Showing posts with label राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन शिलांग में आयोजित हुआ. Show all posts
Showing posts with label राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन शिलांग में आयोजित हुआ. Show all posts

Friday 13 July 2012

राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन शिलांग में आयोजित हुआ


राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन शिलांग में आयोजित हुआ
भारतीय सांस्कृतिक परिषद् एवं पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 25 से 27 मई 2012 तक श्री राजस्थान विश्राम भवन में राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया।
उद्घाटन सत्र
दिनांक 25 मई को इस सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि स्थानीय विधायक श्रा पॉल लिंगदोह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस सत्र में मुख्य अतिथि के अतिरिक्त अति विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री अतुल कुमार माथुर, भारतीय पुलिस सेवा, निदेशक उत्तर पूर्वी पुलिस अकादमी, उमियम, जिला रिभोई, विशिष्ट अतिथि के रूप में सरस्वती सुमन के प्रधान संपादक एवं वैदिक क्रांति परिषद् देहरादून के अध्यक्ष डॉ आनन्दसुमन सिंह, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद्, क्षेत्रीय केन्द्र शिलांग  के क्षेत्रीय अधिकारी श्री एन. मुनिश सिंह, समाजसेवी एवं अकादमी के संरक्षक श्री ओंमप्रकाश जी अग्रवाल, पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी के अध्यक्ष श्री बिमल बजाज, संरक्षक श्री पुरुषोत्तमदास चोखानी मंच पर उपस्थित थे। इस सत्र को दौरान अकादमी द्वारा प्रकाशित पत्रिका पूर्वोत्तर वार्ता एवं कुरुक्षेत्र की प्रसिद्ध लेखिका डॉ. रेखा जैन की पुस्तक वृक्षारोपण का वास्तुविज्ञान का लोकार्पण मंचस्थ अतिथियों ने किया।  इस सत्र का सफल संचालन किया अकादमी के संयोजक डॉ. अकेलाभाइ ने।
काव्य संध्या
शाम 6 बजे से काव्य संध्या का आयोजन भोपाल के मशहूर चित्रकार एवं साहित्यकार श्री नवल जायसवाल की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें 46 कवियों ने अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ किया। इस सत्र का संचालन श्री श्री रामकुमार वर्मा, श्रीमती सुरेखा शर्मा और डॉ. ललिता बी. जोगड़ ने किया। इस सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में मंच पर श्री अतुल कुमार माथुर, भारतीय पुलिस सेवा, निदेशक उत्तर पूर्वी पुलिस अकादमी, उमियम, जिला रिभोई उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री बी. डी. तिवारी, संयुक्त सचिव, श्रम विभाग, मेघालय सरकार, श्री किशन टिबरीवाल, सुश्री अलेस्या माकोस्व्काया, प्रो. स्ट्रीमलेट ढखार मंच पर उपस्थित रहे।
संगोष्ठी
दिनांक 26 मई 2012 को पूर्वाह्न 9.30 बजे से श्री राम असरे गोयल की अध्यक्षता में पूर्वोत्तर भारत में हिंदी-दशा और दिशा विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आये 24 प्रतिभागियों ने अपने आलेख पढ़े। इस सत्र का संचान श्री रणजीत कुमार सिन्हा ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सचिव एवं असम राइफल्स महानिदेशालय के शिक्षा अधिकारी श्री निलेश इंगले, अति विशिष्ट अतिथि के रूप में बेलारुस की हिंदी प्रेमी सुश्री अलेस्या माकोस्व्काया, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. राजेन्द्र मानव, डॉ. सुशील गुरु, चिंङाबम निशान निंतम्बा, डॉ. बीना बुदकी, डॉ. ओमप्रकाश ह्यारण दर्द मंच पर उपस्थित थे। डॉ. अनिता पण्डा, डॉ. जमुना बीनी, कुमारी ब्याबंग याना, सुरेखा शर्मा, ङूरी शांति, ईंग परमे, चन्द्रशेखर जी जाडर, केशव ईश्वरप्पा कोंगी, डॉ. उत्मा राजाराम आलतेकर, श्रीमती इलाजाबेथ चौधरी, डॉ. सुरेश महेश्वरी, डॉ. सुरेश मारुति राव मुले आदि विद्वानों ने अपने-अपने आलेख प्रस्तुत किये।  
अखिल भारतीय लेखक सम्मान समारोह
दोपहर 3 बजे से अखिल भारतीय लेखक सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि रूप के रूप में मेघालय राज्य के उप मुख्य मंत्री श्री बी. एम. लानोंग, अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में श्री अतुल कुमार माथुर, विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री एन. मुनिश सिंह, डॉ. आनन्द सुमन सिंह, श्री पवन बावरी, अध्यक्ष श्री बिमल बजाज मंच पर उपस्थित थे। इस सत्र का सफल संचालन डॉ. अरुणा उपाध्या ने किया। इस सत्र में 57 लेखकों को डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान प्रदान किया गया, जबकि श्री केशरदेव गिनिया देवी बजाज स्मृति सम्मान 3, श्री जीवनराम मुंगी देवी गोयनका स्मृति सम्मान 3, श्री जे. एन. बावरी स्मृति सम्मान 1, श्री जमनाधर पार्वती देवी माटोलिया स्मृति सम्मान 2, श्रीमती सरस्वती सिंह स्मृति सम्मान 1 लेखक को उनके समस्त लेखन एवं साहित्यधर्मिता के लिए प्रदान किया गया।
सांस्कृतिक संध्या
सायं 6 बजे से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में श्री एन. मुनिश सिंह, अति विशिष्ट अतिथि श्री अतुल कुमार माथुर, विशिष्ट अतिथि श्री कंवलजीत सिंह, समादेष्टा सीमा सुरक्षा बल सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। इस सत्र का सफल संचालन श्रीमती सरला मिश्र ने किया। इस सत्र का शुभारंभ श्रीमती ललिता बी. जोगड़ द्वारा गाये भजन से किया गया। कुमारी पॉलिना सीएच मारक, श्रीमती सरोज गुप्ता, मेघाली दत्त बरुआ ने भजन गाये जबकि श्री जयप्रकाश तिवारी  ने गीत प्रस्तुत किया। अखिल शिलाङ गोर्खा नेपाली महिला समिति ने भइलो गीत प्रस्तुत किया। सुभद्रा समिति ने तीन देशभक्ति गीत , बांगला गीत और रवीन्द्र संगीत की प्रस्तुति की। श्रीमती पुष्पलता राठौर ने गजल की प्रस्तुति की। नॉर्थ इस्ट डान्स अकादमी के सदस्यों ने बिहु नृत्य, शाइनी के. सांगमा ने गारो नॉत्य, श्रीमती कोनसम सत्रपति देवी ने थोइबी नृत्य, ब्याबंग याना ने निशिंग नृत्य एन. संध्या रानी देवी ने मणिपुरी नृत्य एवं कुमारी रूबी सिंहा ने कत्थक प्रस्तुत किया। डॉ. रशिम वार्ष्णेय ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
पर्यटन
27 मई को कुल 120 प्रतिभागियों ने मौसमाई गुफा, इको पार्क, थांगखरांग पार्क आदि स्थानों  का भ्रमण किया।   

ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...