Saturday, 28 March 2009

दिन करीब चुनाव के आने लगे हैं ------------

जोड़ कर हाँथ वे लुभाने लगे हैं


दिन चुनाव के करीब आने लगे हैं


गली के गुंडों को टिकट मिल गया है


तहजीब मे अब वे बतियाने लगे हैं




पार्टी का जो भी रूठा था अपना


उसको नेता बडे सब मनाने लगे हैं




अनुबंधों मे गठबंधन का


नेता लुफ्त उठाने लगे हैं




सियासत है यंहा कुछ पक्का नही


एक-दूजे के घर मे लोग झाकने लगे हैं




इसके पीछे भी साजिस है गहरी


जो मुफ्त मे वो पीने-पिलाने लगे हैं

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Friday, 27 March 2009

दिनकर की मृत्यु चन्द्रास्वामी की गोंद मे .........

अगर बाल कवि बैरागी की बात को सच मान लिया जाय तो यह भी मानना पड़ेगा की महाकवि दिनकर की मृत्यु चंद्रास्वामी की गोंद मे हुआ था ।
बैरागी जी बताते हैं कि सुन ७४ मे एक दिन दिनकर जी ने अचानक कहा कि वे तिरुपति जा रहे हैं । श्री गोपाल प्रसाद व्यास ने कारण पूछा तो वे बोले -यह देश जीने लायक नही रहा ,मैं मरने जा रहा हूँ ।
और रामनाथ जी गोयनका के गेस्ट हाउस मे चंद्रास्वामी की गोंद मे उन्होने अपने प्राण त्याग दिये । हिन्दी का दिनकर दक्षिण मे अस्त हो गया । सत्ता अगर सम्मान देती है तो , अपमानित भी करती है । इस बारे मे जादा नही कहना चाहता पर दिनकर की राजनितिक स्थितयों को जानने वाले मेरा मतलब समझ जाएँगे ।

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Tuesday, 24 March 2009

नैनो के फायदे और नुक्सान

टाटा मोटर्स का ६ साल पुराना सपना साकार हो गया और नैनो कार बाजार मे आ गई । अब सवाल यह उठता है की इसके फायदे और नुक्सान क्या -क्या हैं ?


अगर बात फायदे की करे तो कहा जा सकता है की -




  1. देश के मध्यम वर्ग का कार मे घूमने का सपना नैनो कार की वजह से पुरा हो गया । साथ ही साथ आम आदमी तक कार पहुँच सकी .isksathikइ

  2. दूसरी बात यह की इससे रोजगार के नए अवसर भी देश मे लोंगो को मिलेंगे ।

अब अगर दूसरी दृष्टी से सोचा जाये तो टाटा की नैनो को प्राथमिकता का निर्णय ग़लत भी लगता है । एक ऐसे समय मे जब पूरी दुनिया मे मंदी छाई हुई है तो देश के मध्यम वर्ग को कार देना कौन सा सार्थक निर्णय है ?

दूसरी बात हमारी ऊर्जा संकट की है । पेट्रोलियम पदार्थों की कमी की है । बुनियादी सुविधावों के आभाव की है । इन सब को भूल कर नैनो का स्वागत करना इतना आसन नही है ।

वैसे आप इस बारे मे क्या सोचते हैं ?


कबअब agarar २अब 2kइकी

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Sunday, 22 March 2009

आज से साहित्य का महा-कुम्भ द्वारका(गुजरात) मे -------

हिन्दी साहित्य समेलन प्रयाग का ६१ वां अधिवेशन और परिसंवाद आज २२ मार्च से गुजरात के द्वारका मे सुरु हो रहा है । यह सम्मलेन २४ मार्च २००९ तक चलेगा । देश भर से करीब ५०० से अधिक हिन्दी साहित्यकारों और विद्वानों के इस सम्मलेन मे सामिल होने की सम्भावना है ।

कार्यक्रम पुस्तकालय टाऊन हाल ,हरी प्रेम मार्ग ,द्वारका मे होगा । अधिक जानकारी के लिये शैलेस भाई नरेन्द्र भाई ठाकर से ०९४२८३१५४०३ इस मोबाइल पे संपर्क किया जा सकता है ।

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