Tuesday 7 December 2010

नया शहर नया बसेरा है /

यादों  की महफ़िल है काम का है दौर ,
जीवन की प्रक्रिया का बदलना है ठौर ;

नए लोंगों से मुलाकाते हैं
कुछ पुरानी कुछ नयी बातें हैं 

कुछ लम्हे गुनगुनाते हैं
कुछ पल मुस्कुराते हैं

नयी सुबहे औ नया सबेरा है
नया शहर नया बसेरा है /

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