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Friday 10 December 2010

फ्रेंच भाषा भी खूब है पर मुझसे कितनी दूर है

जिंदगी गुजर रही अब नए आशियाने में ,
सीख रहे हर पल कुछ नया जिंदगी नए पैमाने में 
सोना वही है जागना वही है पर साथ नए अनजाने है
दूर देश में बैठे हम आये यहाँ कमाने हैं /


फ्रेंच भाषा भी खूब है पर मुझसे कितनी दूर है 
भरमाती है तड़पाती है  है और बड़ा तरसाती है ,
भागा पीछे वो आगे भागे अलसाया तो वो मुस्काए 
नजर मिलाये पास बुलाये नित नए वो ठौर दिखाए 

फ्रेंच भाषा भी खूब है पर कितनी दूर है 

ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...