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Thursday 8 April 2010

उम्मीदे वफ़ा है की तू मिल जाये

उम्मीदे वफ़ा है की तू मिल जाये ,

यादों का फलसफा है की तू मिल जाये ;

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वर्षों का इंतजार लाजमी है की निराशा छाये ;

मेरे जनाजे को यकीं है तू मिल जाये /

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ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...