देखी जो तस्वीर तेरी अभिलाषा को पंख मिल गए . बची नहीं अब कोई ख्वाइश , इस जीवन में मेरी प्रिये . (i do nat have any copy right on this image.i have got the same as a e mail )
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Saturday 22 May 2010
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ताशकंद शहर
चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद जहां मैपल के पेड़ों की कतार किसी का भी मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां ...
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अमरकांत की कहानी -जिन्दगी और जोक : 'जिंदगी और जोक` रजुआ नाम एक भिखमंगे व्यक्ति की कहानी है। जिसे लेखक ने मुहल्ले में आते-ज...