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Sunday 1 December 2013

69. तुम से मिलना



फोन पे हिम्मत 
शायद बढ़ जाती है 
और हिमाक़त हम कर जाते हैं 
मैंने भी की 
आख़िर आज
पूँछ ही लिया कि
----- कब मिलोगी ?
उसने कहा 
-------- क्यों ? कुछ ख़ास ?
मैंने कहा
------- नहीं, कुछ ख़ास नहीं
हाँ मगर
तुम से मिलना
अक्सर ख़ास होता है
उसने कहा
--------- अच्छा
------ तो फ़िर ठीक है ।

ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...