अभिलाषा 17
शव यात्रा मेरी जब निकले ,
तब राम नाम की सत्य ना कहना ।
प्रेम को कहना अन्तिम सच ,
प्रेमी कहना मुझे प्रिये ।
अभिलाषा
Labels: अभिलाषा 17
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शव यात्रा मेरी जब निकले ,
तब राम नाम की सत्य ना कहना ।
प्रेम को कहना अन्तिम सच ,
प्रेमी कहना मुझे प्रिये ।
अभिलाषा
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1 Comments:
bahut hi khoobsoorat khayal
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