ना रुसवां हूँ तुझसे ना कोई लडाई है ;
===========================
.
ना रुसवां हूँ तुझसे ना कोई लडाई है ;
.
ना ही तेरी मोहब्बत से कोई बेवफाई है ;
.
जिंदगी ने बस राहें बदल दी ;
.
आज कल कोई और मेरे नशेमन पे छाई है /
.
===========================
Labels: mohabbat, हिंदी शायरी
0 Comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home