इन रास्तों का अकेलापन
आज अकेले खामोश से रस्तों
पे
बहुत दूर तक चलता रहा ।
इन रास्तों का अकेलापन
बिलकुल मेरे अकेलेपन जैसा
है
धुंधलके और इंतजार से भरा
हुआ ।
बर्फ बेबसी की है
धुंधलका अनिश्चितता का
और रास्ता सिर्फ उम्मीद का
।
मैं और ये रास्ते
किसी के इंतजार में है
हमें किसी का इंतजार है ।
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