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Tuesday 4 January 2011
Saturday 30 October 2010
वो मुझसे मेरी असफ़लत की वजह पूंछे है
वो मुझसे मेरी असफलता की वजह पूंछे है ,
कातिल मुर्दे से हथियार रखने की जगह पूंछे है /
कातिल मुर्दे से हथियार रखने की जगह पूंछे है /
Wednesday 27 October 2010
य़ू कट रही है जिंदगी किसके नाम से
य़ू कट रही है जिंदगी किसके नाम से ,
मौत भी ना मुअस्सर हुई तेरे नाम से /
मौत भी ना मुअस्सर हुई तेरे नाम से /
Thursday 14 October 2010
दर्दे अहसास नहीं है ये ऐ यारा
दर्दे अहसास नहीं है ये ऐ यारा
प्यास नहीं है ये ऐ यारा
चाह है उन आखों में खोने की
चाह है कुछ पल जीने की
=========================================
दर्द नहीं है रुसवाई है
अपनो से ठोकर खायी है
खुशियों बिन चल भी जाये
क्या करे जब जुदाई है
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प्यास नहीं है ये ऐ यारा
चाह है उन आखों में खोने की
चाह है कुछ पल जीने की
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दर्द नहीं है रुसवाई है
अपनो से ठोकर खायी है
खुशियों बिन चल भी जाये
क्या करे जब जुदाई है
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Tuesday 7 September 2010
दिल है बेक़रार किसी का
दिल है बेक़रार किसी का
मन रहा पुकार किसी का
कोई है मशगूल अपनी दिनचर्या में
कोई कर रहा इंतजार किसी का /
मन रहा पुकार किसी का
कोई है मशगूल अपनी दिनचर्या में
कोई कर रहा इंतजार किसी का /
Wednesday 18 August 2010
ऐसा कुछ कह देते इंतज़ार सरल हो जाता
ऐसा कुछ कह देते इंतज़ार सरल हो जाता
तड़प रहे दिल का कुछ दर्द संभल जाता
अँधेरे की छाहों में भटक रहे जजबात मेरे
ऐसा कुछ कह देते स्याह सहल हो जाता
धुप है तरसी प्यासी बारिश
हवा है बोझिल सहमी कोशिश ,
कहते कुछ ऐसी बातें
मूर्छित सांसे बहकी बन जाती
इन्तजार सरल हो जाता
दिल का दर्द संभल सा जाता
करते मन का अपना तुम ऐसा
प्यार मेरा अचल हो जाता
तड़प रहे दिल का कुछ दर्द संभल जाता
अँधेरे की छाहों में भटक रहे जजबात मेरे
ऐसा कुछ कह देते स्याह सहल हो जाता
धुप है तरसी प्यासी बारिश
हवा है बोझिल सहमी कोशिश ,
कहते कुछ ऐसी बातें
मूर्छित सांसे बहकी बन जाती
इन्तजार सरल हो जाता
दिल का दर्द संभल सा जाता
करते मन का अपना तुम ऐसा
प्यार मेरा अचल हो जाता
Tuesday 17 August 2010
दर्द सिमट गया पल भर को
दर्द सिमट गया पल भर को
मन बहल गया पल भर को
क्या मजा बिन गम तेरे
मै भटक गया पल भर को
मन बहल गया पल भर को
क्या मजा बिन गम तेरे
मै भटक गया पल भर को
Wednesday 14 July 2010
होली न खेला दिवाली न मनायी ,बस ढूढता रहा अधेरों में परछाई
होली न खेला दिवाली न मनायी
बस ढूढता रहा अधेरों में परछाई
बारिश हुई जम के ठंडी का भी जोर
तू नहीं तो हर मंजर कठोर
चाँद ताकता अमावास कि रात में
तारे गिनता मै बरसात में
दोस्तों कि महफिलों में न लगी कोई जान
तू ही मेरी धड़कन तू ही मेरी जान
चूल्हा नहीं जला न इस घर को कोई चैन
सन्नाटा है पसरा हर कमरा एकदम मौन
अलमारी के तेरे कपडे रखता हूँ घर में साथ
रहती है तेरी खुसबू तू लगती है मेरे पास
घर का आइना रहता बड़ा उदास
तेरी खुबसूरत आखों का वो भी है दास
घर कि टी. वी. भी तबसे ना चली
उसको लगती है तेरी संगत भली
अब इस घर में मिलती नहीं राहत
इस दरो दीवार को तेरी छाया कि है चाहत
तेरे लबों कि चाह में मै हो रहा पागल
इस नशेमन का शौक तू तू ही मेरी आदत
त्राहि त्राहि कर रहा रोम रोम प्यास से
व्याकुल तड़पता मन मेरा तेरे इक आभास को
जल्द आ अब तू कटते नहीं ये पल
तड़प रही है जिंदगी वक़्त करने लगा है छल
बस ढूढता रहा अधेरों में परछाई
बारिश हुई जम के ठंडी का भी जोर
तू नहीं तो हर मंजर कठोर
चाँद ताकता अमावास कि रात में
तारे गिनता मै बरसात में
दोस्तों कि महफिलों में न लगी कोई जान
तू ही मेरी धड़कन तू ही मेरी जान
चूल्हा नहीं जला न इस घर को कोई चैन
सन्नाटा है पसरा हर कमरा एकदम मौन
अलमारी के तेरे कपडे रखता हूँ घर में साथ
रहती है तेरी खुसबू तू लगती है मेरे पास
घर का आइना रहता बड़ा उदास
तेरी खुबसूरत आखों का वो भी है दास
घर कि टी. वी. भी तबसे ना चली
उसको लगती है तेरी संगत भली
अब इस घर में मिलती नहीं राहत
इस दरो दीवार को तेरी छाया कि है चाहत
तेरे लबों कि चाह में मै हो रहा पागल
इस नशेमन का शौक तू तू ही मेरी आदत
त्राहि त्राहि कर रहा रोम रोम प्यास से
व्याकुल तड़पता मन मेरा तेरे इक आभास को
जल्द आ अब तू कटते नहीं ये पल
तड़प रही है जिंदगी वक़्त करने लगा है छल
Monday 12 July 2010
इनायत खुदा की कि प्यार का जज्बा दिया
न खुशियों की तलाश
न बदन की कोई प्यास
मोहब्बत की पूरे दिल से
ये जज्बा खुदा का खास
मेरी आखों के पानी को न देखो
मेरी बरबादिओं की रवानी को न देखो
देखो इश्क का जूनून जों दौड़े है रग रग में
मेरे हंसी यार की बेवफाई को न देखो
गम का नहीं है गम मुझे
ये मोहब्बत की तासीर हो
तेरा सच तो कह देता
भले ये मेरी आखिरी तारीख हो
इनायत खुदा की कि प्यार का जज्बा दिया
मेहरबानी तेरी तुने प्यार को रुसवा किया
सच ये है कि तू है मेरी जिंदगी
क़त्ल कर या कर हलाल ये दिल तुझे सजदा किया
न बदन की कोई प्यास
मोहब्बत की पूरे दिल से
ये जज्बा खुदा का खास
मेरी आखों के पानी को न देखो
मेरी बरबादिओं की रवानी को न देखो
देखो इश्क का जूनून जों दौड़े है रग रग में
मेरे हंसी यार की बेवफाई को न देखो
गम का नहीं है गम मुझे
ये मोहब्बत की तासीर हो
तेरा सच तो कह देता
भले ये मेरी आखिरी तारीख हो
इनायत खुदा की कि प्यार का जज्बा दिया
मेहरबानी तेरी तुने प्यार को रुसवा किया
सच ये है कि तू है मेरी जिंदगी
क़त्ल कर या कर हलाल ये दिल तुझे सजदा किया
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