Wednesday, 8 September 2021

हिंदी दिवस पर कविता

 हिंदी दिवस  

       हिंदी दिवस मनाने  का भाव  

       अपनी जड़ों को सीचने का भाव है .   

       राष्ट्र भाव से जुड़ने का भाव है .  

       भाव भाषा को अपनाने का भाव है .  

      हिंदी दिवस 

      एकता , अखंडता और समप्रभुता का भाव है .  

      उदारता , विनम्रता और सहजता का भाव है .  

      समर्पण,त्याग और विश्वास  का भाव है . 

      ज्ञान , प्रज्ञा और बोध का भाव है .  

     हिंदी दिवस

 अपनी समग्रता में 

     खुसरो ,जायसी का खुमार है . 

     तुलसी का लोकमंगल है  

     सूर का वात्सल्य और मीरा का प्यार है .   

     हिंदी दिवस 

     कबीर का सन्देश है  

     बिहारी का चमत्कार है  

     घनानंद की पीर है 

     पंत की प्रकृति सुषमा और महादेवी की आँखों का नीर है .  


    हिंदी दिवस 

   निराला की ओजस्विता  

   जयशंकर की ऐतिहासिकता   

   प्रेमचंद का यथार्थोन्मुख आदर्शवाद   

   दिनकर की विरासत और धूमिल का दर्द है .  


  हिंदी दिवस 

  विमर्शों का क्रांति स्थल है  

  वाद-विवाद और संवाद का अनुप्राण है  

  यह परंपराओं की खोज है  

  जड़ताओं से नहीं , जड़ों से जुड़ने का प्रश्न है . 

हिदी दिवस  

इस देश की उत्सव धर्मिता है  

संस्कारों की आकाश धर्मिता है 

अपनी संपूर्णता  में, 

यह हमारी राष्ट्रीय अस्मिता है .


मनीष कुमार मिश्रा

के एम अग्रवाल महाविद्यालय, कल्याण पश्चिम

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