Saturday 27 November 2010

हंस भी लेती है वो मन ही मन

शादी की चौदहवीं सालगिरह है
सुबह से वो व्यस्त रात तक है
पति आज भी खाली हाथ ही है
आज उसका उपवास भी है


कर्मिणी है धर्मिणी है
काम में अपने गुणी है
बात में मीठापन नहीं है
कर्कशा भी वो नहीं है

खीज के रह गयी है
पति से बहस हो गयी है
सालगिरह  आंसूं में कटी है
सुबह फिर जिंदगी सर पे खड़ी है / 




संघर्षमय जीवन रहा है
माता का वियोग सहा है
पति का व्यवहार सरल है
घर में उसका कब  चला है

नौकरी वो कर रही है
बेटा औ बेटी की धनी वो
चिडचिडा जाती है उनपे
शरीर की सीमा पे खड़ी है
पाले में उसके  कम भाग्य  आया
पति ने भी कहाँ पैसे कमाया
कुढ़ रही मन ही मन वो
गुस्सा निकाले पति पे सब वो

जिंदगी से नहीं है हार मानी 
उसके जीवट की भी है एक कहानी  
सँवार रही है वो बच्चों का बचपन
हंस भी लेती है वो मन  ही मन

Thursday 25 November 2010

जिंदगी तुझमे ही हूँ खोया सुबह हो या शाम

बड़ा सुख है तेरी आगोस में ऐ जिंदगी 
इन हवाओं में मन की सदाओं तू है  ऐ जिंदगी 
हकीकते नागवार हो तकलीफें हजार हो
मेरी हर साँस का तुम  ख्वाब  हो ऐ जिंदगी   

उजला आसमान  औ हवाएं मध्यम
या काली घटायें औ बरसती सरगम 
उत्तेजित  सूरज या मुस्काता चाँद
जिंदगी  तुझमे रमता मन सुबह हो या शाम

Wednesday 24 November 2010

VERY Important INFO about Water Bottle


   

ATM OPERATIONS CAN BECOME A SECURITY SITUATION

HELLO,


ATM OPERATIONS CAN BECOME A SECURITY SITUATION.

PLEASE NOTE THE TIP BELOW…

























VERY IMPORTANT AND INTERESTING



Read carefully



WHEN A THIEF FORCES YOU TO TAKE MONEY FROM THE ATM, DO NOT ARGUE OR RESIST, YOU MIGHT NOT KNOW WHAT HE OR SHE MIGHT DO TO YOU. WHAT YOU SHOULD DO IS TO PUNCH YOUR PIN IN THE REVERSE, I.E..







IF YOUR PIN IS 1254, YOU PUNCH 4521.



THE MOMENT YOU PUNCH IN THE REVERSE, THE MONEY WILL COME OUT BUT WILL BE STUCK INTO THE MACHINE HALF WAY OUT AND IT WILL ALERT THE POLICE WITHOUT THE NOTICE OF THE THIEF.







EVERY ATM HAS IT; IT IS SPECIALLY MADE TO SIGNIFY DANGER AND HELP. NOT EVERYONE IS AWARE OF THIS.

अंतर राष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी का आयोजन मुंबई में

अंतर राष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी का आयोजन मुंबई में :-
                            दिनांक २ ,३ और ४ दिसम्बर को मुंबई के साठे महाविद्यालय में यू.जी.सी., महाराष्ट्र हिंदी अकादमी और अयोध्या शोध संसथान के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय अंतर   राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. आप भी इस संगोष्ठी में सहभागी हो सकते हैं. इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए साथ में दिए गए संगोष्ठी पत्र के पते पर संपर्क किया जा सकता है.


 

Sunday 21 November 2010

जिंदगी तेरी पगडण्डी फिर चल आया मै ,

जिंदगी तेरी पगडण्डी फिर चल आया मै , जिंदगी तेरी बंदगी फिर कर आया मै
खुदा बसता है जमीं पे यकीं न था
तेरी राहों में खुदा देख आया मै

तेरी मोहब्बत तो शामिल है मेरे रग रग में
तेरी चाहत असीम है मेरे हर पल में
तड़प गम  ख़ुशी सब अमानत तेरी
जिंदगी जिन्दा हूँ मै तेरी जफ़ाओं में /