कविता संग्रह

मन के सांचे की मिटटी विजय पंडित का नवीनतम काव्य संग्रह है । इस संग्रह की कवितायें अपनेआप मे कई तरह के प्रश्न समाज के सामने खड़ी करती हैं ।
जो लोग काव्य मे सिर्फ शिल्प के हिमायती हैं , उनकी मुह पे तमाचा जड़ने का काम यह कविता संग्रह करता है ।
आप भी इसे अवस्य पढें और अपनी राय दें ।
इस किताब को प्राप्त करने के लिये आप लिखें । मै इसे आप के लिये उपलब्ध करवा दूंगा वो भी मुफ्त, क्योंकि इसका प्रकाशन कार्य मैने ही किया है .
4 Comments:
Manish ji sabse pahle pustak ke prakahsan ke lie aapko dhanyavad. main ye lena chahta hun kripya batayen. is ke lie mjhe ksko likhna hoga.
shamikh.faraz@gmail.com
This comment has been removed by the author.
आदरणीय डाक्टर साहब
आप अगर किताब की सराहना कर रहे हैं तो
अवश्य ही किताब पठनीय होगी !
मैं इसे पढ़ना चाहूँगा !
अगर आप इस काव्य-संग्रह को
उपलब्ध करा दें तो आपकी मेहरबानी !
सधन्यवाद
मेरा ई मेल पता है :
prakashgovind1@gmail.com
sir
aapne to abhi tak koyi jawaab hi nahin diya ?
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