Friday 23 April 2010
याद तेरी ,7
Thursday 22 April 2010
याद तेरी 6
याद तेरी ,
.
सतरंगी आभा ,
.
याद तेरी ,
.
गोधुली की गाथा ,
.
याद तेरी ,
.
ठंडी का कंपना ,
.
याद तेरी ,
.
बाँहों में रमना ,
.
याद तेरी /
कैसे वो कह दे /
कौनसा वक़्त बड़ा था ;
कैसे वो स्वीकारे ,
कौनसा रिश्ता दिल में गड़ा था ;
.
याद है उसे ,
बचपन के हंसी पल ,
पिता की गोद माँ का निश्चल मन ;
.
याद है उसे ,
पहले प्यार का पहला आलिंगन ,
वो सिने की धड़कन पहला चुम्बन ;
.
याद है उसे ;
पति की पहली बातें ,
कितने ही हंसती खिलखिलाती रातें ;
.
याद है उसे ;
बच्चे का पेट में अवतरण ,
उन नन्ही उँगलियों की पकड़न ;
याद है उसे /
. .
मौत की चारपाई पे लेटी ,
वो निर्णय लेने में असमर्थ है ,
कौनसा पल सबसे सुंदर ,
कौन है उसके दिल की गहराईयों में सबसे अंदर ;
कैसे वो कह दे /
.
Friday 19 March 2010
तुझे याद नहीं मै करता ,
तुझे याद नहीं मै करता ,
तू रोज मुझे सपनों में दिखता ;
तुझे याद नहीं मै करता ;
दिन भर उलझा रहता हूँ कामों में ,
थम जाता हूँ राहों में ,
पत्नी बच्चों की आकान्छाओं को ,
पूरा करना है अपनो की आशाओं को ;
सो जाता हूँ इसी उधेड़बुन में ,
और तू आ जाता है ख्वाबों में ;
तुझे याद नहीं मै करता ,
तू रोज मुझे सपनों में मिलता;
वक़्त मिले तो परिवार की उलझन ,
कभी बीमारी कभी पैसों का क्रंदन ;
बहुधा तेरी विधी से चलता हूँ ,
पर याद नहीं तुझे करता हूँ ;
अनजान पलों में नाम तेरा मुंह पे आता है ,
एक पल को हाथ तेरी छाया छू जाता है ;
पर याद नहीं तुझको करता हूँ ;
दिल पे मै पत्थर रखता हूँ ;
तुझे याद नहीं मै करता ,
तू सपनों में मुझपे हँसता ;
तुझे याद नहीं मै करता ,
तू मेरे हर सपनों में रहता ,
तुझे याद नहीं मै करता /
Thursday 11 March 2010
द्वैत कहूँ अद्वैत कहूँ ,
या प्यार तुझे अनिकेत कहूँ ,
या प्यार तुझे अनिकेत कहूँ ,
या प्यार तुझे अनिकेत कहूँ ,
Monday 8 March 2010
क़त्ल न कर मुझे जरा जी लेने दे ,
-
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...
-
मै बार -बार university grant commission के उस फैसले के ख़िलाफ़ आवाज उठा रहा हूँ ,जिसमे वे एक बार M.PHIL/Ph.D वालो को योग्य तो कभी अयोग्य बता...