Saturday 4 February 2012

मुंबई में राष्ट्रीय संगोष्ठी 24-25 फरवरी को

मुंबई के प्रतिष्ठित के . जे . सोमैया महाविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा फरवरी 24-25 2012 को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है । संगोष्ठी का मुख्य विषय है


समकालीन हिन्दी कविता ; विविध विमर्श

आप अपने आलेख 18 फरवरी तक भेज सकते हैं । जिन विषयों पर आप के आलेख केन्द्रित हों, वो इस प्रकार हैं . अधिक जानकारी के लिए महाविद्यालय के हिन्दी विभाग प्रमुख डॉ . सतीश पांडे जी से संपर्क किया जा सकता है ।
डॉ . सतीश पांडे
अध्यक्ष - हिन्दी विभाग
के.जे . सोमैया महाविद्यालय
विद्याविहार , मुंबई
 9820385705, 8097268878

द्विजेंद्र तिवारी पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित


                    



गुरुवार दिनांक 2 फरवरी 2012 की शाम कल्याण पश्चिम स्थित सोनावने महाविद्यालय के प्रांगण में संस्कृति संगम और सृजन संस्था के संयुक्त तत्वावधान के स्नेह मिलन सम्मान समारोह आयोजित किया गया । इस अवसर पर कल्याण डोंबिवली महानगर पालिका की महापौर श्रीमती वयजंती ताई घोलप, कल्याण शहर जिला कॉंग्रेस के अध्यक्ष श्री जय नारायण मुन्ना पंडित , सृजन के अध्यक्ष श्री रामचन्द्र पाण्डेय, संस्कृति संगम के अध्यक्ष श्री विजय पंडित , वरिष्ठ हिन्दी ब्लागर रवीन्द्र प्रभात और सत्कार मूर्ति के रूप में हमारा महानगर के संपादक श्री द्विजेंद्र तिवारी जी उपस्थित थे । इस कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में सृजन पत्रिका के संपादक एवं वरिष्ठ साहित्यकार  डॉ. सतीश पाण्डेय जी उपस्थित थे ।

श्री द्विजेंद्र तिवारी जी को पत्रकारिता जगत में उनके अतुलनीय योगदान के लिए पंडित शंभुनाथ मिश्र निर्भीक पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।  11,000 रुपए , स्मृति चिन्ह , शाल ,श्रीफल और पुष्पगुच्छ देकर द्विजेंद्र तिवारी जी को सम्मानित किया गया । अपने भाषण में श्री द्विजेंद्र तिवारी जी ने संस्था के लोगों के प्रति अपना आभार ज्ञपित करते हुए पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखने की बात कही ।

इस अवसर पर कई अन्य लोगों को भी उनके साहित्यिक , सामाजिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया । सम्मानित होने वालों में लखनऊ से आए हिन्दी ब्लागर रवीन्द्र प्रभात, श्री जय नारायण मुन्ना पंडित, डॉ. सतीश पाण्डेय, डॉ. मनीष कुमार मिश्रा , श्री विनोद पाठक , श्री श्यामराज मिश्रा और  श्री किरण शुक्ल प्रमुख थे ।  पूरे कार्यक्र्म का सफल संचालन श्री जितेंद्र पाण्डेय ने किया ।

Friday 3 February 2012

जिससे मैं नाराज हो सकूँ

आज दिन भर व्यस्त रहा । सुबह जल्दी उठकर रवीन्द्र प्रभात जी के पास होटल के कमरे में गया । उनके साथ नाश्ता किया और बुके लेकर जल्दी - जल्दी महाविद्यालय पहुंचा । रवीन्द्र भाई को प्राचार्या मैडम के पास बैठाकर हाल में बैनर,माईक,कुर्सी लगे हैं या नहीं इसकी जांच की । रवीन्द्र भाई के लिए स्मृति चिन्ह लाया । और फिर शिक्षकों - शिक्षकेतर कर्मचरियों को बुलाकर हाल में ब्लाग बनाने की कार्यशाला की शुरुआत करायी । उ...सके बाद रवीन्द्र भाई के साथ परेल के एम . डी . महाविद्यालय के लिए निकल पड़े । वहाँ दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी थी जिसमें रवीन्द्र प्रभात जी अतिथि थे और मुझे अपना शोध आलेख प्रस्तुत करना था । यह सब खत्म कर रवीन्द्र भाई को हवाई अड्डे के लिए रवाना किया और खुद ट्रेन पकड़ कर कल्याण आया। आते ही ओरिसा की टिकट लेने गया और थका मांदा घर पहुंचा तो भाई आशीष का फोन आया , कल उनके साथ शनि शिंगनापुर जाना था जिसके लिए वो कई बार फोन भी किए लेकिन मैं बात नहीं कर पाया । वो भी नाराज हैं । भतीजे इस लिए नाराज हैं क्यों कि मैं चाकलेट लाना भूल गया । प्रिया का एसएमएस आया कि वो मुझसे बहुत नाराज है । कॉलेज के कई लोग नाराज हैं क्यों कि मैं कुछ वादे पूरे नहीं कर पाया । आज लगता है सब नाराज ही हैं मुझसे लेकिन मेरे पास कोई ऐसा नहीं है जिससे मैं नाराज हो सकूँ

Wednesday 1 February 2012

मैं उड़ीसा जा रहा हूँ

एक राष्ट्रीय संगोष्ठी के उपलक्ष्य में 12 जनवरी 2012 से 16 जनवरी 2012 तक उड़ीसा में ही रहूँगा । 13 को विशाखा प्ट्नम के गवर्नमेंट  कालेज में सेमिनार के बाद शाम को किसी ट्रेन से भूनेश्वर चला जाऊंगा । वहाँ डॉ. क्मलनी पाणिग्रही जी के यहाँ रुक कर भूनेश्वर में जगन्नाथ जी के दर्शन करूंगा और कोणार्क मंदिर भी देखूंगा। 16 की रात मुंबई वापस आ जाऊंगा । 

Tuesday 31 January 2012

रवीन्द्र प्रभात सम्मानित



मुंबई में राष्ट्रीय संगोष्ठी

मुंबई के प्रतिष्ठित के. सी . कालेज के हिन्दी विभाग द्वारा 17-18 फरवरी 2012 को एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है । संगोष्ठी का विषय है -
                                 
                 साहित्य,समाज और मीडिया 

इस संगोष्ठी में शामिल होने के लिए 200 रूपये पंजीकरण शुल्क है ।
आवास की व्यवस्था आप को स्वयं करनी होगी ।
 रात्रि के भोजन की भी व्यवस्था आप को स्वयं करनी होगी ।

अधिक  जानकारी के लिए संपर्क करें

डॉ . शीतला प्रसाद दुबे
अध्यक्ष - हिन्दी विभाग
के . सी. कालेज


Address:
124, Dinshaw Wachha Road, 
Churchgate,
Mumbai - 400 020.
Email:
mjnichani@kccollege.org.in
vp_dabholkar@kccollege.org.in
vp_bagla@kccollege.org.in
vp_padhi@kccollege.org.in
vp_gvalani@kccollege.org.in
info@kccollege.org.in
Tel: 91-22-2285 5726, 2202 0132. 
Fax: 91-22-2202 9092 


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चर्चगेट , मुंबई
फोन - 91-22-2285 5726



Monday 30 January 2012

एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन


मित्रों, दिल्ली विश्वविद्यालय के पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज (सांध्य) द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. यह गोष्ठी 21 मार्च 2012 को होगी. 

इस गोष्ठी का विषय है --- 'पत्रकारिता का बदलता स्वरुप और न्यू मीडिया'.  

आप सभी से इस संगोष्ठी के लिए आलेख आमंत्रित हैं. आलेखों का प्रकाशन पुस्तक रूप में किया जायेगा. अध्यापकों के अतिरिक्त शोधार्थी, पत्रकार और ब्लॉगर भी इस संगोष्ठी के लिए अपने आलेख प्रेषित कर सकते हैं. कुछ चयनित आलेखों के सार को संगोष्ठी के दौरान पदने का अवसर भी दिया जायेगा जिसके उपरांत विशेषज्ञ विद्वान अपने विचार रखेंगे. स्वीकृत आलेखों पर लेखकों को आलेख प्रस्तुतिकरण का प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा. 

इस संगोष्ठी की सूचना के प्रकाशन के साथ ही हमें न्यूजीलैंड और मोरिशस से कुछ मित्रों के ईमेल प्राप्त हुए है जो अपने आलेख संगोष्ठी के लिए देना चाहते हैं.  यह हमारे लिए खुशी की बात है कि इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का स्वरुप अंतर्राष्ट्रीय हो गया है.  यदि विदेश में रहने वाले मित्र इस संगोष्ठी में अपने आगमन की सूचना हमें 10-15 दिनों में दे देते हैं तो हम संगोष्ठी को 'राष्ट्रीय' के स्थान पर 'अंतर्राष्ट्रीय' स्वरुप प्रदान कर देंगे. 

संगोष्ठी में भाग लेने वाले प्रतिभागियों से किसी भी प्रकार का पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जायेगा. प्रतिभागियों को अपने रहने और रात्रि भोजन की व्यवस्था स्वयं करनी होगी तथा उन्हें किसी भी प्रकार का मार्गव्यय प्रदान नहीं किया जायेगा. 

आपके आलेख drharisharora@gmail.com, davseminar@gmail.com पर भेजे जा सकते हैं. 29 फरवरी, 2012 तक प्राप्त होने वाले आलेखों को पुस्तक में स्थान मिलना संभव हो पायेगा. शेष आलेखों के लिए पुस्तक के पुनर्प्रकाशन पर विचार किया जायेगा. 
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें :- 
drharisharora@gmail.com
+919811687144

डॉ हरीश अरोड़ा 
अध्यक्ष, हिंदी विभाग 
पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज (सांध्य)
दिल्ली विश्वविद्यालय 
नेहरु नगर, नयी दिल्ली-११००६५ 

Sunday 29 January 2012

'पत्रकारिता का बदलता स्वरुप और न्यू मीडिया'. राष्ट्रीय संगोष्ठी


'पत्रकारिता का बदलता स्वरुप और न्यू मीडिया'. राष्ट्रीय संगोष्ठी


मित्रों, जल्दी ही दिल्ली विश्वविद्यालय के पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज (सांध्य) द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. यह गोष्ठी मार्च के मध्य में होगी. इस गोष्ठी का विषय है --- 'पत्रकारिता का बदलता स्वरुप और न्यू मीडिया'.  आप सभी से इस संगोष्ठी के लिए आलेख आमंत्रित हैं. आलेखों का प्रकाशन पुस्तक रूप में किया जायेगा. अध्यापकों के अतिरिक्त शोधार्थी, पत्रकार और ब्लॉगर भी इस संगोष्ठी के लिए अपने आलेख प्रेषित कर सकते हैं. २-३ दिनों में संगोष्ठी की तिथि तय होते ही फेसबुक पर सूचना प्रेषित कर दी जायेगी. कुछ चयनित आलेखों के सार को संगोष्ठी के दौरान पदने का अवसर भी दिया जायेगा जिसके उपरांत विशेषज्ञ विद्वान अपने विचार रखेंगे. स्वीकृत आलेखों पर लेखकों को आलेख प्रस्तुतिकरण का प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा.
आपके आलेख drharisharora@gmail.com, davseminar@gmail.com पर भेजे जा सकते हैं. २९ फरवरी, २०१२ तक प्राप्त होने वाले आलेखों को पुस्तक में स्थान मिलना संभव हो पायेगा. शेष आलेखों के लिए पुस्तक के पुनर्प्रकाशन पर विचार किया जायेगा. 
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें :- 
drharisharora@gmail.com

डॉ हरीश अरोड़ा 
अध्यक्ष, हिंदी विभाग 
पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज (सांध्य)
दिल्ली विश्वविद्यालय 
नेहरु नगर, नयी दिल्ली-११००६५ 

आगरा में राष्ट्रीय संगोष्ठी



                                                     राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं कार्यशाला

प्रिय महानुभाव,

यह सूचित करते हुए हर्ष का अनुभव हो रहा है कि हिन्दी विभाग, आगरा कॉलेज, आगरा विश्व विद्यालय अनुदान आयोगके सौजन्य से श्रमिक जन-विसर्जन, जन भाषायें और भाषा विकासविषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी और कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। हिन्दुस्तान की तारीख में यह बात दर्ज है कि लोगों का हिन्दुस्तान आने का सिलसिला बहुत पुराना और लम्बे समय तक चलने वाला रहा है। कितनी की भाषाओं, संस्कृतियों और स्मृतियों के साथ लोग यहाँ आये और अन्य भाषाओं, संस्कृतियों के साथ सम्पर्क- सम्मिलन की तरह तरह की प्रक्रियाओं के अधीन नई भाषा- संस्कृतियों के सूत्रधार बने। आज जो हिन्दी भाषा और संस्कृति हमारे सरोकारों का विषय है वह ऐसी ही कथाओं की देन है। जन-विसर्जन लोगों के मिलने- बिछड़ने का सांस्कृतिक पक्ष है जिसका फैलाव लोगों के पहली बार के प्राकृतिक कारकों से बिखरने से लेकर वर्तमान वैश्विक दुनियां के श्रमिक समूहों तक जाता है। इतिहास के तमाम पक्ष बारबार ऐसे जन-विसर्जनों पर वज़न देते आते हैं जिन्होंने सदियों के इतिहास को प्रभावित किया. भाषा की तमाम अनसुलझी गुत्थियाँ जो कि इतिहास के तमाम पहलुओं पर नई रोशनी डालने में सक्षम होने की सम्भावना से भरी हैं, ऐसे जन-विसर्जनों के भीतर झाँकने को आवश्यक शर्त के रूप में हमारे सामने रखती हैं.

                जन विसर्जन का भी एक विशेषीकृत पक्ष श्रमिक जन- विसर्जन है. भाषा किसी भी सभ्यता के इतिहास को जानने का सबसे प्रामाणिक आधार है. श्रमिक जनों की भाषा में अभी भी भाषा के आदिम तथ्य मिलने की सम्भावना अपेक्षाकृत रूप से अधिक है. जन-विसर्जनों ने इस आदिमता को बिल्कुल अलग तरह से प्रभावित किया है. श्रमिक जनों की भाषा से यह आदिमता चली नहीं गयी है, वरन् इसने आधुनिक भाषाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

हिन्दी भाषा का वर्तमान भाषाई रूप हिन्दी भाषी क्षेत्र की भिन्न-भिन्न बोलियों और भाषाओं के साथ किस सम्बन्ध संरचना में खड़ा है यह एक विचारणीय मुद्दा रहा है और आज भी है. इन भिन्न-भिन्न बोलियों और भाषाओं के बोलने वाले श्रमिक-जन जीवन संघर्ष और विकास प्रक्रियाओं के दबाव में हमेशा इन क्षेत्रों से बाहर जाते और धकेले जाते रहे हैं. वे अपनी भाषा, अपनी संस्कृति  साथ लेकर जाते हैं और एक मेजबान (host) भाषा और संस्कृति के साथ समंजन प्रक्रिया से गुजरते है, परिणामतः एक नई भाषा जन्म लेती है और कई माइनों में यह सत्ता के केन्द्रों की भाषा ही होती है. हिन्दी के विकास में इस प्रक्रिया का बड़ा और महत्वपूर्ण योगदान है.

इस कार्यशाला का उद्देश्य हिन्दी क्षेत्र की भिन्न भिन्न बोलियों और भाषाओं से हुई जन-विसर्जन की पूरी प्रक्रिया को एक व्यापक धरातल पर सामने लाना, भाषाई तथ्यों को सभी जन भाषाओं के परिप्रेक्ष्य में एक मंच पर सामने रखते हुए हिन्दी के विकास के कुछ महत्वपूर्ण आयामों को शेयर करना है ताकि एक अधिक स्पष्ट तस्वीर सामने आ सके. कोई भी भाषा अपने इतिहास में तमाम ऐसे सन्दर्भों को समाहित रखती है कि उनके सामने आने से समाज, संस्कृति और इतिहास के बारे पहले से निर्धारित धारणाओं में कई बार बड़े परिवर्तन की दरकार कायम हो जाती है. इस कार्यशाला के पीछे जो प्राक्कल्पना काम कर रही है वह यह है कि यदि हिन्दी क्षेत्र की भिन्न भिन्न बोलियों और भाषाओं के विसर्जन पक्ष से निकलने वाले तमाम तथ्यों को एक मंच पर सामने रखा जाय तो निश्चत रूप से भाषा के विकास के सम्बन्ध में जो निर्णय हम लेने की स्थिति में होंगे वे महत्वपूर्ण और नये होंगे.

इस राष्ट्रीय संगोष्ठी और कार्यशाला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए आप सादर आमन्त्रित हैं।



इस संगोष्ठी और कार्यशाला में निम्न उपविषयों का समावेश किया गया है

श्रमिक-जन विसर्जन और भाषा विकास

जन-विसर्जनः साहित्य, स्मृति और इतिहास

जन-विसर्जनः परिघटना और प्रारूप

जन-विसर्जनः भाषा और संस्कृति का परिप्रेक्ष्य

विस्थापन, सांस्कृतिक सम्पर्क और भाषाई सम्भावनायें-

मानसिक विस्थापन और सांस्कृतिक प्रश्न

वैश्विक विस्थापन, बहुसांस्कृतिक केन्द्र और भाषा विकास

भाषाई भिन्नतायें और राष्ट्र का विकास

निजभाषाभिमान, विभाषा और वैश्विकव्यवस्था

मानकीकरण, जनअधिकार और भाषा का विकास

लोकभाषा, जन भाषा और साहित्य भाषा

हिन्दी क्षेत्र से राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय जन विसर्जन और हिन्दी भाषा का विकास

आप्रवासी भारतीय श्रमिक जन और हिन्दी के विविधरूप

जन भाषायें, श्रमिक जन विसर्जन और आधुनिक हिन्दी भाषा का विकास (ब्रज भाषा, बुन्देली, बाँगरू, भोजपुरी,अवधी,

छत्तीसगढ़ी)

दलितों की भाषा- स्वरूप और बदलाव

हिन्दी भाषा और जन जातीय भाषायें

भाषाई अस्मिता, साम्प्रदायिकता और जन-विसर्जन

आधुनिक भारत के श्रमिक संकेन्द्रण केन्द्र और हिन्दी भाषा

शहरीकरण और हिन्दी भाषा के विविध रूप

स्त्री श्रमिक भाषा का सन्दर्भ





महत्वपूर्ण तिथियाँ

पूर्ण शोध पत्र जमा करने की तिथि-   15 फरवरी 2012

पंजीकरण की अन्तिम तिथि-          05 मार्च 2012



पंजीकरण

संकाय सदस्य-                            800 रु.

शोधार्थी-                                    400 रु.

तत्काल पंजीकरण शुल्क

संकाय सदस्य                             1000 रु.

शोधार्थी                                     500 रु.

 (तत्काल पंजीकरण केवल सहभागिता के लिए ही सम्भव हो सकेगा।)



आयोजन स्थल

ऑडीटोरियम हॉल,

आगरा कॉलेज, आगरा





Organizing secretary

Dr. Bhoopal Singh
Assistant Professor,
Hindi Department, Agra College, Agra
Mob. (+91)9557000177

Contact: