Showing posts with label तुम्हें बहुत याद कर रहा हूँ. Show all posts
Showing posts with label तुम्हें बहुत याद कर रहा हूँ. Show all posts

Saturday 1 September 2012

इन पहाड़ों मेँ आकर, तुम्हें बहुत याद कर रहा हूँ





इन पहाड़ों मेँ आकर, तुम्हें बहुत याद कर रहा हूँ
ये फूल, ये झरने और ये सारी वादियाँ
तुम्हारी याद दिला रही हैं ।
   यहाँ हर तरफ खूबसूरती है ,
   पवित्रता, निर्मलता और शीतलता है ।
   फिर तुम्हें तो यहीं होना चाहिए था ,
   सब कुछ तुमसा है तो,
   तुम्हें यहीं होना चाहिए था ।
मेरे साथ – साथ यहाँ सभी को शिकायत है ,
तुम्हारे यहाँ न होने की शिकायत ।
अजीब सा सूनापन है ,
तुम्हारे बिना मेरे अंदर ही ,
एक अधूरापन है ।
जिसे कोई पूरा नहीं कर सकता ,
सिवाय तुम्हारे । 

ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...