हवाओं से बात करता रहा मैं ;
आखें बिछा रखी थी राहों में ,
आसमान ताकता रहा मैं ;
कान तरसते रहे चन्द बोल उनके सुने ,
काटों बीच खुसबू तलाशता रहा मैं ;
सुबह फिजाओं से हाल उनका पूंछा ,
भोर की किरणों में उनको पुकारता रहा मैं /
हवाओं से बात करता रहा मैं ;
हवाओं से बात करता रहा मैं ;
आखें बिछा रखी थी राहों में ,
आसमान ताकता रहा मैं ;
कान तरसते रहे चन्द बोल उनके सुने ,
काटों बीच खुसबू तलाशता रहा मैं ;
सुबह फिजाओं से हाल उनका पूंछा ,
भोर की किरणों में उनको पुकारता रहा मैं /
हवाओं से बात करता रहा मैं ;
चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद जहां मैपल के पेड़ों की कतार किसी का भी मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां ...