पूजा की आरती सजाने जैसा ही है
मनुहार भी ।
प्रार्थना सा ही पवित्र भी है
इज़हार भी ।
फ़िर देवताओं का क्या
इक़रार भी, इनकार भी ।
मनुहार भी ।
प्रार्थना सा ही पवित्र भी है
इज़हार भी ।
फ़िर देवताओं का क्या
इक़रार भी, इनकार भी ।
चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद जहां मैपल के पेड़ों की कतार किसी का भी मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां ...