Friday, 7 August 2009

हम जैसों के खातिर ही ------------------


इंतजार हो मौसम का ,
इतना मुझ मे सब्र कँहा ?
हम जैसों के खातिर ही ,
बेमौसम होती बरसात प्रिये ।
-अभिलाषा

1 comment:

Share Your Views on this..

लास्लो क्रास्नाहोर्काई : 2025 के नोबेल पुरस्कार विजेता हंगेरियाई लेखक

 लास्लो क्रास्नाहोर्काई : 2025 के नोबेल पुरस्कार विजेता हंगेरियाई लेखक  बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में जब विश्व साहित्य ने उत्तर-आधुनिक य...