Monday, 8 November 2021

रस सिद्धांत

 


मुश्किल तो था लेकिन गवारा कर लिया ।


 


मुश्किल तो था लेकिन गवारा कर लिया 

हमने तुझसे थोड़ा सा किनारा कर लिया ।


ये इल्म, अमल और तहज़ीब के मसाइल

इनसे ऊबा तो ख़ुद को आवारा कर लिया ।


जब उजालों के तिलिस्म से डरने लगा तो 

मुफलिसी में अंधेरों को सहारा कर लिया ।


जो दुश्मन थे मेरे मगर वसूलों के पाबंद रहे 

उन्हें अपना अजीज़ अपना प्यारा कर लिया ।


                         मनीष कुमार मिश्रा

manishmuntazir@gmail.com







Saturday, 6 November 2021

जो रंजो गम दे वो राहत पाए



















 जो रंजो गम दे वो राहत पाए

किसी यार की वो चाहत पाए ।


रूह में इश्क की आग जला

मुनव्वर मुर्शीद की आदत पाए ।


इल्म और अमल की राह पर

मुरीद वस्ल की अमानत पाए ।


जमाल -ए- यार के रंग में रंगकर 

वो उसी यार की शबाहत पाए ।


                  मनीष कुमार मिश्रा

              manishmuntazir@gmail.com





अब, मैं क्या ? तु क्या ? खुदा क्या है ?


 

Monday, 1 November 2021

दीपावली हर देहरी, हर द्वार ।

 दीपावली - हर देहरी, हर द्वार ।


प्रकाश पर्व के रूप में

जैसे आती है दीपावली

वैसे ही आए

 अनुभव से अनुभूति 

 ज्ञान से विवेक 

 संवेदनाओं से करुणा ।


प्रांजल विचारों का ज्योति कलश

सौभाग्य का अक्षत

संकल्पों का मांगल्य 

आए 

आकर ठहर जाए

हर देहरी, हर द्वार ।


यह दीपावली 

पवित्रता का पुनर्वास करे 

हृदय को अधिक उदार करे

सपने सब साकार करे

हर देहरी, हर द्वार ।


       डा. मनीष कुमार मिश्रा

        कल्याण - पश्चिम, महाराष्ट्र ।

         manishmuntazir@gmail.com




ताशकंद के इन फूलों में

  ताशकंद के इन फूलों में केवल मौसम का परिवर्तन नहीं, बल्कि मानव जीवन का दर्शन छिपा है। फूल यहाँ प्रेम, आशा, स्मृति, परिवर्तन और क्षणभंगुरता ...