वो मेरी मोहब्बत का सबब पूंछता है /
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वो मेरी मोहब्बत का सबब पूंछता है ,
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मेरी तन्हाई की गजल पूंछता है ,
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हाथों में हाथ डाल गैरों के ,
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मेरी उदासी की वजह पूंछता है /
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Labels: mohabbat, हिंदी शायरी
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