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Wednesday 19 August 2009

अभिलाषा 17

शव यात्रा मेरी जब निकले ,

तब राम नाम की सत्य ना कहना ।

प्रेम को कहना अन्तिम सच ,

प्रेमी कहना मुझे प्रिये ।

अभिलाषा

ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...