हिन्दी मे आज की तारीख़ मे कई पत्रिकायें निकल रही हैं । ऐसी ही एक महत्त्व पूर्ण पत्रिका है -बया । गौरीनाथ जी के संपादन मे निकलने वाली यह पत्रिका पहले छमाही प्रकाशित होती थी ,लेकिन अब यह त्रैमासिक हो गयी है । जुलाई-सितम्बर अंक २००९ "बंगाल:पलासी से नंदीग्राम " पर केन्द्रित है । अब यह पत्रिका "अंतिका प्रकाशन " से जुड़ गई है ।
पत्रिका के लिये ०१२०-६४७५२१२ \०९८६८३८०७९७ पे संपर्क किया जा सकता है । इसकी वार्षिक सदस्यता १२० रुपये है । आजीवन ५००० रुपये है । आप को यह पत्रिका जरूर पसंद आयगी । इसे आप जरूर पढ़े ।
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Wednesday 1 April 2009
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ताशकंद शहर
चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद जहां मैपल के पेड़ों की कतार किसी का भी मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां ...
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अमरकांत की कहानी -जिन्दगी और जोक : 'जिंदगी और जोक` रजुआ नाम एक भिखमंगे व्यक्ति की कहानी है। जिसे लेखक ने मुहल्ले में आते-ज...