Friday 1 January 2010
moments goes by .
events fades by ,
feelings remains ,
care and affection what it means ,
judgements may not come true ,
believe is hard to believe ,
but love is always there to see ।
cherish those who stand by you ,
implore the goodness who are ignored by you ,
have faith in your own divinity ,
be good to every one by your civility।
the year ahead may bring joy and happiness ,
the time ahead may bring pride in your achievement and humbleness।
All you wish ,
have growth and bliss ।
a life of content ,
full of good intent ।
of love and peace ,
of growth and ease।
WISH ALL A VERY HAPPY NEW YEAR .
Thursday 31 December 2009
नूतन क्या है जो मै लायुं /
नूतन क्या है जो मै लायुं ,
क्या नूतन मै भाव सजायुं ;
नित्य सुबह को नयी है किरणे ,
उनमे क्या मै और मिलायुं ,
नूतन क्या है जो मै लायुं ,
मेरी निजता तुममे है खोयी ,
तेरे सपनों से प्रभुता है जोई ;
नित नए पलों का उदगम हरदम ,
कितने उसमे सपने मै बोयुं ,
नूतन क्या है जो मै लायुं ,
तुझको तकते आखें है सोयी ;
नया है हर पल ,हर छन नया है ,
नयी है शामें सुबह नयी है ,
नया महिना साल नया है ,
क्या नया नया मै जोडूँ यार पुराने ,
क्या मै बदलूं प्यार पुराने ;
नूतन क्या है जो मै लायुं ,
क्या नूतन मै भाव सजायुं ;
नव वर्ष की पूर्व संध्या पर
नए साल का आगमन होने ही वाला है .इन्टरनेट पे हर जगह नए साल को मनाने की तैयारियों को ले कर चर्चा चल रही है .कुल मिलाकर शराब,लडकियां और नाच-गाने का ही जोर चारों तरफ है . ऐसे में एक सवाल मेरे मन में उठता है कि क्या भारत जैसे देश में इस तरह से नव वर्ष का स्वागत योग्य है ?
भारत जन्हा कि ७०% आबादी गाँवों की है , जन्हा देश का बड़ा हिस्सा गरीबी रेखा के नीचे जीवन जी रहा है .जहा एक बड़ी आबादी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही हो, वंहा नव वर्ष का स्वागत कैसे होना चाहिए ?
आप यह मत सोचिये की मैं आप को कोई सन्देश दे रहा हूँ और आप की शाम खराब कर रहा हूँ . मैं तो बस इतना चाहता हूँ की आप इस बात पे पूरी ईमानदारी के साथ सोंचे .
अंत में बस इतना ही की
नव वर्ष की शुभ कामनाए
२०१० आप के लिए मंगलमय हो .
Wednesday 30 December 2009
नया साल जब आता है ,--------------------------------------
याद तुम्हारी लाता है .
तेरे मेरे सपनो का ,
खंडहर मुझे दिखाता है .
नया साल ---------------------------------------
ना जाने तेरी कितनी ,
बातें याद दिलाता है .
वक्त की शाखों से टूटे,
पत्तो सा बिखराता है .
नया साल -------------------------------------------
अपने सपनो की टूटन को,
हर आहट में दिखलाता है .
अपनी हर छुअन को,
यादो में सहलाता है .
नया साल -------------------------------
आ जाओगी शायद फिर तुम,
एहसास यही दे जाता है .
मीठे-मीठे सपनो को ,
मेरे पास सुलाता है .
नया साल ----------------------------------
तेरे बाद उदास पड़े,
बिस्तर को सहलाता है .
उदास इसकी सलवटों में ,
मेरी हंसी उड़ाता है .
नया साल जब --------------------------------
happy new year -2010
Indian Cricketers launch their Websites
- Biography
- A Fan Zone or Fan club
- A Picture Gallery
- A webcast where each of these players talk about something to share with their fans.
- Harbhajan Singh : Website
- Ishant Sharma : Website
Tuesday 29 December 2009
The Traffic People : Getting through Indian roads can be little easy
The Traffic People : Getting through Indian roads can be little easy
We all know how tough is Indian roads specially when its peak time. Its not about just road conditions but when everybody is on road with their wheels on nothing helps excpet your experince. The Traffic People is an initiative by Shailesh Sinha of Delhi to help you travel through Indian roads little easier with tools they have launched and few more they will be doing in coming months.
Current Traffic Status
Plan your Route through city traffic.
Traffic Radio helping you to find which road will give you blues croissing through. There is a radio cast availble almost every 30 minutes to help you analyse the condition of the roads.
Traffic Forecast : This will be intresting depending on what kind of analysis is do
As of now only Delhi is on their radar and we hope to see how well they go ahead with this challeneging tasks. You can send an SMS to 54242 with text as TRAFFICPEOPLE and you would get the latest traffic update on your phone. Good luck to them. Find more details on Traffic People
पथिक है बैठा राह तके है /
पथिक है बैठा राह तके है ,
हमसाया मिल जाये ,
जो सपनों को सींचे है ,
रुके पगों को क्या हासिल हो ,
जो हमराही मिल जाये ,
चलते रहना नियति हो जिसकी ,
क्यूँ राहों पे रुके है ;
पथिक है बैठा राह तके है ,
बड़ते कदमों संग दुनिया भागे ,
चलता प्रियतम दुनिया मांगे ,
क्यूँ वो इसको भूले है ;
पथिक है बैठा राह तके है ,
मंजिल पहले थमना कैसा ,
धारा संग भी बहना कैसा ,
मंजिल एक पड़ाव है ,
कुछ पल का ठहराव है ,
नयी चुनौती नयी मंजिले ,
नयी सड़क का बुलावा है ,
जो संग चला वो हम साया ,
जो साथ रहा वो ही है यारा ,
पथिक है बैठा राह तके है /
Monday 28 December 2009
merry christmas
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Hope the New Year will bring peace, health and success
हिंदी का राष्ट्रिय सेमीनार
१५-१६ जनवरी २०१० को पुणे विश्विद्यालय से सम्बद्ध चांदमल ताराचंद बोरा महाविद्यालय , रांजनगाँव ,शिरूर में २ दिवसीय
राष्ट्रीय संगोष्टी आयोजित की गई है . यदि आप इस संगोष्टी में सहभागी होना चाहते हैं तो संपर्क करे -
डॉ.इश्वर पवार
०२१-३८२८८४४४
०९६२३९६१४४३
०९४२२३१६६१७
संगोष्ठी में आप का स्वागत है
अभिलाषा १०५
अभिलाषा ने किया सवाल .
अपने पूरे होने की ,
उसकी थी चाहत प्रिये .
उसकी बाते सुनकर के,
जीवन बस इतना बोला -
जो पूरी ही हो जाए,
अभिलाषा वो कंहा प्रिये .
---------अभिलाषा १०५
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अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...
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मै बार -बार university grant commission के उस फैसले के ख़िलाफ़ आवाज उठा रहा हूँ ,जिसमे वे एक बार M.PHIL/Ph.D वालो को योग्य तो कभी अयोग्य बता...