Saturday, 1 September 2012
इन पहाड़ों मेँ आकर, तुम्हें
बहुत याद कर रहा हूँ
ये फूल, ये झरने और ये
सारी वादियाँ
तुम्हारी याद दिला रही हैं ।
यहाँ हर
तरफ खूबसूरती है ,
पवित्रता, निर्मलता और शीतलता है ।
फिर
तुम्हें तो यहीं होना चाहिए था ,
सब कुछ
तुमसा है तो,
तुम्हें
यहीं होना चाहिए था ।
मेरे साथ – साथ यहाँ सभी को शिकायत है ,
तुम्हारे यहाँ न होने की शिकायत ।
अजीब सा सूनापन है ,
तुम्हारे बिना मेरे अंदर ही ,
एक अधूरापन है ।
सिवाय तुम्हारे ।
shimla
25 अगस्त
2012 को महाविद्यालय का काम खत्म कर लगभग 03 बजे घर आया । सामान पैक किया और दोपहर
का भोजन लेकर करीब 04 बजे रेल्वे स्टेशन के लिए निकल पड़ा । शाम 05 बजे कानपुर के
लिए लखनऊ सुपरफास्ट ट्रेन पकड़ी । 24 की पूरी रात जाग कर परीक्षा के प्रश्न पत्र
बना रहा था , इसकारण नीद झट से आ गयी ।
26 को करीब 1.30 बजे दोपहर को कानपुर पहुंचा । बड़े
भाई मानव रेल्वे स्टेशन पे खड़े थे । कानपुर में एक दिन रुककर 27 की सुबह लखनऊ के
लिए निकल पड़ा । मैं , मानव भाई और चाचा जी एक साथ अपनी
गाड़ी से निकले । लखनऊ में मानव भाई श्री राम टावर स्थित अपने आफिस गए, चाचा जी क़ैसर बाग आफिस गए और ड्राइवर ने मुझे उमानाथ बली प्रेक्षागृह
छोड़ा , जहाँ ब्लागिंग पर अंतर्राष्ट्रीय संगोस्ठी थी । इसी
संगोष्ठी में मेरे द्वारा संपादित पुस्तक हिन्दी ब्लागिंग : स्वरूप, व्याप्ति और संभावनाएं का लोकार्पण हुआ । साथ ही साथ वर्ष 2010 – 2011
में हमारे के. एम . अग्रवाल महाविद्यालय द्वारा आयोजित ब्लागिंग सेमिनार को सर्व
श्रेस्ठ ब्लागिंग सेमिनार का पुरस्कार मिला । यह सम्मान लेने के लिए हमारे
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अनिता मन्ना जी उपस्थित थी । कार्यक्रम शाम 6 बजे
खत्म हुआ । प्राचार्या मैडम को पुष्पक ट्रेन से कल्याण वापस जाना था , उन्हें स्टेशन छोडकर मैं मानव भाई के साथ छोटे चाचा जी के घर गया , वंहा से हम लोग गोमती नगर स्थित मानव भाई के फ्लैट पे गए । रात वंहा बिताने के बाद अगले दिन लखनऊ में कई
लोगों से मिलते हुवे शाम को त्रिवेणी ट्रेन पकड़ के रात 10 बजे तक इलाहाबाद आ गया ।
बड़े भाई राजेश प्रयाग स्टेशन पे आ गए थे । हम लोग तेलियरगंज स्थित उनके कमरे पे आए
। संजय चाचा ने पनीर की शानदार सब्जी, रोटी और चावल बनाया था
। रात का खाना खाकर छत पे ही खुले में सो गया , गर्मी काफी
थी ।
दूसरे दिन सुबह रसुलाबाद घाट पे महादेवी वर्मा जी
का साहित्यकार संसद देखने गया । गंगा जी के दर्शन किया फिर प्रधान डाक कार्यालय
भाई कृष्ण कुमार यादव जी से मिलने गया । आप डायरेक्टर पोस्टल सर्विस के रूप में
कार्यरत हैं । यादव भाई साहब से मिल के हम लोग दोपहर का भोजन करने जयशंकर भोजनालय
आए । खाने के बाद बड़ी माँ से मिलने उनके घर गया। वंहा बड़े भाई विपिन से भी मुलाक़ात
हुई । काफी देर तक पारिवारिक बातें होती रहीं । वंहा से हम लोग इलाहाबाद मे
ही ए. डी. जे . के रूप मे पोस्टेड मामाजी
के पास जाने के लिए निकले । वंहा रात 9.30 तक हम लोग रहे । रात का खाना खाने के
बाद हम वापस तेलियरगंज आ गए ।
अगले दिन 30 अगस्त की सुबह महानंदा ट्रेन से मैं
दिल्ली के लिए निकल पड़ा । रात 8.30 बजे मैं दिल्ली आया । फिर रात 9.20 को यंही से
कालका मेल पकड़ी और 31 अगस्त की सुबह 04 बजे काल्का आ गया। फिर 5.30 बजे कालका से
शिवालिक ट्वाय ट्रेन से शिमला के लिए निकला । सुबह 10 तक शिमला आ गया । शिमला तक
की यात्रा अविस्मरणीय रही । शिमला स्टेशन पे इंडियन इंस्टीट्यूट आफ अड्वान्स स्टडी
की गाड़ी आ गयी थी, उसी गाड़ी से गेस्ट हाऊस पहुंचा ।
यंहा की व्यवस्था और मौसम बहुत ही अच्छा है ।
कल से अपने अध्ययन के काम में लग जाऊंगा ।
Labels: shimla
Tuesday, 28 August 2012
इतिहास बना गया ब्लॉगर सम्मेलन।
http://ts.samwaad.com/2012/08/International-Hindi-Bloggers-Conference-2012.html
(अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉग सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उद्भ्रांत जी, साथ में हैं शिखा वार्ष्णेय, रणधीर सिंह सुमन एवं रवीन्द्र प्रताप) |
यह बड़े गर्व की बात है कि आज से 75 साल पहले सन 1936 में लखनऊ शहर प्रेमचंद् की अध्यक्षता में प्रगतिशील लेखक संघ के प्रथम अधिवेशन का गवाह बना था, जिसकी गूंज आज तक सुनाई पड़ रही है। उसी प्रकार आज जो लखनऊ में ब्लॉग लेखकों का अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हो रहा है, इसकी गूंज भी आने वाले 75 सालों तक सुनाई पड़ेगी।
उपरोक्त विचार बली प्रेक्षागृह, कैसरबाग, लखनऊ में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रतिष्ठित कवि उद्भ्रांत ने व्यक्त किये। सकारात्मक लेखन को बढ़ावा देने के उद्देष्य से यह सम्मेलन तस्लीम एवं परिकल्पना समूह द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में पूर्णिमा वर्मन (शारजाह) रवि रतलामी (भोपाल), शिखा वार्ष्णेय (लंदन), डॉ0 अरविंद मिश्र (वाराणसी), अविनाश वाचस्पति (दिल्ली), मनीष मिश्र (पुणे), इस्मत जैदी (गोवा), आदि ब्लॉगरों ने अपने उद्गार व्यक्त किये। कार्यक्रम को मुद्राराक्षस, शैलेन्द्र सागर, वीरेन्द्र यादव, राकेश, शकील सिद्दीकी, शहंशाह आलम, डॉ. सुभाष राय, डॉ. सुधाकर अदीब, विनय दास आदि वरिष्ठ साहित्यकारों ने भी सम्बोधित किया।
वक्ताओं ने अपनी बात रखते हुए कहा कि इंटरनेट एक ऐसी तकनीक है, जो व्यक्ति को अभिव्यक्ति का जबरदस्त साधन उपलब्ध कराती है, लोगों में सकारात्मक भावना का विकास करती है, दुनिया के कोने-कोने में बैठे लोगों को एक दूसरे से जोड़ने का अवसर उपलब्ध कराती है और सामाजिक समस्याओं और कुरीतियों के विरूद्ध जागरूक करने का जरिया भी बनती है। इसकी पहुँच और प्रभाव इतना जबरदस्त है कि यह दूरियों को पाट देता है, संवाद को सरल बना देता है और संचार के उत्कृष्ट साधन के रूप में उभर कर सामने आता है।
लेकिन इसके साथ ही साथ जब यह अभिव्यक्ति के विस्फोट के रूप में सामने आती है, तो उसके कुछ नकारात्मक परिणाम भी देखने को मिलते हैं। ये परिणाम हमें दंगों और पलायन के रूप में झेलने पड़ते हैं। यही कारण है कि जब तक यह सकारात्मक रूप में उपयोग में लाया जाता है, तो समाज के लिए अलादीन के चिराग की तरह काम करता है, लेकिन जब यही अवसर नकारात्मक स्वरूप अख्तियार कर लेता है, तो समाज में विद्वेष और घृणा की भावना पनपने लगती है और नतजीतन सरकारें बंदिश का हंटर सामने लेकर सामने आ जाती हैं। लेकिन यदि रचनाकार अथवा लेखक सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखते हुए इस इंटरनेट का उपयोग करे, तो कोई कारण नहीं कि उसके सामने किसी तरह का खतरा मंडराए। इससे समाज में प्रेम और सौहार्द्र का विकास भी होगा और देष तरक्की की सढ़ियाँ भी चढ़ सकेगा।
इस अवसर पर देश के कोने-कोने से आए 200 से अधिक ब्लॉगर, लेखक, संस्कृतिकर्मी और विज्ञान संचारक भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में तीन चर्चा सत्रों (न्यू मीडिया की भाषाई चुनौतियाँ, न्यू मीडिया के सामाजिक सरोकार, हिन्दी ब्लॉगिंगः दशा, दिशा एवं दृष्टि) में रचनाकारों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम के संयोजक रवीन्द्र प्रभात ने ब्लॉगरों की सर्वसम्मति से सरकार से ब्लॉग अकादमी के गठन की मांग की, जिससे ब्लॉगरों को संरक्षण प्राप्त हो सके और वे समाज के विकास में सकारात्मक योगदान दे सकें।
इस अवसर पर ‘वटवृक्ष‘ पत्रिका के ब्लॉगर दशक विशेषांक का लोकार्पण किया गया, जिसमें हिन्दी के सभी महत्वपूर्ण ब्लॉगरों के योगदान को रेखांकित किया गया है। इसके साथ ही साथ कार्यक्रम के संयोजक डॉ0 जाकिर अली रजनीश की पुस्तक ‘भारत के महान वैज्ञानिक‘ एवं अल्का सैनी के कहानी संग्रह ‘लाक्षागृह‘ तथा मनीष मिश्र द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘हिन्दी ब्लॉगिंगः स्वरूप व्याप्ति और संभावनाएं‘ का भी लोकार्पण इस अवसर पर किया गया।
ब्लॉग दशक सम्मान से विभूषित ब्लॉगर, मंचस्त विद्वतजनों के साथ, बाएं से के0के0 यादव, आकांक्षा यादव, पूर्णिमा वर्मन, रवीन्द्र प्रभात, बी0एस0 पाबला, अविनाश वाचस्पति एवं रवि रतलामी |
कार्यक्रम के दौरान ब्लॉग जगत में उल्लेखनीय योगदान के लिए पूर्णिमा वर्मन, रवि रतलामी, बी एस पावला, रचना, डॉ अरविंद मिश्र, समीर लाल समीर, कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव को ‘परिकल्पना ब्लॉग दशक सम्मान‘ से विभूषित किया गया। इस अवसर पर साहित्य जगत में विशिष्ट योगदान देने वाले साहित्यकारों को कार्यक्रम के विशिष्ट सहयोगी लोक संघर्ष पत्रिका एवं प्रगतिशील ब्लॉग लेखक संघ ने विशिष्ट सम्मानों से विभूषित किया। इस कड़ी में अविनाश वाचस्पति को प्रब्लेस चिट्ठाकारिता शिखर सम्मान, रश्मि प्रभा को शमशेर जन्मशती काव्य सम्मान, डॉ सुभाष राय को अज्ञेय जन्मशती पत्रकारिता सम्मान, अरविंद श्रीवास्तव को केदारनाथ अग्रवाल जन्मशती साहित्य सम्मान, शहंशाह आलम को गोपाल सिंह नेपाली जन्मशती काव्य सम्मान, शिखा वार्ष्णेय को जानकी बल्लभ शास्त्री स्मृति साहित्य सम्मान, गिरीश पंकज को श्रीलाल शुक्ल व्यंग्य सम्मान, डॉ. जाकिर अली रजनीश को फैज अहमद फैज जन्मशती सम्मान तथा 51 अन्य ब्लॉगरों को ‘तस्लीम-परिकल्पना सम्मान‘ तथा 'तस्लीम नुक्कड़ सम्मान' प्रदान किये गये
Labels: इतिहास बना गया ब्लॉगर सम्मेलन।
Monday, 27 August 2012
चंद पसंदीदा शेर
अपनी तबाहियों का मुझे कोई गम नहीं,
तुमने किसी के साथ मुहब्बत निभा तो दी।
-साहिर लुधियानवी
हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन,
दिल को खुश रखने को 'गालिब' ये ख्यालअच्छा है।
-मिर्जा गालिब
ऐसा लगता है, हर इम्तिहाँ के लिए,
किसी ने जिन्दगी को हमारा पता दे दिया है।
अपना तो आशिकी का किस्सा-ए-मुख्तसर है,
हम जा मिले खुदा से दिलबर बदल-बदल कर।
आशिकी से मिलेगा खुदा,
बंदगी से खुदा नहीं मिलता।
-दाग
कुछ लोगों से जब तक मुलाकात न हुई थी
मैं भी यह समझा था, खुदा सबसे बड़ा है।
दूसरों पैं जब तबसिरा कीजिए,
सामने आइना रख लिया कीजिए।
बेचैनियाँ समेटकर सारे जहान की,
जब कुछ न बन सका तो मेरा दिल बना दिया।
इलाही उनके हिस्से का भी गम मुझको अता कर दे,
कि उन मासूम आंखों में नमी देखी नहीं जाती।
कितने हसीन लोग थे जो मिलकर एक बार,
आंखों में जज्ब हो गये, दिल में समा गये।
-अब्दुल हमीद 'अदम'
Labels: चंद पसंदीदा शेर
छोड़ दीजे मुझको मेरे हाल पर
छोड़ दीजे मुझको मेरे हाल पर,
जो गुजरती है गुजर ही जायेगी।
-असर लखनवी
जो गुजरती है गुजर ही जायेगी।
-असर लखनवी
Labels: छोड़ दीजे मुझको मेरे हाल पर
अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन एवं परिकल्पना सम्मान समारोह
संभावित कार्य विवरण
एवं परिकल्पना सम्मान समारोह
(दिनांक : 27 अगस्त 2012,
स्थान : राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह, क़ैसरबाग, लखनऊ )
स्थान : राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह, क़ैसरबाग, लखनऊ )
प्रात: 11.00 से 12.00
उदघाटन सत्र
उदघाटनकर्ता : श्री
श्रीप्रकाश जायसवाल, केंद्रीय कोयला मंत्री, दिल्ली भारत
सरकार
अध्यक्षता : श्री
शैलेंद्र सागर, संपादक : कथा क्रम, लखनऊ
मुख्य अतिथि : श्री
उद्भ्रांत, वरिष्ठ साहित्यकार, दिल्ली
विशिष्ट अतिथि :
श्री के. विक्रम राव, वरिष्ठ पत्रकार, लखनऊ
: श्री समीर लाल समीर,वरिष्ठ ब्लॉगर, टोरंटो कनाडा
: श्री मती शिखा वार्ष्नेय, स्वतंत्र पत्रकार और न्यू मीडिया कर्मी, लंदन
: श्री मती शिखा वार्ष्नेय, स्वतंत्र पत्रकार और न्यू मीडिया कर्मी, लंदन
: श्री प्रेम जनमेजय, वरिष्ठ व्यंग्यकार,
दिल्ली
: श्री मती राजेश कुमारी, वरिष्ठ ब्लॉगर,
देहरादून
स्वागत भाषण : डॉ
ज़ाकिर अली रजनीश, महामंत्री तस्लीम, लखनऊ
धन्यवाद ज्ञापन : रवीन्द्र प्रभात,
संचालक : परिकल्पना न्यू मीडिया विशेषज्ञ, लखनऊ
संचालन : प्रो मनोज दीक्षित,
अध्यक्ष, डिपार्टमेन्ट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन,एल यू ।
विशेष : वटवृक्ष
पत्रिका के ब्लॉगर दशक विशेषांक का लोकार्पण तथा दशक के हिन्दी ब्लोगर्स का सारस्वत सम्मान ।
12.00 से 1.30
चर्चा सत्र प्रथम : न्यू मीडिया की भाषायी चुनौतियाँ
अध्यक्षता : डॉ सुभाष राय, वरिष्ठ पत्रकार, लखनऊ
मुख्य अतिथि : श्री
मति पूर्णिमा वर्मन, संपादक : अभिव्यक्ति, शरजाह, यू ए ई
विशिष्ट अतिथि : श्री रवि रतलामी,
वरिष्ठ ब्लॉगर, भोपाल
सुश्री वाबुशा कोहली, लंदन, युनाईटेड किंगडम
सुश्री वाबुशा कोहली, लंदन, युनाईटेड किंगडम
डॉ
रामा द्विवेदी, वरिष्ठ कवयित्री, हैदराबाद
डॉ
अरविंद मिश्र, वरिष्ठ ब्लॉगर, वाराणसी
डॉ
अनीता मन्ना, प्राचार्या, कल्याण (महाराष्ट्र)
आमंत्रित वक्ता : हेमेन्द्र तोमर, पूर्व
अध्यक्ष लखनऊ पत्रकार संघ, डॉ ए. के. सिंह, अध्यक्ष, इंस्टीट्यूट ऑफ जर्नलिज़्म एंड मास
कम्यूनिकेशन, कानपुर, शहंशाह आलम, चर्चित कवि, पटना (बिहार)एवं अरविंद श्रीवास्तव, वरिष्ठ युवा साहित्यकार, मधेपुरा (बिहार) और सुनीता
सानू, दिल्ली ।
संचालक : डॉ. मनीष मिश्र, विभागाध्यक्ष, हिन्दी, के एम अग्रवाल कौलेज,
कल्याण (महाराष्ट्र)।
विशेष : साहित्यकार सम्मान समारोह (प्रबलेस और लोकसंघर्ष
पत्रिका द्वारा) ।
अपराहन 1.30 से 2.30 : दोपहर का भोजन
अपराहन 2.30 से 3.30 : चर्चा सत्र द्वितीय : न्यू मीडिया के
सामाजिक सरोकार
अध्यक्षता : श्री मती इस्मत जैदी,
वरिष्ठ गजलकार, पणजी (गोवा)
मुख्य अतिथि : श्री कृष्ण कुमार यादव,
निदेशक डाक सेवाएँ, इलाहाबाद
विशिष्ट अतिथि : डॉ सुधाकर अदीब, निदेशक उ.प्र. हिंदी संस्थान
श्री मती रंजना रंजू भाटिया, वरिष्ठ ब्लॉगर, दिल्ली
श्री मती रंजना रंजू भाटिया, वरिष्ठ ब्लॉगर, दिल्ली
श्री
गिरीश पंकज, वरिष्ठ व्यंग्यकार, रायपुर (छतीसगढ़)
श्री
मती संगीता पुरी, वरिष्ठ ब्लॉगर, धनबाद (झारखंड)
सुश्री रचना,वरिष्ठ ब्लॉगर, दिल्ली
सुश्री रचना,वरिष्ठ ब्लॉगर, दिल्ली
श्री
पवन कुमार सिंह, जिलाधिकारी, चंदौली (उ. प्र.)
मुख्य वक्ता : शेफाली पांडे, हल्द्वानी (उत्तराखंड), निर्मल गुप्त, मेरठ, संतोष त्रिवेदी,
रायबरेली, रतन सिंह शेखावत, जयपुर,सुनीता
सानू, दिल्ली और सिद्धेश्वर सिंह,
खटीमा (उत्तराखंड)
संचालक : डॉ हरीश अरोड़ा, दिल्ली
विशेष: ब्लॉगरों को नुक्कड़ सम्मान
अपराहन 3.30 से 4.00 : चाय एवं सूक्ष्म जलपान
शाम 4.00 से 6.00 : चर्चा सत्र तृतीय : न्यू मीडिया दशा, दिशा
और दृष्टि
अध्यक्षता : श्री मुद्रा राक्षस,
वरिष्ठ साहित्यकार, लखनऊ
मुख्य अतिथि : श्री वीरेंद्र यादव,
वरिष्ठ आलोचक, लखनऊ
विशिष्ट अतिथि : श्री राकेश, वरिष्ठ रंगकर्मी, लखनऊ
श्री
शिवमूर्ति, वरिष्ठ कथाकार, लखनऊ
श्री
शकील सिद्दीकी, सदस्य प्रगतिशील लेखक संघ, उत्तरप्रदेश
इकाई
श्री
अविनाश वाचस्पति, वरिष्ठ ब्लॉगर, दिल्ली
श्री नीरज रोहिल्ला, टेक्सास (अमेरिका)
श्री नीरज रोहिल्ला, टेक्सास (अमेरिका)
मुख्य वक्ता : बी एस पावला(छतीसगढ़),शैलेश भारतवासी,
दिल्ली,शाहनवाज़(दिल्ली),मुकेश कुमार तिवारी, इंदोर (म
प्र), दिनेश गुप्ता (रविकर), धनबाद, अर्चना चव जी,इंदोर, श्री
श्रीश शर्मा, यमुना नगर (हरियाणा), डॉ
प्रीत अरोड़ा, चंडीगढ़, आकांक्षा यादव, इलाहाबाद ।
संचालक : डॉ विनय दास, चर्चित समीक्षक, बाराबंकी
।
धन्यवाद ज्ञापन : एडवोकेट रणधीर सिंह सुमन,
प्रबंध संपादक लोकसंघर्ष और वटवृक्ष पत्रिका ।
विशेष : परिकल्पना सम्मान समारोह ।
विशेष आमंत्रित अतिथि : श्री आनंद सुमन सिंह, संपादक : सरस्वती सुमन (देहरादून)
विशेष आमंत्रित अतिथि : श्री आनंद सुमन सिंह, संपादक : सरस्वती सुमन (देहरादून)
अन्य आमंत्रित अतिथि : सर्वश्री रूप चन्द्र शास्त्री मयंक (उत्तराखंड),दिनेश माली(उड़ीसा), अलका सैनी (चंडीगढ़), हरे प्रकाश उपाध्याय (लखनऊ), गिरीश बिल्लोरे मुकुल (जबलपुर) ,कनिष्क कश्यप (दिल्ली),डॉ जय प्रकाश तिवारी(छतीसगढ़), राहुल सिंह (छतीसगढ़) ,नवीन प्रकाश(छतीसगढ़), रविन्द्र पुंज (हरियाणा), दर्शन बवेजा(हरियाणा), श्रीश शर्मा(हरियाणा), संजीव चौहान(हरियाणा), डा0 प्रवीण चोपडा(हरियाणा), मुकेश कुमार सिन्हा(झारखण्ड),पवन चन्दन(दिल्ली),नीरज जाट
(दिल्ली),कुमार राधारमण
(दिल्ली), अजय कुमार झा
(दिल्ली), सुमित प्रताप सिंह
(दिल्ली), रतन सिंह शेखावत(राजस्थान,मनोज कुमार पाण्डेय(बिहार), शहंशाह आलम(बिहार), सिद्धेश्वर सिंह (उतराखंड),निर्मल गुप्त(मेरठ),संतोष त्रिवेदी (रायबरेली), कुमारेन्द्र सिंह सेंगर, शिवम मिश्रा(मैनपुरी),कुवर कुसुमेश (लखनऊ), डॉ श्याम गुप्त (लखनऊ), हरीश सिंह (भदोही). प्रवीण त्रिवेदी
फतेहपुर (उ.प्र.) और प्रेमनंदन तथा पवन चन्दन (दिल्ली) आदि ।
द्रष्टव्य
: इस अवसर पर अल्का सैनी का कहानी संग्रह लाक्षागृह और डॉ मनीष कुमार
मिश्र द्वारा संपादित न्यू मीडिया से संबंधित सद्य: प्रकाशित पुस्तक
का लोकार्पण भी होगा ।
शाम 6.00 से
7.00 : सांस्कृतिक कार्यक्रम/तत्पश्चात समापन
(आगत अतिथियों की यात्रा में फेरबदल के कारण उपरोक्त विवरण में परिवर्तन संभावित है )
(आगत अतिथियों की यात्रा में फेरबदल के कारण उपरोक्त विवरण में परिवर्तन संभावित है )
Labels: अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन एवं परिकल्पना सम्मान समारोह