दिनांक २ ,३ और ४ दिसम्बर को मुंबई के साठे महाविद्यालय में यू.जी.सी., महाराष्ट्र हिंदी अकादमी और अयोध्या शोध संसथान के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय अंतर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. आप भी इस संगोष्ठी में सहभागी हो सकते हैं. इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए साथ में दिए गए संगोष्ठी पत्र के पते पर संपर्क किया जा सकता है.
Wednesday 24 November 2010
अंतर राष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी का आयोजन मुंबई में
अंतर राष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी का आयोजन मुंबई में :-
Sunday 21 November 2010
जिंदगी तेरी पगडण्डी फिर चल आया मै ,
जिंदगी तेरी पगडण्डी फिर चल आया मै , जिंदगी तेरी बंदगी फिर कर आया मै
खुदा बसता है जमीं पे यकीं न था
तेरी राहों में खुदा देख आया मै
तेरी मोहब्बत तो शामिल है मेरे रग रग में
तेरी चाहत असीम है मेरे हर पल में
तड़प गम ख़ुशी सब अमानत तेरी
जिंदगी जिन्दा हूँ मै तेरी जफ़ाओं में /
खुदा बसता है जमीं पे यकीं न था
तेरी राहों में खुदा देख आया मै
तेरी मोहब्बत तो शामिल है मेरे रग रग में
तेरी चाहत असीम है मेरे हर पल में
तड़प गम ख़ुशी सब अमानत तेरी
जिंदगी जिन्दा हूँ मै तेरी जफ़ाओं में /
Saturday 20 November 2010
its love love and love what I wanted
passion emotion and care
the love we share
hugs kisses and desires
dreams and wishes we aspires
the intimacy the way it lasted
love love & love what I wanted
Friday 19 November 2010
पर मिल ना पाया जिंदगी का फलसफा ,
कुछ आंसू बहे कुछ दिल पिघला , पर मिल ना पाया जिंदगी का फलसफा ,
तड़पते रहे अरमान बेचारे ,
नसीब ही है शायद कुछ ऐसे हमारे
तड़पते रहे अरमान बेचारे ,
नसीब ही है शायद कुछ ऐसे हमारे
Thursday 18 November 2010
याद तो आती ही है
याद तो आती ही है ----------
आती-जाती हर सांस के साथ ,
बीते हुवे कल क़ी बात के साथ,
किताबों में सूखे गुलाबों के साथ ,
जागती आँखों के भीगे हुवे ख्वाबों के साथ,
याद तो आती ही है .
आती-जाती हर सांस के साथ ,
बीते हुवे कल क़ी बात के साथ,
किताबों में सूखे गुलाबों के साथ ,
जागती आँखों के भीगे हुवे ख्वाबों के साथ,
याद तो आती ही है .
Wednesday 17 November 2010
~इंटरनेट पर हिन्दी के उपयोगी टूल~
~इंटरनेट पर हिन्दी के उपयोगी टूल~
महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी की स्थापना 1982 में तत्कालीन विधायक तथा हिन्दी साहित्यकार-पत्रकार डॉ॰ राममनोहर त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुई, किंतु आवश्यक अनुदान, कर्मचारी और कार्यालय के अभाव में कोई काम नहीं हो सका और त्रिपाठीजी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। पुनः 1986 में प्रा॰ राम मेघे की अध्यक्षता में, जो महाराष्ट्र में शिक्षा मंत्री थे, अकादमी का पुर्नगठन हुआ। 'महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी' का आधारभूत उद्देश्य है हिन्दी के मंच से राष्ट्रीय एकता के लिए काम करना। इस उद्देश्य को दृष्टि में रखकर 'हिन्दी अकादमी' हिन्दी भाषा एवं साहित्य की प्रोन्नति के लिए केन्द्र तथा राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित योजनाओं का यथारूप राज्य में कार्यान्वन करती है। इसी संस्था क़ी तरफ से इन्टरनेट पर काम करने क़ी आसन विधियों को लेकर काम किया जा रहा है . जिसकी जानकारी उनकी वेब साईट http://www.maharashtrahindi.org/parichay.हटमल पर दी गई है. आप के लिए उसी का अंश दिया जा रहा है.कंप्यूटर पर हिन्दी में काम करना अब बहुत आसान है। इंटरनेट पर कम्प्यूटर को हिन्दी में लिखने और पढ़ने की ढेरों विधियाँ और उपकरण मुफ़्त में उपलब्ध हैं। हम सभी तरह के उपकरणों (संसाधनों) को यहाँ संकलित कर रहे हैं।
- हिन्दी टंकण उपकरण और संपादित्र
- हिन्दी शब्द प्रक्रमण संसाधन (वर्ड प्रोसेसिंग)
- हिन्दी वर्तनी परीक्षक (स्पेल-चेकर)
- देवनागरी यूनिकोड फॉन्ट
- फॉन्ट परिवर्तक
- लिपि परिवर्तक
- हिन्दी निर्देशिका
- शब्दकोश
- हिन्दी मशीन अनुवाद संसाधन/सॉफ्टवेयर
- हिन्दी पाठ विश्लेषण (टेक्सट एनालिसिस), पाठ प्रक्रमण (टेक्सट प्रोसेसिंग) और समनुक्रमणिका (कॉन्कोरडेन्स)
national seminar
Respected Sir,
Wishing you seasons greetings and have great pleasure to inform you that we are organizing UGC Sponsored 2-Days Interdisciplinary National Seminar on “IMPACT OF URBANIZATION” on 24th and 25th January, 2011 at our College. The Inaugural Function will be held on 24th Jan. 2011 at 10.30am at our College.
We wish to invite you in the programme.
Please accept our invitation and let us know your acceptance.
Looking forward to the pleasure of having you amidst us on that day.
Thanking you,
Friday 12 November 2010
kathadesh on internet
साहित्य, संस्कृति और कला का समग्र मासिक | |
कवितायें | |
1. | मधुवेश: |
2. | सेर्गेई एसेनिन: रूसी कविता का अमर लोकगायक : उमा |
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आलेख | |
3 | हुसैन प्रसंग : प्रभु जोशी |
4. | सब कुछ पूछो यह मत पूछो आम आदमी कैसा है : अविनाश |
. | उपन्यास |
वजह बेगानगी नहीं मालूम : विनोद कुमार श्रीवास्तव | |
संस्मरण | |
5. | अज्ञेय के तीन पत्र राजेन्द्र मिश्र के नाम |
कहानियां | |
6. | साक्षी : संजीव कुमार |
7. | नाइजीरियाई कहानी : नाम में क्या धरा है: काची ए. ओजुम्बा |
8. | अपने-अपने डर : नवरत्न पांडे |
9. | साड़ू : : हरदर्शन सहगल |
10 | सन् 1945 का एक रविवार : प्रभाकर चौबे |
11 | तल-घर : दीपक शर्मा |
12 | शहादत दिलाने वाले : सआदत हसन मंटो |
दलित प्रश्न | |
13. | केरल में दलित, दलित आन्दोलन और दलित साहित्य : बजरंग बिहारी तिवारी |
रंगमंच | |
14. | महाभोज की पहली प्रस्तुति : देवेन्द्र राज अंकुर |
15. | लोक से सम्बन्धों की पड़ताल : हृषीकेश सुलभ |
प्रसंगवश | |
व्यक्तिगत और राजनैतिक-एक विचार यात्रा : अर्चना वर्मा | |
समीक्षा | |
16. | असुर समुदाय के संघर्ष की अपूर्व दास्तान : संतोष दीक्षित |
17 | संभावनाओं को आमंत्रण : मनोज कुमार |
स्वातंत्रयोतर भारत का भावात्मक विकास : अमिताभ राय | |
सम्वाद-प्रतिवाद | |
18. | कुछ सुरझावन हारी कुछ उरझावन हारी : रवीन्द्र त्रिपाठी |
यायावर की डायरी | |
19. | लागी सो ही जाणे : सत्यनारायण |
कवियन की वार्ता | |
20. | मैं आपको गाली दूंगा : विश्वनाथ त्रिपाठी |
लघुकथा | |
21. | लघुकथा झगड़ालू बहू : हरदर्शन सहगल |
गतिविधियाँ | |
22. | साहित्यिक-सामाजिक गतिविधियां |
अनुगूंज | |
23. | पाठकों के पत्र |
Tuesday 9 November 2010
Monday 8 November 2010
हिंदी ब्लॉग्गिंग पे राष्ट्रीय संगोष्ठी
हिंदी ब्लॉग्गिंग पे राष्ट्रीय संगोष्ठी :-
मित्रों यु.जी.सी. और अपने महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में मैं एक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित करने का मन बना रहा हूँ. जिसका विषय होगा हिंदी ब्लॉग्गिंग :स्वरूप ,व्याप्ति और संभावनाएं .
इस आयोजन के पीछे जो मुख्य बिंदु हैं ,वे हैं
* हिंदी ब्लॉग्गिंग क़ी गतिविधियों से प्राध्यापक जगत को जोड़ना .
* ब्लागर्स और प्राध्यापकों का बीच सम्बन्ध स्थापित करना .
* ब्लॉग्गिंग पर किताब प्रकाशित करने क़ी सम्भावना पर चर्चा करना .
* हिंदी साहित्य क़ी एक विधा के रूप में हिंदी ब्लॉग्गिंग क़ी स्थिति को देखना .
* हिंदी ब्लॉग्गिंग पर शोध कार्यों क़ी संभावनाएं तलाशना .
* अध्ययन -अध्यापन में ब्लॉग क़ी भूमिका तलाशना .
आप लोगों क़ी इस बारें में क्या राय है. यदि आप इस संगोष्ठी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो कृपया संपर्क करें .
डॉ. मनीष कुमार मिश्रा
९३२४७९०७२६
मित्रों यु.जी.सी. और अपने महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में मैं एक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित करने का मन बना रहा हूँ. जिसका विषय होगा हिंदी ब्लॉग्गिंग :स्वरूप ,व्याप्ति और संभावनाएं .
इस आयोजन के पीछे जो मुख्य बिंदु हैं ,वे हैं
* हिंदी ब्लॉग्गिंग क़ी गतिविधियों से प्राध्यापक जगत को जोड़ना .
* ब्लागर्स और प्राध्यापकों का बीच सम्बन्ध स्थापित करना .
* ब्लॉग्गिंग पर किताब प्रकाशित करने क़ी सम्भावना पर चर्चा करना .
* हिंदी साहित्य क़ी एक विधा के रूप में हिंदी ब्लॉग्गिंग क़ी स्थिति को देखना .
* हिंदी ब्लॉग्गिंग पर शोध कार्यों क़ी संभावनाएं तलाशना .
* अध्ययन -अध्यापन में ब्लॉग क़ी भूमिका तलाशना .
आप लोगों क़ी इस बारें में क्या राय है. यदि आप इस संगोष्ठी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो कृपया संपर्क करें .
डॉ. मनीष कुमार मिश्रा
९३२४७९०७२६
Sunday 7 November 2010
Atal Bihari Vajpayee ji ki 'Bharat' Kavita
Former Prime Minister of India - Shree Atal Bihari Vajpayeeji's poem in Hindi about 'Apna Bharat desh' at one of the functions....its just an excerpt of his fantastic poem.....just listen, how the words and the meaning create magic and had spectators spellbound...
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अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...
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मै बार -बार university grant commission के उस फैसले के ख़िलाफ़ आवाज उठा रहा हूँ ,जिसमे वे एक बार M.PHIL/Ph.D वालो को योग्य तो कभी अयोग्य बता...