Saturday, 6 November 2021

जो रंजो गम दे वो राहत पाए



















 जो रंजो गम दे वो राहत पाए

किसी यार की वो चाहत पाए ।


रूह में इश्क की आग जला

मुनव्वर मुर्शीद की आदत पाए ।


इल्म और अमल की राह पर

मुरीद वस्ल की अमानत पाए ।


जमाल -ए- यार के रंग में रंगकर 

वो उसी यार की शबाहत पाए ।


                  मनीष कुमार मिश्रा

              manishmuntazir@gmail.com





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अब, मैं क्या ? तु क्या ? खुदा क्या है ?

Monday, 1 November 2021

दीपावली हर देहरी, हर द्वार ।

 दीपावली - हर देहरी, हर द्वार ।


प्रकाश पर्व के रूप में

जैसे आती है दीपावली

वैसे ही आए

 अनुभव से अनुभूति 

 ज्ञान से विवेक 

 संवेदनाओं से करुणा ।


प्रांजल विचारों का ज्योति कलश

सौभाग्य का अक्षत

संकल्पों का मांगल्य 

आए 

आकर ठहर जाए

हर देहरी, हर द्वार ।


यह दीपावली 

पवित्रता का पुनर्वास करे 

हृदय को अधिक उदार करे

सपने सब साकार करे

हर देहरी, हर द्वार ।


       डा. मनीष कुमार मिश्रा

        कल्याण - पश्चिम, महाराष्ट्र ।

         manishmuntazir@gmail.com




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Sunday, 31 October 2021

शायद किसी दिन

 शायद किसी दिन

किसी आदेशानुसार नहीं 

बल्कि

इच्छानुसार करूंगा

एक ज़रूरी काम 


जिसकी कोई सूचना नहीं

उसी की आरजू में

उसके जिक्र से भरी 

एक नर्म और हरी कविता लिखूंगा 


उस दुर्लभ एकांत में

चुप्पियों का राग होगा 

उजालों के कतरे से

अंधेरा वहां सहमा होगा 

हँसने और रोने का 

कितना सारा क़िस्सा होगा !


वहां जीवन की पसरी हुई गंध

मोहक और मादक होगी

वहां उस दिन

उस कविता में

शायद तुम्हारा नाम भी हो 

यदि ऐसा न हुआ तो भी 

वह कविता

तुम्हारे नाम होगी ।


       डा. मनीष कुमार मिश्रा

       के एम अग्रवाल महाविद्यालय

        कल्याण पश्चिम

        महाराष्ट्र

        manishmuntazir@gmail.com


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