ख्वाइश जो पल रही है
ख्वाइश जो पल रही है , वो इंसानी है
थोड़ी सी जिस्मानी तो,थोड़ी रूहानी है .
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posted by डॉ. मनीष कुमार मिश्रा at
May 20, 2011
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Labels: मैं हर शाम किसी के साथ हूँ .
posted by डॉ. मनीष कुमार मिश्रा at
May 16, 2011
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Labels: जंहा रहिये बदनाम रहिये
posted by डॉ. मनीष कुमार मिश्रा at
May 16, 2011
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