ONLINE HINDI JOURNAL
Friday, 19 November 2010
पर मिल ना पाया जिंदगी का फलसफा ,
कुछ आंसू बहे कुछ दिल पिघला , पर मिल ना पाया जिंदगी का फलसफा ,
तड़पते रहे अरमान बेचारे ,
नसीब ही है शायद कुछ ऐसे हमारे
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