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Tuesday 23 March 2010

मोहब्बत भरी मेरी निगाहें ना देखो तुम ,

मोहब्बत भरी मेरी निगाहें ना देखो तुम ,
प्यार से भरी मेरी आहें ना देखो तुम ;

इश्क की राहें आसां नहीं होती ,
चाहते मंजिल बदनाम है होती ;

कीचड़ में खिले कमल ,काटों में गुलाब है ;
हुस्न हो बेपरदा ,मेरा नहीं ये ख्वाब है '

काटों की ये पगडण्डी ,
दिल तडपे है रातों में ;
आंसूं आखों से पिघले है ,
तू बढ जा अपनी राहों में ;
सरल सही से भावों को लेकर;
तू खुश रह अपनी पनाहों में;

कठिनाई को चुनना कैसा ,
बदनामी का संग करना कैसा ;
अच्छाई का दामन हो तुम ;
सच्चाई का आंगन हो तुम ;
कीचड़ की पगडण्डी पे चलना कैसा ,
काटों की राहों में बसना कैसा ;

मोहब्बत भरी मेरी निगाहें ना देखो तुम ,
प्यार से भरी मेरी आहें ना देखो तुम ;

Monday 15 March 2010

जो तू न स्वीकार कर सकी वो तेरा अतीत हूँ , 5

अवधरण हूँ ,आवरण हूँ ,
अतिक्रमण हूँ ,अनुकरण हूँ ;
जिसे तू ना सँवार सकी ,
वो तेरा आचरण हूँ /
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अनिमेष हूँ , अवधेश हूँ ,
अभिषेक हूँ ,अवशेष हूँ ;
जिसे ना तू सहेज सकी ,
वो तेरा अधिवेश हूँ /
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अमान्य हूँ ,अवमान्य हूँ ,
अरीति हूँ ,अप्रीति हूँ ,
जो तू ना स्वीकार कर सकी ,
वो तेरा अतीत हूँ /


ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...