Friday 4 March 2022

डॉ. प्रभाकर सिंह

 










डॉ. प्रभाकर सिंह इलाहाबाद ज़िले में मानपुर गाँव में सन् 1979 में जन्म। इण्टरमीडिएट तक की शिक्षा गाँव से। बी.ए., एम.ए. और डी.फिल. इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद से। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश से प्रवक्ता के रूप में चयनित होकर वर्ष 2004-2005 ई. तक स्नातकोत्तर महाविद्यालय, पट्टी, प्रतापगढ़ में अध्यापन कार्य। वर्ष 2005 ई. से काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में अध्यापन। लगभग 50 आलेख और समीक्षाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। पुस्तकों में 20 से अधिक अध्यायों का प्रकाशन। ‘ई-पाठशाला’, ‘हिन्दी साहित्य कोश’ और उ.प्र. राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय में विभिन्न पाठ्य सामग्रियों का प्रकाशन हेतु चयन।

कुछ कविताएँ भी प्रकाशित। ‘उपन्यास : मूल्यांकन के नये आयाम’ और ‘रीतिकाव्य : मूल्यांकन के नये आयाम सम्पादित पुस्तकों का प्रकाशन। ‘आधुनिक साहित्यः विकास और विमर्श’ पुस्तक प्रकाशित। ‘साहित्य का इतिहास लेखन : परम्परा और इतिहास-दृष्टि’ पुस्तक शीघ्र प्रकाश्य। इन दिनों ‘भाषा-विमर्श’ और ‘रीतिकाव्य’ पर शोध कार्य।

Sunday 27 February 2022

७५ साल ७५ व्याख्यान श्रृंखला

 महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, मुंबई द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित विशेष व्याख्यान शृंखला : ७५ साल ७५ व्याख्यान


*व्याख्यान संख्या : ४*

*विषय : हिंदी और मराठी का अंतर्संबंन्ध*


*वक्ता : डॉ. दामोदर खडसे*

पूर्व कार्याध्यक्ष, महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, मुंबई


समन्वयक : डॉ. मनीष कुमार मिश्रा


व्याख्यान देखने के लिए, कृपया 

https://youtu.be/q2GZpYaU26I

इस लिंक पर क्लिक करे. व्याख्यान से संबंधीत आपकी राय कमेंट मे दे। व्याख्यान अच्छा लगे, तो कृपया लाईक करे. 


अकादमी के *Maha Sahitya* युट्यूब चैनल को सबस्काइब करे, नोटीफिकेशन पाने के लिए बेल आयकॉन को प्रेस करे.


धन्यवाद...

Saturday 19 February 2022

75 साल - 75 व्याख्यान श्रृंखला की शुरुआत ।

 75 साल - 75 व्याख्यान श्रृंखला की शुरुआत ।













आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में " 75 साल - 75 व्याख्यान" नामक व्याख्यान श्रृंखला महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी आगामी 19 फ़रवरी 2022 को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के पावन अवसर पर शुरू कर रही है । साहित्य, संस्कृति, सिनेमा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़े देश के नामचीन विद्वानों को व्याख्यान की इस कड़ी में आमंत्रित किया जायेगा । यह व्याख्यान श्रृंखला 15 अगस्त 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है । ये सारे व्याख्यान अकादमी के यू ट्यूब चैनल https://www.youtube.com/channel/UCRys_Y2d-z888TKwR9wMJoA 

पर  टेलीकास्ट किए जायेंगे । इस तरह डिजिटल रूप में ये व्याख्यान हमेशा उपलब्ध रहेंगे । यह व्याख्यान श्रृंखला पूरी होने के बाद इन व्याख्यानों को पुस्तक रुप में प्रकशित करने की भी योजना है । इस पूरी व्याख्यान श्रृंखला के संयोजन के लिए डॉ मनीष कुमार मिश्रा को अकादमी की तरफ से समन्वयक के रूप में नियुक्त किया गया है । डॉ मनीष कुमार मिश्रा के एम अग्रवाल महाविद्यालय कल्याण पश्चिम में हिंदी व्याख्याता के रूप में कार्यरत हैं ।

इस महत्वाकांक्षी व्याख्यान श्रृंखला की शुरुआत महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के पूर्व कार्याध्यक्ष प्रोफेसर शीतला प्रसाद दुबे जी के व्याख्यान से होगी । "आज़ादी के पचहत्तर साल और हिंदी साहित्य" इस विषय पर प्रोफेसर शीतला प्रसाद दुबे जी अपना व्याख्यान केंद्रित रखेंगे ।


Wednesday 9 February 2022

https://www.youtube.com/user/manishmuntazir/


















 

अमरकांत – जीवन तालिका

 

                       अमरकांत – जीवन परिचय

मूल नाम

 श्रीराम वर्मा

जन्म  

1 जुलाई 1925

माता

अनन्ती देवी

पिता

सीताराम वर्मा

भाई बहन

अमरकांत को लेकर सात भाई एक बहन

पत्नी

गिरिजा देवी

संतान

दो पुत्र एक पुत्री

असन कुमार वर्मा उर्फ़ अरुण हर्दन

अरबिंद उर्फ़ बिन्दू

संध्या वर्मा

शिक्षा

बी.ए – इलाहाबाद विश्वविद्यालय

कर्मभूमि

आगरा, लखनऊ, इलाहबाद

कार्यक्षेत्र

पत्रकारिता, स्वतंत्र लेखन

मृत्यु

17 फरवरी 2014

पुरस्कार एवम् सम्मान :

1. सोवियतलैंड नेहरू पुरस्कार

2. उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान पुरस्कार

3. मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार

4. यशपाल पुरस्कार

5. जन-संस्कृति सम्मान

6. मध्यप्रदेश का 'अमरकांत कीर्ति` सम्मान

7. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग का सम्मान 
8.साहित्य अकादमी सम्मान 2007
9.व्यास सम्मान 2010

 

अमरकांत के कहानी संग्रह

            1. जिंदगी और जोक

            2. देश के लोग

            3. मौत का नगर

            4. मित्र मिलन

            5. कुहासा

            6. तूफान

            7. कला प्रेमी

            8. प्रतिनिधि कहानियाँ

      इधर अमरकांत की संपूर्ण कहानियाँ दो भागों में प्रकाशित हो चुकी हैं। 'जाँच और बच्चे` कहानी संग्रह में उनकी नवीनत रचनाये हैं।

      1. अमरकांत की सम्पूर्ण कहानियाँ

            खण्ड एक - अमर कृतित्व प्रकाशन (प्रथम संस्करण 2002)

      2. अमरकांत की सम्पूर्ण कहानियाँ

            खण्ड दो - अमर कृतित्व प्रकाशन (प्रथम संस्करण 2002)

      3. जाँच और बच्चे

                        - अमर कृतित्व प्रकाशन (प्रथम संस्करण 2005)

 

अमरकांत के उपन्यास

      अमरकांत के प्रकाशित अब तक के कुल उपन्यास निम्नलिखित हैं।

1. सूखा पत्ता - राजकमल प्रकाशन (प्रथम संस्करण 1984)

2. आकाश पक्षी - राजकमल प्रकाशन (प्रथम संस्करण 2003)

3. काले उजले दिन - राजकमल प्रकाशन (प्रथम संस्करण 2003)

4. कँटीली राह के फूल - राजकमल प्रकाशन (प्रथम संस्करण 1963)

5. ग्राम सेविका - लोकभारती (प्रथम संस्करण 1973)

6. सुखजीवी - संभावना प्रकाशन, हापुड़ (प्रथम संस्करण 1982)

7. बीच की दीवार - अभिव्यक्ति प्रकाशन (1969 में

            'दिवार` और 'आंगन` नाम से प्रकाशित)

8. सुन्नर पांडे की पतोह - राजकमल प्रकाशन (प्रथम संस्करण 2005)

9. लहरें   - अक्टूबर 2005, कादम्बिनी उपहार अंक

10. इन्ही हथियारों से।  - राजकमल प्रकाशन (प्रथम संस्करण 2003)

11. विदा की रात – बया पत्रिका में पहले प्रकाशित

 

अमरकांत का अन्य साहित्य :

            1. कुछ यादें कुछ बातें - संस्मरण

                                  राजकमल प्रकाशन (प्रथम संस्करण 2005)

            2. नेउर भाई - बाल साहित्य, प्रकाशक कृतिकार, इलाहाबाद

            3. बानर सेना - बाल साहित्य, प्रकाशक कृतिकार, इलाहाबाद

            4. खूँटा में दाल है - बाल साहित्य, प्रकाशक कृतिकार, इलाहाबाद

            5. सुग्गी चाची का गाँव - बाल साहित्य, प्रकाशक कृतिकार, इलाहाबाद

            6. झगरूलाल का फैसला - बाल साहित्य, प्रकाशक कृतिकार, इलाहाबाद

            7. एक स्त्री का सफर - बाल साहित्य, प्रकाशक कृतिकार, इलाहाबाद

 

 

                                                        डा. मनीष कुमार मिश्रा

                                                         कल्याण 

Monday 31 January 2022

दो दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद मार्च 2022

 https://forms.gle/PaJ3JxAgF5jXjsZx7


https://kmahindiconference.blogspot.com/?m=1


राष्ट्र नायक सरदार वल्लभ भाई पटेल : व्यक्तित्व और कृतित्व   

{24-25 मार्च, 2022}

आयोजक  


हिंदी विभाग

के.एम.अग्रवाल कला, वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय

कल्याण (पश्चिम ) – 421301

महाराष्ट्र ।

 

संयोजक

डॉ. मनीष कुमार मिश्रा

सहायक प्राध्यापक – हिंदी विभाग

के. एम. अग्रवाल महाविद्यालय

कल्याण – पश्चिम, महाराष्ट्र

 

परिसंवाद की अवधारणा :

            देश की आजादी के बाद इसे एक सूत्र में पिरोने वाले लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल मां भारती के सच्चे सपूत थे । सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के रूप में मनाया जाता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। लंदन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे थे। इस दौरान आजादी की लड़ाई जोर पकड़ रही थी तो पटेल भी महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में कूद पड़े । स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल का पहला और बड़ा योगदान 1918 में खेड़ा संघर्ष था । उन्होंने 1928 में हुए बारदोली सत्याग्रह में किसान आंदोलन का सफल नेतृत्त्व भी किया।


          लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे।  स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देशी रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत के निर्माण में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने 562 छोटी-बड़ी रियासतों को भारतीय संघ में मिलाकर भारत राष्ट्र का निर्माण कराया।


          यह सरदार पटेल का ही विजन था कि भारतीय प्रशासनिक सेवाएं देश को एक रखने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवाओं को मजबूत बनाने पर कापी जोर दिया। उन्होंने सिविल सेवाओं को स्टील फ्रेम कहा था।  महात्मा गांधी ने सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि दी थी। बारडोली सत्याग्रह आंदोलन के सफल होने के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि प्रदान की थी।  सरदार पटेल देश की एकता के सूत्रधार थे। इसी वजह से उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। सन 1991 में सरदार पटेल को मरणोपरान्त 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया। 


 

 


 


परिसंवाद का  उद्देश्य :


• सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन और कार्यों से अवगत कराना ।

• विभिन्न भाषाओं में सरदार वल्लभ भाई पटेल से जुड़े शोध कार्यों की जानकारी साझा करना ।

• राष्ट्र निर्माण में सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान को प्रमुखता से रेखांकित करना ।

• सरदार वल्लभ भाई पटेल के राजनितिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव का विश्लेषण करना ।

• सरदार वल्लभ भाई पटेल के परिप्रेक्ष्य में आर्थिक-राजनीतिक प्रभाव की जांच करना ।

• कुशल राजनेता के रूप में सरदार वल्लभ भाई पटेल की भूमिका का मूल्यांकन करना ।

• भारतीय फिल्मों और अन्य कला माध्यमों द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल के छवि निर्माण का मूल्यांकन करना ।  

• 21 वीं सदी में भारत के सामने आनेवाले अवसरों और चुनौतियों का सरदार वल्लभ भाई पटेल के परिप्रेक्ष्य में मूल्यांकन करना । 

• सरदार वल्लभ भाई पटेल के विभिन्न पहलुओं का दस्तावेजीकरण और इस तरह भविष्य के अनुसंधान के लिए मूल्यवान प्राथमिक डेटा उत्पन्न करना ।

 

 

 

 

शोध पत्र लिखने के लिए उप-विषय :


 

·         सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन परिचय

·         स्वतंत्रता संग्राम में वल्लभभाई पटेल का योगदान

·         सरदार पटेल और किसान आन्दोलन

·         सरदार पटेल और महिला आन्दोलन

·         विभिन्न पदों पर सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         आजादी के बाद सरदार पटेल द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्य

·         सरदार पटेल का राजनीतिक जीवन

·         सरदार पटेल और उनके समकालीन राष्ट्रीय नेता  

·         सरदार बल्लभभाई पटेल को मिले राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय सम्मान

·         सरदार पटेल पर केन्द्रित साहित्य

·         सरदार वल्लभ भाई पटेल का उपलब्ध साहित्य

·         कला माध्यमों में सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

·         ऐतिहासिक दस्तावेजों में सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         सिविल सेवाओं के गठन में सरदार वल्लभ भाई पटेल का योगदान

·         परिवार के मुखिया के रूप में सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         वकालत और सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         ऑपरेशन पोलो और सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         पाठ्यक्रमों में सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         सरदार वल्लभ भाई पटेल से जुड़े संस्थान

·         सरदार वल्लभ भाई पटेल से जुड़े शोध कार्य

·         वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         सरदार वल्लभ भाई पटेल का प्रबंधन कौशल्य

·         व्यापार और वाणिज्य को सरदार वल्लभ भाई पटेल का प्रदेय

·         सूचना प्रौद्योगिकी और सरदार वल्लभ भाई पटेल

 

शोध आलेखों हेतु महत्वपूर्ण सूचना: 

 

·         शोध पत्र हिंदी, अंग्रेजी और मराठी भाषा में स्वीकार किये जायेंगे

·         हिंदी और मराठी भाषा के शोध पत्र यूनिकोड मंगल में ही भेजे

·         अंग्रेजी भाषा के आलेख Time New Roman Font Size 12 में टाइप कर भेजें

·         शोध आलेख न्यूनतम 1500 शब्दों एवं अधिकतम 3000 के अंदर ही हों

·         शोध आलेखों का फान्ट साइज़ 12 ही हो

·         शोध आलेखों के अंत में संदर्भ अनिवार्य है

·         सन्दर्भ सूची में लेखक का उपनाम, मुख्य नाम, पुस्तक का नाम, प्रकाशन का वर्ष एवं पृष्ठ संख्या अंकित होना चाहिए। पत्रिका के सन्दर्भ में लेख का शीर्षक, पत्रिका का नाम, अंक, पृष्ठ क्रम एवं प्रकाशन वर्ष दें।

शोध-पत्र A -4 साइज़ के कागज पर कंप्यूटर से एक तरफ मुद्रित हो।

·       kmahindiconference@gmail.com पर वर्ड और पीडीऍफ़ दोनों ही फ़ाइल अटैचमेंट के रूप में ही भेजें

·         आप 10 फरवरी 2022 तक अपना पूर्ण आलेख इसी ईमेल पर वर्ड और पीडीऍफ़ दोनों ही फ़ाइल अटैचमेंट के रूप में भेजें

·         शोध आलेखों की मौलिकता पर विशेष ध्यान दें

 

 

 

 

प्रकाशन योजना :

 

    परिसंवाद में प्रस्तुत शोध पत्रों में से चुने हुए 30 से 40 आलेखों को पुस्तकाकार रूप में ISBN / ISSN / UGC CARE LISTED JOURNAL में प्रकाशित करने की योजना है । इस सन्दर्भ में चयनित आलेखों के लेखकों से चर्चा की जाएगी । आलेखों के प्रकाशनार्थ किसी शुल्क को लेने न लेने का निर्णय महाविद्यालय परिस्थितियों के अनुरूप करने के लिए स्वतन्त्र है ।

 

परिसंवाद से अपेक्षित परिणाम  :


 


·         एक राष्ट्र के रूप में इस देश को एकता और अखंडता के सूत्र में पिरोने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन और कार्यों से सभी को अवगत करना ।


·         सरदार वल्लभ भाई पटेल के माध्यम से राष्ट्रिय एकता, अखंडता और संप्रभुता की प्रांजल भावना का प्रचार-प्रसार करना ।


·         आज़ादी के अमृत महोत्सव में एक कृतज्ञ राष्ट्र रूप में अपने राष्ट्र नायकों को आदरांजलि देना ।


·         21 वीं सदी में भारत के सामने आनेवाले अवसरों और चुनौतियों का सरदार वल्लभ भाई पटेल के परिप्रेक्ष्य में मूल्यांकन करना । 

·          सरदार वल्लभ भाई पटेल के विभिन्न पहलुओं का दस्तावेजीकरण और इस तरह भविष्य के अनुसंधान के लिए मूल्यवान प्राथमिक डेटा उत्पन्न करना ।

·         सरदार वल्लभ भाई पटेल से जुडी भावी योजनाओं के निर्माण में सरकार को यथोचित सुझाव हेतु वैचारिक मंथन करना ।

Tuesday 4 January 2022

आदरणीय सिंधुताई सपकाल


मां तुझे सलाम 

आदरणीय सिंधुताई सपकाल 

 10 साल की उम्र में 30 साल के व्यक्ति से विवाह । लगभग 20 वर्ष की उम्र में नौ महीने की गर्भवती सिंधु पर चरित्रहीनता का आरोप लगाकर पति ने घर से निकाल दिया । ख़ुद की माँ ने भी शरण नहीं दी तो अपनी दुधमुंही बच्ची के साथ रेल्वे स्टेशन पर भीख माँगने के लिये अभिशप्त । भीख में मिले पैसों में से अपनी ज़रूरत  भर का निकाल के शेष राशि साथी भिखारियों में वितरित कर देना । पुणे के दगड़ू सेठ हलवाई के अनाथालय में अपनी ख़ुद की बेटी को रखकर अनाथ बच्चों को पालने-पोसने के बड़े कार्य की शुरुआत । “माई” के रूप में प्रसिद्ध । हजारों लड़कियाँ जो आज़ माई के संरक्षण पलते हुए अपना सुनहरा भविष्य सँजो रहीं हैं, वे इस माई के बिना शायद किसी रेल्वे स्टेशन पर भीख माँगते हुए अल्पायु में वेश्या बनने के लिए अभिशप्त होतीं । 172 से अधिक पुरस्कारों से सम्मानित सिंधुताई अपने सनमती बाल निकेतन, पुणे के माध्यम से एक जाना-माना नाम । हजारों बच्चों को पालने और उन्हें उच्च शिक्षित करने का अनुकरणीय कार्य । 

आप हमेशा याद रहोगी ।