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Sunday 4 May 2014

फ़िर देवताओं का क्या

पूजा की आरती सजाने जैसा ही है 
मनुहार भी । 
प्रार्थना सा ही पवित्र भी है 
इज़हार भी । 
फ़िर देवताओं का क्या 
इक़रार भी, इनकार भी ।

ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...