊ, डॉ. मधु शुक्ला-इलाहाबाद,
डॉ. पुष्पा सिंह-आसाम, डॉ. गणेश पवार-तिरूपति, विभव मिश्रा-मेलबर्न आस्ट्रेलिया, डॉ.
सुरेश चंद्र शुक्ल-नार्वे, डॉ. शशि मिश्रा-मुंबई, डॉ. सुधा -दिल्ली, डॉ. विनीता-दिल्ली,
डॉ. बलजीत श्रीवास्तव - बस्ती, डॉ. विजय अवस्थी-नाशिक, डॉ. संजीव दुबे-मुंबई, डॉ. वाचस्पति-आगरा,
डॉ. संजीव श्रीवास्तव-मथुरा, डॉ. डी. के. मिश्रा - झाँसी इत्यादि।
दो-दिवसीय
यह राष्ट्रीय संगोष्ठी कुल 06 सत्रों में विभाजित है। उद््घाटन सत्र एवम् समापन सत्र
के अतिरिक्त चार चर्चा सत्र होंगे। पूरी संगोष्ठी का संयोजन महाविद्यालय के हिंदी विभाग
के प्रभारी डॉ. मनीष कुमार मिश्रा कर रहे हैं। चार चर्चा सत्रों के लिए चार सत्र संयोजक
नियुक्त किये गये हैं। क्रमश: डॉ. आर. बी. सिंह - उपप्राचार्य, अग्रवाल कॉलेज, डॉ.
(श्रीमती) रत्ना निम्बालकर - उपप्राचार्य अग्रवाल महाविद्यालय, डॉ. वी. के. मिश्रा,
वरिष्ठ प्राध्यापक एवम् सी.ए. महेश भिवंडीकर - वरिष्ठ प्राध्यापक - अग्रवाल कॉलेज।
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अनिता मन्ना संगोष्ठी से जुड़ी सारी तैयारियों की व्यक्तिगत
तौर पर देखरेख कर रही हैं।
इस संगोष्ठी
की मुख्य बाते निम्नलिखित हैं। 1) विश्व विद्यालय अनुदान आयोग संपोषित यह हिंदी ब्लागिंग
पर आयोजित संभवत: देश की पहली संगोष्ठी है। 2) पूरे दो दिन की संगोष्ठी का वेब कास्टिंग
के जरिये इंटरनेटपर सीधा प्रसारण होगा। 3) इस संगोष्ठी में प्रस्तुत किये जानेवाले
शोध आलेखों को पुस्तकाकार रूप में प्रकाशित किया जा रहा है। जो कि हिंदी ब्लॉगिंग पर
प्रकाशित होनेवाली देश की तीसरी पुस्तक होगी। 4) हिंदी ब्लॉगरो एवम् हिंदी प्राध्यापकों
को एक साथ राष्ट्रीय मंच प्रदान करने का यह नूतन प्रयोग होगा। दो दिनों के कार्यक्रम
का विवरण संलग्न है।
डॉ. (श्रीमती) अनिता मन्ना प्राचार्या
- के.एम.अग्रवाल महाविद्यालय
डॉ. मनीष कुमार मिश्रा
संयोजक एवम प्रभारी हिंदी विभाग
मो. 8080303132
email: manishmuntazir@gmail.com
www.onlinehindijournal.blogspot.com
Sunday, 27 November 2011
Wednesday, 23 November 2011
Monday, 14 November 2011
Thursday, 10 November 2011
राष्ट्रिय संगोष्ठी में आनेवाले प्रतिभागियों से विनम्र अनुरोध
.
दिनांक ०९ -१० दिसम्बर २०११ को के.एम्.अग्रवाल महाविद्यालय ,कल्याण (पश्चिम ) में " हिंदी ब्लागिंग : स्वरूप, व्याप्ति और संभावनाएं " इस विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रिय संगोष्ठी में आने के इच्छुक प्रतिभागियों से अनुरोध है कि वे निम्नलिखित बातों का ख़याल रखें .
१- प्रतिभागियों को किसी तरह का यात्रा व्यय महाविद्यालय क़ी तरफ से नहीं मिलेगा .
२-आवास और भोजन क़ी व्यवस्था सिर्फ दो दिनों के लिए ही क़ी गयी है, ०९ और १० दिसम्बर २०११ . इन दो दिनों के अतिरिक्त आवास और भोजन क़ी व्यवस्था प्रतिभागी क़ी अपनी जिम्मेदारी होगी .
३- कोई प्रतिभागी यदि अपने परिवार के साथ आना चाहता है तो वे अपनी व्यक्तिगत व्यवस्था के साथ ही आयें. महाविद्यालय क़ी तरफ से अलग से कोई व्यवस्था नहीं क़ी जायेगी .
४- पंजीकरण शुल्क ४०० रुपए सभी प्रतिभागियों को देने होंगे .
५- आवास क़ी सुविधा के लिए हर प्रतिभागी को ५०० रुपए देने होंगे .
६- आवास क़ी व्यवस्था बालाजी इंटर नेशनल होटल में क़ी गयी है. एक कमरे में ०३ प्रतिभागियों . के रुकने क़ी व्यवस्था है .
७- एक व्यक्ति -एक कमरा --- जैसी व्यवस्था नहीं है
८- आवास क़ी व्यवस्था पूर्व सूचना देने वाले प्रतिभागियों के लिए ही क़ी गयी है
9- प्रपत्र वाचन के लिए किसी प्रकार के मानधन क़ी व्यवस्था नहीं है. इसकी अपेक्षा भी ना करें .
१०- कार्यक्रम से सम्बंधित किसी भी प्रकार के निर्णय को लेने के लिए महाविद्यालय स्वतन्त्र है .
आशा है आप सभी का सहयोग हमे मिलेगा . किसी बात को अन्यथा ना लें . बात साफ़-सुथरे तरीके से कह देना जादा बेहतर है .
आपका
डॉ. मनीष कुमार मिश्रा
८०८०३०३१३२, ९३२४७९०७२६
Friday, 4 November 2011
क्या कहे लोग अपने ही थे ,
शब्दों से खेल रहे ,
भावों को तौल रहे ,
लोग वो अपने ही ,
जिंदगी यूँ हम अपनी झेल रहे .
राहों के दरमयान कब सड़के बदल डाली ,
बातों ही बातों में शर्ते बदल डाली ,
क्या कहे लोग अपने ही थे ,
क्यूँ रश्मे बदल डाली .
Wednesday, 2 November 2011
पथरीली पगडंडी पे काटों से राहत है /
न गम ही है तेरा , न तेरी ख़ुशी है ,
न आखों में आंसू , न मुख पे हंसी है ;
न मंजिल की चाहत , न राहें थमी हैं ;
कैसी जिंदगानी ये कैसी कमी है /
विस्मित अँधेरा है ,साये ने घेरा है
परछाई है व्याकुल अँधेरा ही अँधेरा है ;
तारो की टिमटिमाहट है कैसी ये चाहत है ,
पथरीली पगडंडी पे काटों से राहत है /
Tuesday, 1 November 2011
Subscribe to:
Posts (Atom)
How to earn money by blogging
ChatGPT said: Earning money through blogging can be quite rewarding if done right! Here’s a step-by-step guide to help you understand how to...
-
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...
-
कथाकार अमरकांत : संवेदना और शिल्प कथाकार अमरकांत पर शोध प्रबंध अध्याय - 1 क) अमरकांत : संक्षिप्त जीवन वृत्त ...
-
अमरकांत की कहानी -जिन्दगी और जोक : 'जिंदगी और जोक` रजुआ नाम एक भिखमंगे व्यक्ति की कहानी है। जिसे लेखक ने मुहल्ले में आते-ज...