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Thursday, 1 April 2010

अगर सच में ऐसा होता तो

मैंने सुना है क़ि-
जब कोई किसी को याद करता है तो,
 आसमान से एक तारा टूट जाता है.
लेकिन अब मुझे इस बात पर,
यंकीं बिलकुल भी नहीं है क्योंकि -
 अगर सच में ऐसा होता तो , 
अब तक सारे तारे टूटकर,
 जमीन पर आ गए होते. 
आखिर इतना तो याद,
मैंने तुम्हे किया ही है .    
 

तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः मा गृधः कस्यस्विद्धनम्॥

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