Thursday 17 December 2009

उस दिन /

मैंने बाल कटाया उस दिन ,
जुल्फों को रंगवाया उस दिन ;
चेहरे को massage कराया उस दिन ,
कितनी देर नहाया उस दिन /
शम्पू से बालों को धोया ,
बॉडी वाश से बदन भिगोया ;
mainicure कराया उस दिन ;
padicure कराया उस दिन ;
चेहरे पे moisture लगाया ,
तन को deo से महकाया ;
मोज़े में भी scent लगाया ,
mouth freshner से मुंह गरगलाया ;
मन कितना हर्षित था उस दिन ,
तन कितना पुलकित था उस दिन ;
उनसे मिलने की जल्दी थी मुझको ,
आखों में भरना था उनको ;
उनकी बातों में रमना था उस दिन,
उनको बाँहों में भरना था उस दिन ;
भाव मेरे खिले हुए थे ;
सपने आखों में घुले हुए थे ;
तैयार हुआ सज धज के उस दिन ;
तभी रिंग बजी ``आज नहीं किसी और दिन ``
मुझको बोला ऐसा वो उस दिन ;
एक निराशा दिल में छाई ,
आखों में नमी थी आई ,
ना घर में ना बाहर रह पाता ,
ना हंस ना ही रो पाता ;
क्या बीती थी मुझपे उस दिन ;
क्या सोचा क्या हुआ था उस दिन /

1 comment:

  1. ओह...ये तो बहुत बुरा हुआ. तमाम तैयारियों पे पानी फिर गया.

    ReplyDelete

Share Your Views on this..