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Tuesday 5 October 2010

बहक जाये गर तमन्ना तेरी आगे बढकर गले लगा लेना

unशिकायत हो तो कह देना 
अरमानो की बगावत हो तो कह देना 
अदावतों से डरते नहीं सपने कभी 
दिल में चाहत हो तो कह देना 
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मोहब्बत में इंतजार भी मजा देता है 
दूरियों का करार भी मजा देता है 
पास आने को दिल झिझकता  है कभी
मिलने को मचलता हो दिल तो कह देना

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मेरी मोहब्बत से हो नफ़रत तो बड़ा लेना
मेरी चाहत से हो अदावत तो बचा  लेना 
जीत लूँगा हर अड़चन को अपनी मोहब्बत से 
बहके तमन्ना तो  कह देना    

Friday 27 August 2010

बंद आखों से तुझे देख लेता हूँ

बंद आखों से तुझे देख लेता हूँ
सोचों में तुझ संग बड़ा दिलफेंक होता हूँ
सपने सजाते है तेरी मुलाकातों से
ख्वाब रंगीन होते हैं बहके इरादों से


नीद जब खुलती खुद की बाँहों में होता हूँ
रात जब सोता तुझे निगाहों में रखता हूँ
तेरी चाहत है मेरी धड़कन तू है मेरे कण कण में
मेरा हर वक़्त गुजरता तेरी यादों की चिलमन में
तेरी मोहब्बत को दिया खुदायी का दर्जा
क्या हुआ मिले हुए हुआ एक अरसा 
आवाज तेरी भर देती उमंग हर अंग में 
बड़ा सुखकर था वो पल जों बिता तेरे संग में 
मुक़द्दस हो जाता है मुकद्दर जब तू पास होती है 
वक़्त ठहर जाता है जब तू साथ होती है  

बंद आखों से तुझे देख लेता हूँ

सोचों में तुझ संग बड़ा दिलफेंक होता हूँ
सपने सजाते है तेरी मुलाकातों से
ख्वाब रंगीन होते हैं बहके इरादों से


Sunday 1 August 2010

क्या आप कभी मेरी मोहब्बत के पात्र रहे हैं

क्या आप कभी मेरी मोहब्बत के पात्र रहे हैं
क्या आप कई वर्ष मेरे आस पास रहे हैं

क्या आपने मेरी आखों में समुन्दर तलाशा था
क्या आपने मेरी जुल्फों में निशा के मंजर को ढाला था

क्या आपने चूमा था मेरा ललाट अधिकार से कभी 
क्या आपने सींचा था मुझे अपने प्यार से कभी 

क्या आपके ओठों ने मेरे लबों की लाली बडाई थी 
क्या मेरे उफनते सीने को अपने आलिगन में समायी थी 

क्या मेरी रातें तेरी बाँहों में महकी थी 
क्या तुम हो वही जिसकी आगोश में मेरी सुबहें बहकी थी 

जाने दो गुजरे वक़्त को अब याद क्या करना 
जाने दो तुम्हे पहचान के अब अहसान क्या करना 

जों गुजर गया वो भुत है अब नया मेरा मीत है 
भविष्य नया तलाश कर यादों का कभी ना साथ कर 
सीख दे गयी वो बात तो पते की थी 
कैसे बदलता दिल मेरा वो मेरे धड़कन में थी  


Thursday 13 May 2010

तू आज कौन है मेरा भले कभी तू मेरा महबूब था ?

मेरे आहत मन से बने ,मेरी तल्ख़ आवाज से बुने ,
मेरे सवालों पे बड़ी शालीनता से पूंछा तेरा सवाल खूब था ;
तू आज कौन है मेरा भले कभी तू मेरा महबूब था ?



न ही आज तू मेरे किसी काम न आज तेरा कोई रसूख था ,
आज मेरे खैरख्वाह हैं बहुत, क्या तेरा वक़्त तेरे करीब था ?
आवाक था , पर उसका ये सवाल भी मुझे अजीज था ;

मेरे आहत मन से बने ,मेरी तल्ख़ आवाज से बुने ,
मेरे सवालों पे तेरा बड़ी शालीनता से पूंछा सवाल खूब था ;
तू आज कौन है मेरा भले कभी तू मेरा महबूब था ?


मुस्कराते आंसुओं से उसको दी दुवाएं और रुखसत हुआ
राहों में उदासियों ने संबल और काटों ने सुकून दिया ,

मेरी दिल की धड़कन आज मै अपना ही अतीत था ;
मेरे जनाजे को रौंदा उसने जों मेरा सबसे करीब था /


मेरे आहत मन से बने ,मेरी तल्ख़ आवाज से बुने ,
मेरे सवालों पे बड़ी शालीनता से पूंछा तेरा सवाल खूब था ;
तू आज कौन है मेरा भले कभी तू मेरा महबूब था ?

Monday 12 April 2010

हवाओं के झोकों में अहसास भेजा है/

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हवाओं के झोकों में अहसास भेजा है ;उजालों में फैला विश्वास भेजा है ;
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रातों को तारों को देखना जरा उन सितारों में मोहब्बत की प्यास भेजा है /

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Friday 9 April 2010

मैंने मोहब्बत को दी आग दर्दे दिल को नूर कर दिया

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हवा ऐ तूफान ने जब चिराग को बेनूर कर दिया ;
मैंने मोहब्बत को दी आग दर्दे दिल को नूर कर दिया /
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दिल ऐ बेकशी जब तासीर बन गयी ,मैंने तुझे नसीब कर दिया ;
तेरी बेवफाई का सितम इतना था की तुझे मैंने तकदीर कर दिया /
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मेरी तकलीफों पे हँसने की तेरी आदत हसीन है ;
मैंने अपनी मुश्किलों को तेरी हंसी का जमीर कर दिया /
 
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Tuesday 30 March 2010

गुजरे वक़्त की तलाश जारी है ,

गुजरे वक़्त की तलाश जारी है ,
न पुरे हुए सपनों की आस जारी है ;
लौटना इतना मुश्किल भी न था ,
बीते पलों का अहसास जारी है /
बदलती राहों का कयास जारी है ,
सितमगर पे वफ़ा का विश्वास जारी है ;
नाउम्मीदी से लड़ना इतना मुश्किल भी न था ;
आखों से आंसूं का प्रवास जारी है ;
अश्क औ मोहब्बत का इतिहास जारी है ;
ग़मों के सिलसिले तो थम भी गए होते ,
अपनो की महफ़िलों में जश्ने जफा जारी है ;
इश्क का दर्दे वफ़ा जारी है ,
ऐ जिंदगी तेरा फलसफा जारी है /

ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...