Showing posts with label हमसे एक बार भी. Show all posts
Showing posts with label हमसे एक बार भी. Show all posts

Sunday 14 October 2012

हमसे एक बार भी

हमने उन तुन्द हवाओं में जलाएं है चिराग ,

जिन हवाओं ने उलट दी है बिसाते अक्सर ,

हमसे एक बार भी न जीता है, न जीतेगा कोई ,

हम तो जान के खा लेते है "मात " अक्सर 
असफलता मेरे शब्दकोष में नहीं है

ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...