Tuesday 2 March 2010

यादों के फूलों में चेहरा तेरा ,

यादों के फूलों में चेहरा तेरा ,

याद अब भी है तेरी धड़कन औ हसना तेरा ;

गुलाबी गालों की रंगत आखों में सपना सजा ,

पलकें आशा से खिली बातों में मोहब्बत घुली ,

महकते ख्वाबों की लचकन सुहानी रातों की धड़कन ;

वो अहसासों की तरन्नुम वो उमंगों की सरगम ,

नयनो की शिकायत आभासों के रेले ,

वो अरमानो की दुनिया सपनों के मेले ,

वो बंधन की राहें स्वच्छंदता के खेले ,

वो साँसों खुसबू ,बेखुदी में तुझे छुं ले ;

यादों के फूलों में चेहरा तेरा ,

तू ही बता तुझे यार हम कैसे भूले ?

No comments:

Post a Comment

Share Your Views on this..

उज़्बेकी कोक समसा / समोसा

 यह है कोक समसा/ समोसा। इसमें हरी सब्जी भरी होती है और इसे तंदूर में सेकते हैं। मसाला और मिर्च बिलकुल नहीं होता, इसलिए मैंने शेंगदाने और मिर...