ONLINE HINDI JOURNAL
Tuesday, 10 December 2013
जिन किताबों को संपादित करने या लिखने का मौका मिला
2010 से अभी तक जिन किताबों को संपादित करने या लिखने का मौका मिला उन्हें देख इस बात की खुशी होती है कि अनावश्यक गुटबाजियों,राजनीति इत्यादि से दूर कुछ रचनात्मक करने का अवसर मिला । यह यात्रा आगे भी जारी रहेगी ।
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