Saturday 28 January 2012

सेमिनार में पर्चा पढ़ते हुए



आज अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में





आखिर प्यार पे इतनी पैनी नजर क्यों होती है

सोचता हूँ कि आखिर प्यार पे इतनी पैनी नजर क्यों होती है ।

 इच्छाओं के बीच इतने नियम कहाँ से आ जाते हैं ?

अनुराग को व्यभिचार की चार दिवारी क्यों दे दी जाती है ?

एक जन्म बमुश्किल निभा पानेवाले ,

सात जन्मों की कसम कैसे खा लेते हैं ?

सम्बन्धों का समीकरण प्रेम से ज्यादा ,

खोखली समाजिकता का मोहताज क्यों है ?


दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का दूसरा दिन


दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का दूसरा दिन
आज मुंबई के एस..आई .ई.एस. महाविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वार आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का दूसरा दिन है । संगोष्ठी का विषय है- प्रवासी हिंदी साहित्य ; उपलब्धियाँ और अपेक्षाएँ ।
  संगष्ठी के दूसरे दिन का पहला प्रारम्भ हुआ । डॉ शीतला प्रसाद दुबे, डॉ. एम . विमला , स्नेह ठाकुर , डॉ. अनीता कपूर और मधु अरोड़ा मंच पर है । डॉ रेखा संचालन कर रही है । डॉ शीतला प्रसाद दुबे जी ने पुष्पा जी की प्रेम की कहानियों पर आलेख प्रस्तुत किया। डॉ एम विमला अपना पर्चा पढ़ रही हैं। सुधा ढींगरा की कहानियों पर उनका पर्चा है । क्षितिज से परे कहानी की चर्चा कर रही हैं। उसका आकाश ध्ंधला है कहानी की भी बात की । स्त्री से संबन्धित उनकी कहानियों की चर्चा हुई । आ 

Wednesday 25 January 2012

INDIA FLAG - SHORT HISTORY & MEANING OF TRICOLOUR IN INDIAN FLAG

INDIA FLAG - SHORT HISTORY & MEANING OF TRICOLOUR IN INDIAN FLAG
The National Flag of India was adopted in its present form during an ad hoc meeting of the Constituent Assembly held on the 22 July 1947, a few days before India's independence from the British on 15 August, 1947.
The flag is a horizontal tricolour of "deep saffron" at the top, white in the middle, and green at the bottom. In the centre, there is a navy blue wheel with twenty-four spokes, known as the Ashoka Chakra, taken from the Ashoka pillar at Sarnath. The diameter of this Chakra is three-fourths of the height of the white strip. The ratio of the width of the flag to its length is 2:3 Each colour in the flag represents something different. the saffron stands for purity and spirituality, white for peace and truth, green for fertility and prosperity and the wheel for justice.
"Bhagwa or the saffron colour denotes renunciation of disinterestedness. Our leaders must be indifferent to material gains and dedicate themselves to their work. The white in the centre is light, the path of truth to guide our conduct. The green shows our relation to (the) soil, our relation to the plant life here, on which all other life depends. The "Ashoka Chakra" in the centre of the white is the wheel of the law of dharma. Truth or satya, dharma or virtue ought to be the controlling principle of those who work under this flag. Again, the wheel denotes motion. There is death in stagnation. There is life in movement. India should no more resist change, it must move and go forward. The wheel represents the dynamism of a peaceful change."

- Sarvepalli Radhakrishnan

Tuesday 24 January 2012

पहला प्यार

 पहला प्यार पहला प्यार होता है । 
 आखिर यह जब भी होता है,
 पहला ही होता है ।


शायद यही कारण है कि
यह इतना आकर्षक और मोहक होता है । 
शाश्वत भी यह , 
इसी कारण होता है ।  


नव पर नव की अभिलाषा,
प्यार में ही संभव है । 
आगे बढ़ना ही,प्यार है । 
 नया ही प्यार है ।  


पहला प्यार ,
दरअसल भ्रम है 
प्यार हमेशा ही , 
 पहला ही होता है । 

badminton tournament 2012


Monday 23 January 2012

badminton tournament


वेब मीडिया और हिन्दी का अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य


  • वेब मीडिया और हिन्दी का अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य - इस विषय पर अगले वर्ष11-12 जनवरी 2013 को दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का आयोजन करने जा रहा हूँ। आप सभी के सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी।
    आप सभी के सुझाओं का स्वागत है । 


श्री रामचरण (सुंदर ) पंडित मेमोरियल बैडमिंट्न टूर्नामेंट -2012


                    प्रेस विज्ञप्ति
श्री रामचरण9 (सुंदर ) पंडित मेमोरियल बैडमिंट्न टूर्नामेंट -2012 का आयोजन रविवार दिनांक 22जनवरी 2012 से मंगलवार 24 जनवरी 2012 तक किया जा रहा है । यह टूर्नामेंट यशोसुंदर ,सौ.एम.जे.पंडित चेरीबल ट्रस्ट और के.एम.अग्रवाल महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है ।
स्वर्गीय रामचरण (सुंदर ) पंडित स्वयं एक अच्छे खिलाड़ी थे। इस टूर्नामेंट में अलग-अलग आयु वर्ग के 200 से अधिक खिलाड़ी कल्याण और आस-पास के विद्यालयों और महाविद्यालयों से सहभागी हो रहे हैं। श्री विजय पंडित जी के कुशल मार्ग दर्शन में यह आयोजन विगत कई वर्षों से सफलता पूर्वक आयोजित किया जा रहा है ।
खिलाड़ियों को हर संभव मदद संस्था की तरफ से इस आयोजन को लेकर दी जा रही है । के.एम .अग्रवाल महाविद्यालय के उप-प्राचार्य डॉ. राजबहादुर सिंह जी की देख –रेख में यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है । स्पोर्ट्स शिक्षक श्री विजय सिंह, श्री सालवे जी, श्री कुमार पंडित, श्री जितेंद्र पांडे  एवं आयोजन समिति के कई लोग कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मेहनत कर रहे हैं ।

                                  डॉ. मनीष कुमार मिश्रा