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Friday 7 May 2010

हवाओं से बात करता रहा मैं /

हवाओं से बात करता रहा मैं ;

आखें बिछा रखी थी राहों में ,

आसमान ताकता रहा मैं ;

कान तरसते रहे चन्द बोल उनके सुने ,

काटों बीच खुसबू तलाशता रहा मैं ;

सुबह फिजाओं से हाल उनका पूंछा ,

भोर की किरणों में उनको पुकारता रहा मैं /

हवाओं से बात करता रहा मैं ;

Saturday 3 April 2010

थी क्या तलाश जो तू मेरा ना हुआ ,

थी क्या तलाश जो तू मेरा ना हुआ ,
वो भी क्या मुलाकात जो अँधेरा न हुआ ;
.

शिद्दत की चाहों से ,
बेपनाह मोहब्बत की राहों से ,
क्या शिकायत थी मेरी भावों से ,
क्यूँ नहीं लौटा क्यूँ मेरा ना हुआ ,
ऐसी भी क्या रात जो सबेरा न हुआ;
.

थी क्या तलाश जो तू मेरा ना हुआ ,
ऐसों का भी क्या साथ जो तेरा न हुआ ;
थी क्या वो रात जों चेहरा सुनहरा ना हुआ ,

वो भी क्या मुलाकात जों अँधेरा ना हुआ /

थी क्या तलाश जो तू मेरा ना हुआ ,
वो भी क्या मुलाकात जो अँधेरा न हुआ ;

ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...