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Monday 31 August 2015

वही एक बात जो


सोचता हूँ कि
आज फ़िर एक बार
पूछूँ तुमसे 
वही एक बात जो
न जाने कितनी बार
पूछ चुका हूँ
तुमसे ही ।
वही एक बात जो
अब मेरे कहने से पहले
तुम समझ जाती हो
और कहती हो
कि जब जानती हूँ
क्या पूछोगे
तो क्यों पूछते हो ?
जब कि
बता चुकी हूँ
तुम्हें सबकुछ
साफ़ - साफ़ ।
वही एक बात
जिस बात पर
तुम या तो चुप हो
या फ़िर अड़ी हो
वही बात जो
तुम्हारे इनकार के साथ
शायद रुकी हुई है
या
अब भी उम्मीद में है ।
वही एक बात
जिस बात को लेकर
बैठा रहता हूँ
बनारस के घाटों और
मंदिरोंकी सीढियों पर
घंटों अकेले
जागती रातों में
नींद के सपनों के साथ
उसी एक बात पर
बिताते
दिन-महीने-साल ।
वही एक बात
जिसके संकट को
हरने की अर्जी
प्रलंबित है
संकटमोचन और
बाबा विश्वनाथ के
साथ-साथ
न जाने कितने
दरबारों में ।
वही एक बात जो
तुमसे कह तो दिया
लेकिन
कह नहीं पाया कि
जो कहा मैंने
वह कोई
औपचारिकता नहीं थी ।
अब जब कि
तुम सुना चुके हो
अपना निर्णय
फ़िर भी जाने क्यों
लगता है कि
तुमसे पूछूँ
फ़िर से
वही एक बात ।
दरअसल
यह फ़िर एक बार
का पूछना
बचा लेता है मुझे
मेरे सारे सपनों को
और इसीलिए
आज फ़िर
सोच रहा हूँ कि
पूछ लूँ तुमसे
फ़िर वही एक बात ।
                      ------ मनीष कुमार
                                  B H U

Sunday 11 July 2010

कातिल अदा है सादगी ,

The Girl with the Dragon TattooRecovery
कातिल अदा है सादगी इससे बचा करो ,
क़ज़ा ये ऐसी हुस्न की कि दिल कातिल कि दुआ करे /


कातिल अदा है सादगी ,


हुस्न का दिव्यास्त्र ये जों रखता है वो संभाल ,
BlackBerry Bold 9700 Phone (AT&T)जब आता है इल्जाम ये बन जाता है उसकी ढाल ,


चलता ये वहां भी जहाँ कोई अंदाज चले ,
जीतता है ये ही कैसे भी वो  चले


कातिल अदा है सादगी ,



चलता है वो सादगी जब सूझे न कोई चाल
होता है हसीं का हर वार जब बेकार ,

                                                                       

धीमे धीमे अपनी इस क़ज़ा को वो चले;
आशिक को  फिर  हौले हौले वो छले



LG Prime Prepaid GoPhone (AT&T) with $50 Airtime Creditकातिल अदा है सादगी ,/


चाहता है वो जब जीतना हार हाल में
करता है तब सादगी जों करता है दिल पे वार










Saturday 10 July 2010

न राह है न मुकद्दर ,


HTC Aria Android Phone (AT&T)Samsung Moment M900 Android Phone (Sprint)
न राह है न मुकद्दर ,
फिर मेरा दिल तेरा है क्यूँ कर ,
वक़्त न धूमिल कर पाया ,
राहों ने कितना ही भरमाया ,
अपने लोग भाव उलझाते ही हैं ,
रिश्तों में अड़चन लाते ही है ,
बड़ती कशिश समय भी रोक न पाई ,
बड़ती तपिश भले तुझे ना भायी ,
इश्क को चोटों से क्यूँ भागूं मैं
तेरे संबंधों से घबरायु क्यूँ मै ,
मै अविचलित अपने प्यार पे ,
भले नम हैं आखें तेरे बेवफाई के नाम पे /

                                           HTC DROID INCREDIBLE Android Phone (Verizon Wireless)BlackBerry Bold 9700 Phone (AT&T)Motorola DROID A855 Android Phone (Verizon Wireless)

Friday 9 July 2010

चाह के भी न कह सका प्यार मै ,

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चाह के भी न कह सका प्यार मै ,

तेरी आखों ने रोक लिया कैसे करता इजहार मै ;

बाहें मचल रही थी तुझे बाँहों में भरने को ,

तेरी हया को करता कैसे यूँ ही पार मै /

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Thursday 8 July 2010

हिंदी से अरुचि ये हिंदी भाषी ही करते हैं ,

Golden Treasury Of Shlokas (4 Cd Set with Hindi Book)
हिंदी से अरुचि ये हिंदी भाषी ही करते हैं ,
हमें अंगरेजी आती कह खुद की पीठ ठोकते है ,
हीन भाव से निकलो यारों ;
अंगरेजी आने से विद्वान नहीं कोई बनता है ,
सिर्फ भाषा के ज्ञान से कोई इन्सान नहीं बनता है ;
निज भाषा से प्रेम नहीं ,
इससे बड़ा विद्वेष नहीं ;




Sunday 4 July 2010

किन संग वक़्त गुजरता तेरा किन संग तू दिन भर रहता है /


मोहक मुस्कान में तेरी मैंने खुद को खोया था ,
याद नहीं तुझको वो लम्हे जब तू मेरी बाँहों में सोया था ;
क्यूँ मैं जानू अब तू किनके सपनों में रहता है ,
किनसे बातें किसका साथ किसकी खुसबू से तू महकता है ;
आज तुझे कौन है प्रिय क्या करना है मुझे प्रिये ;
किससे मिलना तुझको प्यारा क्यूँ मै जानू आज प्रिये ;
अब भी याद मुझे वो दिन है जब तुझसे मै लड़ता था ,
क्या जानता है तू मै रातों में कितना रोया karata   था ;
आखं वही है, ह्रदय वही है मेरे दिल के जजबात वही है ,
प्यास वही है ,आस वही है ,मेरे मन के हालात वही है ,
क्यूँ मैं जानू किन संग तू रमता है कौन तेरे भावों में रहता है ,
किन संग वक़्त गुजरता तेरा किन संग तू दिन भर रहता है /

Saturday 3 July 2010

मेरी आखों को नम बनाये रखा /

बुलाये रखा , उलझाये रखा ,

मेरे दिल के जख्मों को सलीके से ताज़ा बनाये रखा ;

मुस्कराया भी मुझको हँसाया भी ,

पर मेरे भावों को तुने पराया रखा ,मुझको सताए रखा ;

मरहम लगता हर बार तू एक नए अंदाज से ,

पर रिसते घावों में कांटा चुभाये रखा ;

फूलों की खुसबू को मेरे पास बनाये रखा ;

बड़ी खूबसूरती से तुने मुझे अपनी जिंदगी के किनारे लगाये रखा ;

मेरे ओठों पे अपना नाम बनाये रखा ;

मेरी आखों को नम बनाये रखा /

Thursday 1 July 2010

फितरत नहीं थी वैसा बना डाला ,

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न फितरत बदली न चाहत बदली ,
बदलते वक़्त ने करवट न बदली ;

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न व्यवहार बदला न संस्कार बदला ,
बदला वक़्त ने सिर्फ अभाव बदला ;

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फितरत नहीं थी वैसा बना डाला ,
मोहब्बत ने न जाने कैसा बना डाला ;
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सहज मासूम से ख्वाब थे मेरे ,
उन्हें आखों से बहता काजल बना डाला ;
चल रही थी जिंदगी जों सहज अंदाज से ,
तेरी इनायतों ने उसे हलाहल बना डाला ;
.
फितरत नहीं थी वैसा बना डाला ,
मोहब्बत ने न जाने कैसा बना डाला /

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Wednesday 30 June 2010

जिंदगी गुजरती रही , यादें संवरती रही ,

जिंदगी गुजरती रही , यादें संवरती रही ,
मोहब्बत को करीबी न हुई हासिल ,
तेरे नफ़रत में भी न हुआ शामिल ;
मेरी जिंदगानी तेरे बिन सिसकती रही /

किसी से बेवफाई का न गुनाहगार था,
किसी की रुलाई का ना जिम्मेदार था,
न बना सका तुझको मै अपना ;
बस इतना ही मेरा दुर्व्यवहार था /

Tuesday 29 June 2010

टूटता दिल आवाज क्या करता

टूटता दिल आवाज क्या करता ,

बहते आंसुओं को हिसाब क्या कहता ;

मचला तो था मेरा भी जिगर कभी ,

उसकी बेवफाई का जवाब क्या कहता /

Sunday 27 June 2010

मेरे अपने यूँ मुझे संवारते रहे /

कमियां तलाशते रहे ,गलतियाँ निकालते रहे ,

थे वो मेरे अपने जों मेरी बखिया उखाड़ते रहे /

कभी कुछ अच्छा कहा हो याद नहीं ,

मेरे अपने यूँ मुझे संवारते रहे /

दिग्भ्रमित हैं या वे किसी हीनता से ग्रस्त हैं ,

न जान पाया आज तक क्यूँ मेरे पर काटते रहे ;

न अपनापन , दुलार , न अहसास , संबल औ विश्वास दे सके ,

फिर क्यूँ मुझसे आहत होने का आडम्बर बांटते रहे ;

कमियां तलाशते रहे ,गलतियाँ निकालते रहे ,
थे वो मेरे अपने जों मेरी बखिया उखाड़ते रहे /

न उत्साह दिया न साहस न उनके होने का बल ,

पर अपनी विफलताओं का सेहरा मेरे सर बाँधते रहे ;

थे मेरे अपने जों मेरे पैरों तले की जमीं काटते रहे ;

मेरा अच्छा किया हो याद नहीं ,मेरे अपने यूँ ही मुझे संवारते रहे /

कमियां तलाशते रहे ,गलतियाँ निकालते रहे ,

थे वो मेरे अपने जों मेरी राहों में कांटे बिझाते रहे /

Friday 25 June 2010

मेरी जिंदगानी ने सपने बहुत बुने थे लेकिन

मेरी जिंदगानी ने सपने बहुत बुने थे लेकिन ,
तेरी कहानी ने मेरे किस्से नहीं सुने ;
तुझसे तुझको मै चुरा लेता लेकिन ,
तेरी आखों ने मेरे सपने नहीं सुने ;
बाहों में भरना इतना भी मुश्किल न होता लेकिन ,
मैंने झूठे जजबातों के वाकये नहीं बुने /

Tuesday 22 June 2010

भय से मुक्त होना भी कहाँ तक उपयुक्त है /

भय से मुक्त होना भी कहाँ तक उपयुक्त है ,

डरना सीखो अर्जुन ये कृष्ण का मुक्त है /

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बधन बने है कालचक्र से ,

बदलाव जुड़ा है वक़्त से ,

मन बंधा संसार से ,

संसार भी तो समय युक्त है /

.
कौन स्वजन कौन परिजन कौन यहाँ पराया है ,

कैसे कहेंगे किसमे सबका हित समाया है /

.
भय से मुक्त होना भी कहाँ तक उपयुक्त है ,

डरना सीखो अर्जुन ये कृष्ण का मुक्त है /

Monday 21 June 2010

पूजा भली हर हाल में चाहे काँटा हो या हो शूल /

पूजा भली हर हाल में चाहे काँटा हो या हो शूल ,
इश्वर है चहुँ ओर क्या हो भेद चन्दन और बबूल ।
.
यज्ञ ह्रदय में पूजा मन में ,
मुझे फूल दिखे है कण कण में ;
चन्दन सा खुद को घिसना सिखा है ,
हर पल तभी महकना सीखा है ,
माला का मोह करूँ मै कैसे ,
मैंने ह्रदय से जपना सीखा है /
.
पूजा भली हर हाल में चाहे काँटा हो या हो शूल ,
इश्वर है चहुँ ओर क्या हो भेद चन्दन और बबूल ।

Saturday 12 June 2010

सब शायद इसे मेरी उलझन समझें ,

उद्विग्नता की शाम छाई है ,
खिन्नता साथ लायी है ;
उनसे मेरी दुरी क्या कम थी,
जों नाराजगी का पैगाम फिजा साथ लायी है ;
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चल रही है जिंदगी यूँ तो अपनी चाल से ,
फिर किसे ढूंढ़ रही हैं आखें किस नाम से ;
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ना रिश्ता रहा न नजदीकी रही ,
ना भुला उसे न आखें भीगी रखीं ;
हर बार हारा उससे हर बार वो है हारी ,
हर बार जीती वो ही हर बार जीता मै ही ;
.
सब शायद इसे मेरी उलझन समझें ,
नहीं चाहता मै इसे वो मेरी भटकन समझें /

Sunday 30 May 2010

प्यार मेरा मुझे देख के चौंका , बड़ी अदा से फिर उसने पूंछा ;

प्यार मेरा मुझे देख के चौंका , बड़ी अदा से फिर उसने पूंछा ;
कौन है तू क्या तेरा परिचय , क्या इच्छा है तेरी रहबर ;
मुंह से निकला मै परछाई हूँ तेरी ,तेरे दिल की प्यास ;
न मानेगा इसको तू पर मै हूँ तेरा अहसास /

Tuesday 4 May 2010

विरल विरल सा मन है मेरा,

विरल विरल सा मन है मेरा,

ना गम ना खुशियों का फेरा ,

विरल विरल सा मन है मेरा,

विरक्त हूँ भावों से कुछ कुछ ,

विभक्त हूँ अभावों से कुछ कुछ ,

पर मन में संताप नहीं है ,

और हरियाली का भास नहीं है ;

बोझिल है हैं विचार भी मेरे ,

खाली खाली से हैं व्यवहार भी मेरे ,

विरल विरल सा मन है मेरा,

ना गम ना खुशियों का फेरा ,
विरल विरल सा मन है मेरा,

Tuesday 27 April 2010

अचानक एक दिन तुने मोहब्बत से इंकार कर दिया ,

अचानक एक दिन तुने मोहब्बत से इंकार कर दिया ,
प्यार की राह में मेरी मोहब्बत को गुनाहगार कर दिया ;
.
दौड़ के मिलते थे जों भरे भावों के साथ ,
मुफलिसी की आहट पे पहचानने से इंकार कर दिया /
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अरमानो की दुनिया सजा लिपट जाते थे जों देख कर मुझको तनहा ,
बदले मौसम में मेरी तड़प से खुद को बेपरवाह कर लिया /
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Saturday 24 April 2010

संतप्त मन अपने विकार से /

संतप्त मन अपने विकार से ,
आस क्यूँ रखा प्यार से ;
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संतप्त मन अपने विकार से ,
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विप्लव अभिलाषाएं लाती है ,
लालायित इच्छाएं तड़पाती हैं ;
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प्यार इक विशाल वृछ है ,
कामनाएं कांटे सदृश हैं ;
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प्यार सुख देने का नाम है ;
प्यार एक दैविक ध्यान है ;
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त्याग स्नेह इसकी परिभाषा ,
होती नहीं इसमे कोई आशा ;
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संतप्त मन अपने विकार से ,
गम है मिलता अहंकार से /

संतप्त मन अपने विकार से /

Friday 23 April 2010

याद तेरी , 8

याद तेरी ,
.
अरमान की मचलन ,
.
याद तेरी ,
.
मिलन की तड़पन ,
.
याद तेरी ,
.
अभिषार अलौकिक ,
.
याद तेरी ,
.
संसार ये लौकिक ,
.
याद तेरी / 
 

ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...